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अलीगढ़ में इतना कचरा है तो कैसे हो गया शहर कूड़ा मुक्‍त, इंटरनेट मीडिया पर हो रही बहस

कचरा मुक्त शहरों की सूची में अलीगढ़ शामिल क्या हुआ कि सवाल उठने शुरू हो गए। फेसबुक वाट्सएप ट्विटर व इंटरनेट मीडिया के अन्य माध्यमों से टिप्पणियां की जा रही हैं। शहर की हकीकत बयां करते फोटो भी पोस्ट हो रहे हैं।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Thu, 18 Nov 2021 04:22 PM (IST)Updated: Thu, 18 Nov 2021 04:22 PM (IST)
अलीगढ़ में इतना कचरा है तो कैसे हो गया शहर कूड़ा मुक्‍त, इंटरनेट मीडिया पर हो रही बहस
शहर की हकीकत बयां करते फोटो भी पोस्ट हो रहे हैं।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। कचरा मुक्त शहरों की सूची में अलीगढ़ शामिल क्या हुआ कि सवाल उठने शुरू हो गए। फेसबुक, वाट्सएप, ट्विटर व इंटरनेट मीडिया के अन्य माध्यमों से टिप्पणियां की जा रही हैं। शहर की हकीकत बयां करते फोटो भी पोस्ट हो रहे हैं। सवाल उठा रहे लोगों का कहना है कि शहर जब इतना गंदा है तो कचरा मुक्त शहरों की सूची में कैसे शामिल हो गया? सर्वे करने आई टीम की नीयत पर भी शक किया जा रहा है। बंद कमरे में अधिकारियों से सांठगांठ कर परिणाम जारी करने के आरोप लग रहे हैं। एक संस्था ने तो मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को पत्र भेजकर पुन: सर्वे कराने की मांग कर डाली।

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यह मामला

जनवरी, 2021 में नेशनल टीम ने यहां स्वच्छता का सर्वे कर सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर अलीगढ़ को कूड़ा मुक्त शहरों की सूची में शामिल कर अवार्ड देने की घोषणा कर दी। इस रिपोर्ट में आपत्तियां की जा रही हैं। वंदे भारत सामाजिक संस्था के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल का कहना है कि अलीगढ़ को कूड़ा मुक्त घोषित कर मजाक किया गया है। शहर अब तक कूड़ा मुक्त नहीं हो सका है। हालात देखें तो देश के सर्वाधिक कूड़ा युक्त शहरो में अलीगढ़ नंबर वन लगता है। अधिकारियों ने सर्वे टीम से सांठ-गांठ कर अलीगढ़ को कूड़ा मुक्त करा दिया। अब अधिकारियों को अवार्ड दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नेशनल टीम ने नगर निगम के अधिकारियों के साथ बंद कमरे में सर्वे कर लिया। शहर का दौरा टीम करती तो सच्चाई पता चलती। संस्था की ओर से लिखे पत्र में कहा है कि तत्कालीन नगर आयुक्त प्रेम रंजन सिंह आधुनिक सोच के व्यक्ति थे। तब साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था हुई थी। रात में सफाई हो रही थी। अब तक जगह-जगह कचरा नजर आता है। जनता को धोखा दिया जा रहा है।

पुन : सर्वे कराने की मांग

महामंत्री नीरज प्रजापति और कोषाध्यक्ष चन्द्ररत्न अग्रवाल ने बताया कि संस्था द्वारा मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को पत्र लिखकर शहर की वास्तविक स्थिति से अवगत कराया जा रहा है। सर्वे टीम के निर्णय का पुरजोर विरोध कर शहर का पुन: सर्वे करने की मांग भी की गई है। यह मांग करने वालों में उपाध्यक्ष समीप वाष्र्णेय, सौरभ माहेश्वरी, यश कुमार, राजेश कुमार, कमर सैफी, भगवान दास, दीपक गुप्ता, मोहम्मद अनीश, मीडिया प्रभारी हिमांशु गुप्ता आदि हैं।


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