अलीगढ़, जागरण संवाददाता। बेसिक शिक्षा परिषद के कुछ स्कूलों में शिक्षक-शिक्षिकाओं की मनमानी अपने चरम पर रहती है। न तो वे समय से विद्यालय आते हैं और न ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षण कार्य कराते हैं। अफसरों के निरीक्षण में खामियां सामने आती हैं और लगातार कार्रवाई की जाती हैं। मगर इन कार्रवाई का भी शायद ऐसे कुछ शिक्षकों पर कोई असर नहीं होता है। करीब एक हफ्ते पहले ही अफसरों को निरीक्षण के दौरान कई जगह खामियां मिली थीं। इसी निरीक्षण में खैर के विद्यालय में उपस्थिति रजिस्टर में गैरहाजिर सहायक अध्यापिका के अग्रिम हस्ताक्षर भी मिले थे। हाजिरी में ऐसा फर्जीवाड़ा करने के आरोप में शिक्षिका को निलंबित कर दिया गया है।
अफसरों के निरीक्षण में सहायक अध्यापिका गैरहाजिर मिलीं
कंपाेजिट विद्यालय ऐंचना खैर में अफसरों ने निरीक्षण के दौरान सहायक अध्यापिका ज्योति चड्ढा गैरहाजिर थीं। मगर उपस्थिति रजिस्टर में उनके अग्रिम हस्ताक्षर किए पाए गए थे। अफसरों के संज्ञान में आया है कि इसी तरह शिक्षक बिना विद्यालय आए पहले से ही रजिस्टर में हस्ताक्षर कर देते हैं। मगर यहां सवाल ये उठता है कि अगर शिक्षक ऐसी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं तो एबीएसए या अकादमिक रिसोर्स पर्सन स्कूलों में सुपरविजन का काम कितनी तत्परता से कर रहे हैं? विभागीय सूत्रों के अनुसार बिना मिलीभगत के शिक्षक या शिक्षिका हाजिरी रजिस्टर में अग्रिम हस्ताक्षर नहीं कर सकते हैं। ऐसा करने पर सबसे पहले प्रधानाध्यापक को ही इस बारे में अफसरों को बताना चाहिए। मगर ऐसा होता नहीं है।
गैर हाजिर रहने पर की गयी कार्रवाई
बीएसए सत्येंद्र कुमार ढाका ने बताया कि गैरहाजिर रहने पर उस दिन का वेतन अवरुद्ध करने की कार्रवाई की गई थी। गैरहाजिर रहने पर रजिस्टर में अग्रिम हस्ताक्षर कर शिक्षिका ने कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन किया है। उनके विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई की गई है। निलंबन काल में उनको जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि पर महंगाई भत्ता देय नहीं होगा। अब शिक्षिका को प्राथमिक विद्यालय नगलिया साहब सिंह खैर से संबद्ध किया गया है।