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निरोग रहनेे को बदलनी होगी जीवनशैली, करने होंगे ये काम Aligarh news

कोरोना की दूसरी लहर ने सबको डराकर रख दिया है। ऐसे में हमें अपने जीवनशैली को बदलना होगा। लग्जरी लाइफ से अलग हटकर कड़ी मेहनत करनी होगी। योग गुरु विकास उपाध्याय कहते हैं योग से शरीर के तमाम रोग खत्म हो जाते हैं व्यक्ति स्वस्थ्य और निरोग रहता है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Thu, 27 May 2021 08:11 AM (IST)Updated: Thu, 27 May 2021 08:11 AM (IST)
निरोग रहनेे को बदलनी होगी जीवनशैली, करने होंगे ये काम  Aligarh news
योग गुरु विकास उपाध्याय का कहना है कि शहरों की जीवनशैली में काफी परिवर्तन हुआ है।

अलीगढ़, जेएनएन ।  कोरोना की दूसरी लहर ने हर किसी को डराकर रख दिया है। ऐसे में हमें अपने जीवनशैली को बदलना होगा। लग्जरी लाइफ से अलग हटकर कड़ी मेहनत करनी होगी। योग गुरु विकास उपाध्याय कहते हैं कि प्रतिदिन योग करने से शरीर के तमाम रोग खत्म हो जाते हैं, व्यक्ति स्वस्थ्य और निरोग रहता है। इसलिए आप नियमित यह काम करें। अधिकांश लोग बीमार होने के बाद योग-प्राणायाम की ओर मुड़ते हैं। विकास निराेग रहने के तमाम टिप्स बताते हैं।

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शहरों की जीवनशैली में काफी परिवर्तन हुआ

योग गुरु विकास उपाध्याय का कहना है कि शहरों की जीवनशैली में काफी परिवर्तन हुआ है। हम बड़ी-बड़ी इमारतें तो बनाते गए, मगर स्वास्थ्य के प्रति हमारा ध्यान नहीं गया। ओवरब्रिज, माल, सड़कें, वाटर पार्क में खो गए। यह नहीं देखा कि मनुष्य जब स्वस्थ्य नहीं रहेगा तो इनका आनंद कौन लेगा? इसलिए अब जीवनशैली को बदलना होगा। योग-प्राणायाम की ओर मुड़ना होगा। विकास ने कहा कि तमाम पैथी हैं, उसमें सिर्फ दवाएं दी जाती हैं, मगर योग-प्राणायाम जीवन जीने की कला है। इसमें निराेगी काया के साथ आपको बेहतर जीवन कैसे जीया जाए, उसके बारे में भी बताया जाता है। आधुनिकता की दौड़ में हम सब भूल गए थे। देररात तक जगना, हो-हुल्लड़ करना, पार्टियों में धूम-धड़ाका करना इसी को असली जीवन मान बैठे थे। यदि असली जीवन यही है तो फिर मनुष्य क्यों आक्सीजन के लिए गिड़गिड़ा रहा था, क्यों वो जीवन के लिए संघर्ष कर रहा था? योग गुरु विकास ने दावा किया कि पूरी दुनिया को योग-प्राणायाम की ओर लौटना होगा, तभी जीवन बच सकेगा। योग-प्राणायाम सिर्फ एक क्रिया मात्र नहीं है, यह जीवन को संयमित बनाता है। आपके शरीर को स्वस्थ्य रखता है तो मन को प्रसन्न भी। इससे मन में सकारात्मक विचार आते हैं, ऊर्जा बनी रहती है। नियमित योग-प्राणायाम करते हैं तो आपको आक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ेगी। बीमारी से आप दूर रहेंगे। 

जीवन में करें बदलाव 

योग गुरु विकास ने कहा कि जीवनशैली में बदलाव करना होगा। शाम को नौ और अधिकतम 10 बजे तक शयन करना होगा। ब्रह्ममुहुर्त में जगना होगा। सूर्य निकलने से पहले उठकर आप दैनिक क्रिया से निवृत्त हों। इसके बाद योग-प्राणायाम शुरू कर दें। करीब एक घंटा इसमें समय दें। ध्यान भी जरूर लगाएं। प्रभु से प्रार्थना करें कि सभी स्वस्थ्य और निरोगी रहें। जब आप सभी के कल्याण की कामना करेंगे तो आपका भी कल्याण होगा। दिन में भोजन, नाश्ता और डीनर सभी का समय निर्धारित करें। ऐसा नहीं कि एक दिन सुबह आठ बजे नाश्ता कर रहे हैं और दूसरे दिन दोपहर 12 बजे, इससे शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। भजन-कीर्तन सुने, बाहर के भोजन से बचे। शादी-ब्याह में बना भोजन स्वास्थ्य के प्रति लाभदायक नहीं होता है। भाेजन सादा करिए। मांसाहारी मत बनें। सभी बीमारियों की यही जड़ है। अधिक से अधिक पैदल चलने की कोशिश करिए। अपार्टमेंट में जाते समय लिफ्ट का प्रयोग मत करिए, सीढ़ियों के माध्यम से चढ़िए। इससे आपके घुटने ठीक रहेंगे। साथ ही शरीर का व्यायाम भी हो जाएगा। आजकल छोटे-छोटे बच्चों को भी लिफ्ट की आदत डाल दी गई है, जो ठीक नहीं है। विकास ने कहा कि यदि इतना कार्य कर लेंगे तो बीमारियों से दूर रहेंगे।


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