शहर के मायापुरी में है कचरे के ढेर पर 'जल स्रोत' Aligarh news
सूख चुकी पोखर पर बना दिया ट्यूबवेल। आसपास लगा रहता है कूड़े का ढेर पानी भी गंदा। गंदगी बदबू से स्थानीय लोगों का बुरा हाल।
अलीगढ़ [जेएनएन] अमृत योजना के तहत घर-घर शुद्ध जल पहुंचाने के सरकार के ख्वाब को सरकारी नुमाइंदे ही पलीता लगा रहे हैं। वाटर लाइन बिछाने को सड़कें खोद दीं, ट्यूबवेल भी ऐसी जगह बना दिए, जहां कचरे के ढेर लगे हैं। सासनीगेट क्षेत्र की मायापुरी पोखर अनदेखी की यही कहानी कह रही है। कभी पानी से लबालब रही ये पोखर कूड़ा, कचरा और अवैध कब्जों से सूख चुकी है। इसे विकसित करने या मूल रूप में लाने के बजाय नगर निगम ने इसका भराव कराकर ट्यूबवेल बनवा दिया, जो कभी-कभार चलता है। पानी भी गंदा आता है। 'जागरण आपके द्वार' कार्यक्रम के तहत रविवार को जागरण टीम वार्ड 41 के इस इलाके में समस्याओं से रूबरू हुई।
सिमट गया दायरा
चार बीघा से अधिक में फैली मायापुरी की पोखर का दायरा अब सिमट चुका है। निगम ने बीते साल यहां ट्यूबवेल लगवाकर अमृत योजना के तहत बिछाई गई लाइन से कनेक्शन करा दिया। लाइन भी ऐसी डाली, जिसमें कई लीकेज हैं। ट्यूबवेल से गंदा पानी आने की शिकायतें हुईं, मगर संज्ञान नहीं लिया गया। उखड़ी सड़क पर आए दिन हादसे हो रहे हैं। पोखर के बाहर नालियां गंदगी से अटी पड़ी हैं।
ट्यूबवेल से आपूर्ति
विकास नगर में बने ओवरहैड टैंक से आपूर्ति होती थी, जो जर्जर है। अब ट्यूबवेल से क्षेत्र में सीधे आपूर्ति होती है। तकनीक खराबी से ट्यूबवेल बंद हो जाए तो परेशानी खड़ी हो जाती है।
वार्ड की स्थिति
आबादी 30000
वोटर 10000
ट्यूबवेल 3
आंगनबाड़ी 0
अस्पताल 4
पार्क 23
ओवरहैड टैंक 1 (जर्जर)
लोगों की जुबानी
मायापुरी निवासी नेत्रपाल का कहना है कि सड़क खोदकर डाल दी है। लीकेज होने से गड्ढों में पानी भर जाता है। पोखर में कचरे से दुर्गंध उठती है। कृष्ण विहार के मुकेश वर्मा ने बताया कि पोखर में पार्क बना देना चाहिए, जहां लोग टहल सकें। वहां कचरे का ढेर लग रहा है। ट्यूबवेल भी वहीं बना दिया है। साथ ही कृष्ण विहार ऋषिपाल सिंह का कहना है कि बच्चों के खेलने के लिए पोखर में पार्क बन जाए तो ठीक रहेगा। गंदगी भी नहीं रहेगी। सफाई रहनी चाहिए। इस मामले में क्षेत्रीय पार्षद सुबोध सिट्टू का कहना है कि पोखर के सुंदरीकरण और पार्क का प्रस्ताव कई बार भेजा जा चुका है, लेकिन अधिकारी संज्ञान नहीं ले रहे। उखड़ी सड़कें ठीक कराई जा रही हैं।