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Ayodhya : 1990 में पूरे देश में गूंज उठा था यह गीत, रवींद्र जैन ने कर दिया था आंदोलित

इसी मंच से (अयोध्या करती है आह्वान) सुनाया तो साधु-संन्यासी नाचने लगे। जुनून ऐसा था कि तमाम लोगों ने कह दिया कि अब चाहे प्राण रहे ना रहे|

By Parul RawatEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 08:33 AM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 05:34 PM (IST)
Ayodhya : 1990 में पूरे देश में गूंज उठा था यह गीत, रवींद्र जैन ने कर दिया था आंदोलित
Ayodhya : 1990 में पूरे देश में गूंज उठा था यह गीत, रवींद्र जैन ने कर दिया था आंदोलित

अलीगढ़ [राजनारायण सिंह]। श्रीराम मंदिर आंदोलन को धार देने में अलीगढ़ की माटी का कोई सानी नहीं है। इसी माटी से विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंहल जैसे शिल्पी निकलें तो पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह जैसा साहसिक व्यक्तित्व भी। फिर, अपने कर्णप्रिय गीतों के माध्यम से जन-जन को आंदोलित कर देने वाले सुप्रसिद्ध संगीतकार और गीतकार रवींद्र जैन को कौन भूल सकता है। श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए उनका यह गीत ''अयोध्या करती है आह्वान, ठाट से कर मंदिर निर्माण, शिला की जगह लगा दे प्राण गीत ने तो पूरे देश में राम मंदिर आंदोलन को शिखर पर पहुंचाने का काम किया। गीत को सुनकर रामभक्तों का जोश देखते ही बनता था। विश्व हिंदू परिषद के आग्रह पर रवींद्र जैन ने राम मंदिर आंदोलन के लिए कई गीत लिखे थे। रवींद्र जैन का जन्म अलीगढ़ के कनवरीगंज में 28 फरवरी 1944 को इंद्रमणी जैन और किरण जैन के घर हुआ था। पिता इंद्रमणी जैन संस्कृत के विद्वान और प्रसिद्ध वैद्य थे। रवींद्र जैन जन्म से आंखों से दिव्यांग थे। मगर, सुर बहुत मधुर था। बाल्यावस्था से ही उन्हें गाने का शोक था। लोग उन्हें सुनकर मुग्ध हो जाया करते थे। उन्होंने कोलकत्ता में संगीत की शिक्षा ली और 1968-69 में वह मुंबई चले गए। यहीं से रवींद्र जैन की दुनिया बदल गई। रवींद्र जैन के छोटे भाई मणींद्र जैन बताते हैं कि दादा बचपन से ही प्रभु श्रीराम और श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन रहते थे। भजन गाया करते थे। फिल्मों में भी भक्ति के कई गीत लिखे।

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रामायण सीरियल ने कर दिया अमर

1987 में दूरदर्शन पर रामायण सीरियल आया तो वह घर-घर छा गए। रामायण में उनके द्वारा लिखे गीत और संगीत ने तो सीरियल को अमर कर दिया। मणींद्र बताते हैं कि रामायण सीरियल के दौरान ही राम मंदिर आंदोलन शुरू हुआ। दादा का रामायण में लिखा गीत ''श्रीरामजी की सेना चली' पूरे देश में गूंज रहा था। यह गीत कहीं भी बज उठता तो लोग उत्साहित हो उठते। जयश्रीराम का जयघोष होने लगता और उनका जोश सातवें आसमान पर होता।

विहिप के कहने पर लिखा गीत

मणींद्र जैन बताते हैं दादा के गीत से जब आंदोलन में भूचाल मचने लगा तो विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों ने उनसे संपर्क किया। उनसे प्रभु श्रीराम पर जन-जन को आंदोलित करने वाला गीत लिखने का आग्रह किया। यह बात 1990 के करीब की है। फिर, दादा ने ''अयोध्या करती है आह्वान ठाट से कर मंदिर निर्माण, शिला की जगह लगा दे प्राण, बिठा दे वहां राम भगवान' गीत की रचना की। इस गीत में उन्होंने विश्व हिंदू परिषद, दुर्गावाहिनी और शिवसेना का भी जिक्र किया है।

इंडिया गेट पर नाच उठे थे संत

मणींद्र जैन बताते हैं कि 1990 के समय दिल्ली में इंडिया गेट के सामने बड़ी रैली की गई थी। करीब एक लाख साधु-संन्यासी और रामभक्त जुटे थे। रैली में विहिप के अशोक सिंहल, भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवानी, मुरली मनोहर जोशी और विनय कटियार आदि दिग्गज नेता भी थे। इसी मंच से दादा ने (अयोध्या करती है आह्वान) सुनाया तो साधु-संन्यासी नाचने लगे। जुनून ऐसा था कि तमाम लोगों ने कह दिया कि अब चाहे प्राण रहे ना रहे, मगर अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनना ही चाहिए। उसी के बाद से श्रीराम मंदिर का आंदोलन पूरी दुनिया में छा गया।

पांच रुपइया दे दे रे भैया

रवींद्र जैन राम मंदिर आंदोलन के समय विहिप के लिए कई गीत लिखे। ''पांच रुपइया दे दे रे भैया, राम शिला के नाम, राम के घर में लग जाएगा पत्थर तेरे नाम' इस गीत पर तो लोग चंदा देने के लिए टूट पड़ते थे। ''मंदिर यहीं बनाएंगे गीत भी उन्होंने ही लिखा था, जो खूब चला।

रवींद्र जैन का गूंजेगा गीत

श्रीराम का ज्यों की नाम आता है रवींद्र जैन के लिखे और गाये गीत दुनिया भर में गूंजने लगते हैं। इस समय रवींद्र जैन के गीत सोशल मीडिया पर खूब चल रहे हैं। पांच अगस्त को अयोध्या में आधारशिला रखे जाने पर भी रवींद्र जैन के गीत गूंजेंगे। ''हम कथा सुनाते, राम सकल गुणधाम की, ये रामायण है पुण्य कथा श्रीराम की' गीत सुनाया जाएगा।


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