महिला को सशक्त बनाने के लिए जरूरी नहीं कि वह नौकरी करती हो: तारिक
अलीगढ़ : एएमयू के वीमेंस कॉलेज में काउंसिल फॉर रिसर्च एंड इंपावरमेंट ऑफ वूमन की ओर स
अलीगढ़ : एएमयू के वीमेंस कॉलेज में काउंसिल फॉर रिसर्च एंड इंपावरमेंट ऑफ वूमन की ओर से सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें वक्ताओं ने महिला सशक्तिकरण पर अपनी बात रखीं। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि एएमयू कुलपति प्रो. तारिक मंसूर की पत्नी डॉ. हमीदा तारिक ने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्हें स्वस्थ बनाना भी जरूरी है। उन्हें शारीरिक, मानसिक , मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक रूप से मजबूत होना होगा। महिलाएं घरेलू ¨हसा का सामना कर रही हैं। इन समस्याओं से निपटने के लिए महिलाओं को सशक्त बनाना जरूरी है। सीआरडब्ल्यू की सचिव अर्शी जफर खान ने सभी का स्वागत करते हुए महिला सशक्तीकरण की अवधारणा व महिलाओं की दुर्दशा पर प्रकाश डाला। प्रो. रचना कौशल ने महिला सशक्तीकरण का महत्व बताते हुए कहा कि अन्याय के खिलाफ लडऩे की क्षमता ही इसका मतलब है। एक गरीब महिला को सशक्त किया जा सकता है। इसके लिए यह जरूरी नहीं कि वह शिक्षित हो या नौकरी या उच्च डिग्री या अच्छा वेतन प्राप्त करती हो। महिलाओं को लेकर परिवारों में भेदभाव आज के दौर में भी हो रहा है। महिलाएं परिवार की देखभाल करती हैं। परिवार के लिए कमाती भी हैं, लेकिन समस्या तब पैदा होती है जब मनुष्य का काम महिला की तुलना में बेहतर माना जाता है। तहजीमा कबीर ने विशेष रूप से भारत में सास्कृतिक गिरावट की समस्या पर प्रकाश डाला। प्रो. अनवर जुबैर ने कहा, मुझे एक महिला होने पर गर्व है। एक भारतीय महिला होने पर गर्व है क्योंकि हमारे संविधान हमें पूर्ण समानता प्रदान करता है। मुझे एक मुसलमान महिला होने पर भी गर्व है क्योंकि इस्लाम ने उन अधिकारों को सौंपा हैं जिनके वजह से मैं यहा खड़ी हूं। डॉ बाजीघा धुरु ने भी विचार रखे। धन्यवाद ज्ञापित बरीया खान किया। प्रिंसिपल डॉ. आमना मलिक समेत तमाम शिक्षिकाएं मौजूद रहीं।