क,ख,ग और पहाड़ा सीखने वाले भी अब बनाएंगे अखबार, जानिए कैसे Aligarh News
अब वह अपने अखबार भी तैयार करेंगे। प्रोजेक्ट कार्य के तहत बच्चों को यह गतिविधि कराई जाएगी। इसके तहत रोजाना समाचार पत्रों में छपने वाले समसामयिक घटनाक्रम व सामान्य ज्ञान की विषय वस्तु को काटकर एक अलग सीट पर चिपकाया जाएगा।
अलीगढ़, जेएनएन। शिक्षा की शुरुआती सीढ़ियां चढ़ने वाले यानी क, ख, ग और पहाड़े सीखने वाले अपना अखबार बनाएंगे। ऐसा सुनकर या पढ़कर थोड़ी हैरानी होना लाजमी है लेकिन, इस दिशा में कदम बढ़ाया जा चुका है। यह अखबार सिर्फ प्रेरणा ही नहीं देगा बल्कि औरों को शिक्षित करने का काम भी करेगा। जिनके द्वारा यह अखबार बनाया जाएगा उसी वर्ग के लोग इस अखबार का लाभ भी उठा सकेंगे। कोरोना काल की विषम परिस्थितियों के बाद शिक्षा क्षेत्र में भी काफी बदलाव किए जा रहे हैं। यह बदलाव विद्यार्थियों को तकनीकी ज्ञान व रोजगारपरक शिक्षा देने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
ऐसे सीखेंगे बच्चे अखबार बनाना
कक्षा 1 से 8 तक के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं जो शुरुआती चरण में ककहरा व पहाड़ा याद करना सीखते हैं, अब वह अपने अखबार भी तैयार करेंगे। प्रोजेक्ट कार्य के तहत बच्चों को यह गतिविधि कराई जाएगी। इसके तहत रोजाना समाचार पत्रों में छपने वाले समसामयिक घटनाक्रम व सामान्य ज्ञान की विषय वस्तु को काटकर एक अलग सीट पर चिपकाया जाएगा। ऐसी कई घटनाओं को संकलित कर एक साथ एक सीट पर लगाकर बच्चे अपना अखबार तैयार करेंगे। इस अखबार को स्कूल में अन्य विद्यार्थियों के साथ भी साझा किया जाएगा। इससे एक विद्यार्थी की ओर से तैयार किया गया अखबार जिसमें अलग-अलग जानकारियां होंगी वह दूसरे बच्चों तक पहुंचेगी। इसी तरह किसी अन्य विद्यार्थी द्वारा तैयार किए गए अखबार को जब दूसरे विद्यार्थी पढ़ेंगे तो उनके पास कई क्षेत्रों का सामान्य ज्ञान इकट्ठा होगा। इसके अलावा प्रोजेक्ट के तौर पर विद्यार्थियों को कहानी, कविता, लेख आदि तैयार करने के गुर भी सिखाए जाएंगे। प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों के निर्देशन में छात्र-छात्राएं इन गतिविधियों को करेंगे। ब्लाकवार जिले के सभी स्कूलों में यह गतिविधियां कराई जानी अनिवार्य होंगी। इस संबंध में शासन की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं। जिलास्तर पर शिक्षा अधिकारियों ने भी प्रधानाध्यापकों व खंड शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में तैयारियां करने के निर्देश दे दिए हैं।
बच्चे खुद प्रोजेक्ट तैयार करेंगे
बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पांडेय ने बताया कि विद्यार्थियों में कुछ करके सीखने की भावना को जागृत करने के लिए यह योजना बनाई गई है। बच्चे जब खुद से प्रोजेक्ट तैयार करेंगे तो उनके ज्ञान में खुद बढ़ोतरी होगी। कोरोना काल के चलते अभी स्कूलों में छात्र-छात्राओं को नहीं बुलाया जा रहा है। मगर संक्रमण काल से पूरी तरह राहत मिलने के बाद जब बच्चे विद्यालय आएंगे तो उनको यह गतिविधियां कराई जाएंगी।