Aligarh Smart City : अलीगढ़ की वीआईपी सड़क में धंस गया ‘विकास’ का ‘पहिया’, पानी में मिल गया 16 करोड़
Aligarh Smart City बरसात से पहले बनी 16 करोड़ रुपये से सड़क इन दिनों ध्वस्त हो गयी। ये सड़क मुख्यमंत्री के संभावित दौरे को लेकर बनायी गयी थी लेकिन बरसात ने सारी मेहनत पर पानी फेर दिया। बरसात होने से सड़क की गुणवत्ता भी धुल गयी।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। Aligarh Smart City : 16 करोड़ की लागत से बनी स्मार्ट सड़क पर भरे पानी से होकर ‘विकास’ जब ‘साइकिल’ से जा रहा था तो उसे अचानक धक्का लगा। ये धक्का उसे सड़क में बने गड्ढे में ‘साइकिल’ का ‘पहिया’ जाने से लगा। ‘विकास’ बड़ा हैरान और परेशान था। सोच रहा था बरसात से पहले तो ये सड़क बनी थी। बड़ी अच्छी दमक रही थी। वाहन भी फर्राटा भर रहे थे। अचानक ऐसा क्या हुआ कि पानी भरते ही गड्ढों में तब्दील हो गई। समझ गया। तार काेल में भिगोकर लगाई गईं बजरी पानी की धार सह नहीं पाई। फिर उसे याद आया। ये सड़क तो मुख्यमंत्री के संभावित दौरे के चलते बनाई थी। यानि मुख्यमंत्री आते तो उनका काफिला इन्हीं सड़कों से होकर गुजरता। अच्छा हुआ बरसात आ गई और सड़क की गुणवत्ता भी पानी में धुल गई। यहां विकास कोई और नहीं स्मार्ट सिटी के नाम हो रहे काम दूसरा नाम है।
आपकी चाय कड़क, हमारी...
खुशनुमा मौसम में चाय दिन बना देती है। कुल्लड में हो तो बात ही कुछ और होती है। अगर बड़े साहब का हाथ लग जाए तो क्या कहने। पिछले दिनों बड़े साहब के हाथ की बनी चाय का जिसने भी लुत्फ उठाया तारीफ करते नहीं थका। चाय बनाने का अनुभव भी छात्र जीवन का था, सो कड़क तो बननी ही थी। चाय की महक उन लोगों तक भी पहुंची जो जलभराव से घिरे हुए थे। मन तो उनका भी भी खूब ललचाया। करते क्या, वहां न तो दूध था और न चाय की पत्ती। पानी में रहते हुए भी पीने के पानी के लाले पड़े हुए थे। कोसने लगे उस व्यवस्था को जो जलभराव का कारण बनी। इन इलाकों में न तो समय पर नाले की सफाई हुई और न नालों का निर्माण हो सका। अगर जल निकासी की राह ठीक होती तो लोगों की रहा में पानी नहीं आता।
तीन मौत के बाद जागे अफसर
टैंक की गहराई दस फीट। नीचे उतरने का रास्ता तीन फुट भी नहीं। सालों से इसी टैंक से शीरा अंदर जा रहा था और निकाला जा रहा था। सराय कावा की घनी आबादी में ये सब होता रहा। अफसरों की आंख तब खुली जब मालिक समेत तीन की टैंक में गिरने से मौत हो गई। जांच हुई तो टैंक मालिक को दोषी पाया गया। कार्रवाई भी कर दी। उन जिम्मेदारों तक जांच की आंच नहीं पहुंची जिनके क्षेत्र में ये काम हो रहा था। गोदाम एक दिन में नहीं बन गया होगा। शीरा का कारोबार अचानक नहीं फलफूल गया होगा। गोदाम अब अवैध मिला था तो पहले क्या सारे मानक पूरा कर रहा था। पहले ही ध्यान क्यों नहीं गया? सबकुछ ठीक रहता तो लोगों की जान नहीं जानती। किशोर की मां के आंसू अब तक नहीं थमें जो अपने मालिक को बचाने के लिए टैंक में कूद पड़ा था।
जिसको नकारा पदक उसने जिताया
शिक्षा के एक बड़े कैंपस की कई शाखाएं भी संचालित होती हैं। उन्हीं एक शाखा में बालिका खिलाड़ी को बाहरी जिले में राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के लिए जाना था। उसने अपने संबंधित प्रशिक्षक से गुहार लगाई कि उसका पंजीकरण कराकर उसको जाने की अनुमति देने की औपचारिकताएं पूरी करा दी जाएं। मगर उसकी गुहार को सुनने के बजाय उसको अनदेखा कर दिया गया। ऐसे में उस प्रतिभा ने अपने खेल गुरु से इस संबंध में मिन्नतें कीं। खेल गुरु ने शाखा की जिम्मेदार मैडम से बात की तो मैडम ने कदम आगे बढ़ाने के निर्देश दे दिए। इन निर्देश में एक आका की प्रतिभा को दूसरे खेल गुरु के जरिए भिजवाने का नियम विरुद्ध पेंच था। मगर जिम्मेदार मैडम ने बेटी की प्रतिभा देखते हुए औपचारिकताएं पूरी कराईं। उस बेटी ने राज्यस्तर पर शानदार प्रदर्शन करते हुए पदक जीतकर जिले व कैंपस की शाखा का मान भी बढ़ाया।