चटकी पटरी और टूटे स्लीपरो से गुजर रहीं ट्रेनें
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आकाशदीप भारद्वाज, अलीगढ़ : रेलवे की चूक अलीगढ़ में भी खतरा बन सकती है। यहां चटकी पटरी और टूटे स्लीपरों से ट्रेनें गुजर रही हैं। यह हाल करीब तीन महीने से है। सुरक्षा से जुड़े इस मामले पर मुज्जफरनगर रेल हादसे के बाद भी रेलवे अधिकारी गंभीर नहीं। रविवार को पटरी पर ग्रीस व ज्वाइंट सही करने का काम तो किया गया लेकिन, टूटे स्लीपर व चटकी पटरी को सही कराने के लिए कोई कवायद शुरू नहीं हो सकी है।
हालात यह है कि कई जगह ज्वाइंट के पास के स्लीपर टूटे हैं तो कई जगह बीच से। यदि स्लीपर ट्रैक से टूटकर अलग हो जाएं तो किसी बड़े हादसे की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। रविवार को दैनिक जागरण की टीम ने पड़ताल की तो स्थिति हैरान करने वाली नजर आई। हावड़ा एंड के पैदल पुल से कठपुला पुल तक करीब आधा किलोमीटर तक रेलवे ट्रैक देखा गया। ट्रैक की पकड़ मजबूत बनाने के लिए लगाई गई पेंड्रोल क्लिप ही कई स्थानों व ट्रैक के ज्वाइंट से गायब थीं। जो लगी थीं, उनमें अधिकांश ढीली थीं। प्लेटफार्म छह पर ही रेलवे ट्रैक चटका हुआ था। अचरज की बात तो यह है कि इन सब हालातों पर अभी तक रेलवे के अधिकारियों की नजर ही नहीं पड़ी।
150 ट्रेनें गुजरती हैं रोज : अलीगढ़ रेलवे स्टेशन ए ग्रेड का है। यहां से हर रोज करीब 150 पैसेंजर, एक्सप्रेस व सुपरफास्ट ट्रेनें गुजरती हैं। लाइन नंबर तीन व चार पर दिल्ली व कानपुर जाने वाली अधिकतर ट्रेनों का दबाव रहता है। प्लेटफार्म एक, दो, पांच, छह, सात के ट्रैक का हाल बुरा है। इन ट्रैकों की निगरानी नहीं हो पाती, जबकि इन पर मालगाड़ी व पैसेंजर ट्रेनों का संचालन होता है।
नशाखोर ले जाते हैं क्लिप : रेलवे ट्रैक के किनारे बरछी बहादुर दरगाह, पुराने मालगोदाम, सिटी साइड, प्लेटफार्म नंबर सात पर अराजक तत्व अपने मंसूबों को अंजाम देकर रेल संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं। चंद फायदे व नशे की लत को पूरा करने को यात्री सुरक्षा से खिलवाड़ करने से नहीं चूकते। ईंट या अन्य वस्तु से पेंड्रोल क्लिप को निकाल लिया जाता है। इस दौरान ईंट पटरी ही रख दी जाती हैं, जिससे हादसे का खतरा बना रहता है।
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पेंड्रोल ई क्लिप जहां गायब हैं, वहां पड़ताल कराकर बदलवाई जाएंगी। चटके हुए ट्रैक के बारे में जानकारी नहीं थी। मीडिया के माध्यम से जानकारी हुई है। संबंधित अधिकारी को चटके हुए ट्रैक को सही कराने के निर्देश दे दिए हैं।
आरके पाठक, स्टेशन अधीक्षक
हादसे के बाद किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। संबंधित अधिकारियों को स्वंय व गैंगमैन को रेलवे ट्रैक की विशेष निगरानी के निर्देश जारी किए गए हैं। स्लीपर टूटे व पटरी चटकने की जानकारी नहीं थी। अब पता लगा है। इस संबंध में अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है।
सुनील गुप्ता, जनसंपर्क अधिकारी, उत्तर मध्य रेलवे
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एक स्थान पर बदली पटरी
बरछीबहादुर दरगाह के पास रविवार को रेलवे ने दो पटरी बदलीं। इनमें तकनीकि कमियां थीं। पटरियों के प्वॉइंट नहीं मिल पा रहे थे। कई स्थानों पर पटरी के प्वॉइंटों पर ग्रीस लगाया गया और बोल्ट आदि कसे गए।