हाथरस के चर्चित बूलगढ़ी के आरोपितों को आज किया जाएगा अलग-अलग बैरकों में शिफ्ट Aligarh News
हाथरस के चर्चित बूलगढ़ी कांड के चारों आरोपितों के खिलाफ शुक्रवार को सीबीआई के कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने के बाद उन्हें जेल में दूसरी बैरकों में रविवार को भी अपरिहार्य कारणों से शिफ्ट नहीं कराया जा सका ।
By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Mon, 21 Dec 2020 06:01 AM (IST)Updated: Mon, 21 Dec 2020 06:01 AM (IST)
अलीगढ़, जेएनएन। हाथरस के चर्चित बूलगढ़ी कांड के चारों आरोपितों के खिलाफ शुक्रवार को सीबीआई के कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने के बाद उन्हें जेल में दूसरी बैरकों में रविवार को भी अपरिहार्य कारणों से शिफ्ट नहीं कराया जा सका । अब सोमवार को उन्हें नई बैरिक आवंटित कर उनमें शिफ्ट किया जाएगा । बूलगढ़ी ( हाथरस ) में 14 सितंबर को कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म की घटना में चारों आरोपितों को पुलिस ने गिरफ़्तार कर जेल भेजा था । प्रकरण में पहले एसआइटी और बाद में सीबीआई की जांच टीम ने भी जेल पहुंचकर आरोपितों से पूछताछ करने के साथ ही उनके बयान भी दर्ज किए थे । सीबीआई ने पुलिस की मदद से 21 नवंबर को जेल से आरोपितों को गांधीनगर ( गुजरात ) में ले जाकर उनका पॉलीग्राफ व ( ब्रेन इलेक्ट्रिकल आॅसिलेशन सिग्नेचर ) बीइओएस टेस्ट भी कराया था। करीब 15 दिन बाद आरोपितों को छह दिसंबर को जेल में दाखिल किया गया था । कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए जेल प्रशासन ने उन्हें क्वारंटाइन सेंटर में भेजने के साथ ही उनका कोरोना टेस्ट भी कराया था ।
क्वारंटाइट की अवधि रविवार क समाप्त
सीबीआई ने शुक्रवार को मामले में हाथरस के एससी, एसटी कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। आरोपितों को चार्जशीट दाखिल होने पर दूसरी बैरकों में शिफ्ट किया जाना था। 14 दिन के क्वारंटाइट टाइम की अवधि रविवार को समाप्त हो गई । जेल प्रशासन ने आरोपितों को बैरक में शिफ्ट कराने को सारी तैयारी भी पूरी कर लीं। लेकिन कोराना टेस्ट की रिपोर्ट देर शाम तक नहीं मिल पाने से उन्हें दूसरी बैरकों में शिफ्ट नहीं किया जा सका । वरिष्ठ जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने बताया कि सोमवार को चारों ही आरोपितों को नई बैरकों में शिफ्ट कर दिया जाएगा ।
हाथरस छोड़ दिल्ली जाना चाहते हैं मृतका के स्वजन
कल तक बूलगढ़ी छोड़कर न जाने की बात कहते रहे युवती के स्वजन अब हाथरस से जाना चाहते हैं। सीबीआइ की ओर से हाथरस की विशेष न्यायालय अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति एक्ट में चार्जशीट दाखिल करने के बाद स्वजनोंं को लगा है कि आरोपितों को कड़ी सजा मिलेगी। मृतका के पिता का कहना है कि सीबीआइ ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया है। अब आरोपितों को कड़ी सजा दिलानी है। लेकिन, गांव के आसपास के माहौल को देखते हुए हाथरस छोड़ कर दिल्ली जाना चाहते हैं। यहां से चले जाएंगे तो सुरक्षित भी रहेंगे। वे यह भी चाहते हैं कि केस यहां से ट्रांसफर हो जाए। उन्होंने कहा कि गांव के आसपास के लोग हम पर ही बेटी को मारने का आरोप लगा रहे थे। सीबीआइ ने परिवार के अलावा रिश्तेदारों से बारीकी से पूछताछ कर सच्चाई का पता किया है। हम शुरू से ही न्याय की मांग कर रहे हैं।
चार्जशीट की कापी पाने को शुरू होगी आज से कवायद
सीबीआइ की ओर से दाखिल की गई चार्जशीट की कॉपी लेने के लिए सोमवार से कवायद शुरू होगी। इसके लिए दोनों पक्षों के वकीलों तैयारी कर रहे हैं। वे यह जानना चाहते हैं कि चार्जशीट में किन-किन आरोपों का जिक्र किया है और क्या सबूत दिए गए हैं। बहुचर्चित बूलगढ़ी कांड के चारों आरोपितों गांव के ही संदीप, रामू, रवि व लवकुश के खिलाफ सीबीआइ ने हत्या और सामूहिक दुष्कर्म का आरोप पत्र दाखिल किया है। चारों आरोपित अलीगढ़ जेल में हैं। आरोप पत्र युवती ने आखिरी बयान के आधार पर तैयार किया गया। पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता भागीरथ सिंह सोलंकी व आरोपितों के अधिवक्ता मुन्ना सिंह पुंढीर ने बताया कि चार्जशीट की नकल प्राप्त करने के किए सोमवार को नकल सवाल दाखिल करेंगे। इस मामले में अब स्थानीय न्यायालय में चार जनवरी को सुनवाई होनी है। चार्जशीट दाखिल होने के बाद आरोपित खेमे में मायूसी है लेकिन वे मजबूत पैरवी की तैयारी कर रहे हैं। उनका मानना है कि अभी रास्ते खुले हुए हैं। लवकुश के पिता रामवीर ने बताया कि वे अच्छे वकीलों से संपर्क करेंगे। आरोपितों में तीन एक ही परिवार से हैं जबकि चौथा एक अन्य परिवार से है। इस मामले की 27 जनवरी को हाईकोर्ट में भी सुनवाई होनी है।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें