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कृषि अफसरों के दामन से मिटा मृदा परीक्षण घोटाले का दाग, जानिए क्या है मामला Aligarh news

2018 के मृदा परीक्षण घोटाले में शासन ने अलीगढ़ में तैनात रहे तीन कृषि अधिकारिेयों को क्लीनचिट दे दी है। इनमें दो के तबादले भी हो चुके हैं। दामन से भ्रष्टाचार का दाग मिटने से विभागीय अधिकारियों ने राहत की सांस ली है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 11:47 AM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 11:47 AM (IST)
कृषि अफसरों के दामन से मिटा मृदा परीक्षण घोटाले का दाग, जानिए क्या है मामला Aligarh news
2018 के मृदा परीक्षण घोटाले में शासन ने अलीगढ़ में तैनात रहे तीन कृषि अधिकारिेयों को क्लीनचिट दे दी है।

अलीगढ़, जेएनएन।  2018 के मृदा परीक्षण घोटाले में शासन ने अलीगढ़ में तैनात रहे तीन कृषि अधिकारिेयों को क्लीनचिट दे दी है। इनमें दो के तबादले भी हो चुके हैं। दामन से भ्रष्टाचार का दाग मिटने से विभागीय अधिकारियों ने राहत की सांस ली है। संयुक्त कृषि निदेशक (उर्वरक) ने जांच में पाया कि घोटाले की पठकथा लिखने वाली निविदा समिति में वे नामित तो थे, लेकिन निविदा खोलने, प्रपत्रों की जांच और फर्मों का चयन करने में उन्हें शामिल नहीं किया गया। निविदा प्रक्रिया उनकी जानकारी के बगैर पूरी की गई थी। इसी आधार पर इन्हें क्लीनचिट दी गई है।

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ये था मामला

केंद्र सरकार की योजना 'मृदा स्वास्थ्य कार्ड' के ई-टेंडर में बड़े स्तर पर धांधली हुई थी। खेतों की मिट्टी की जांच के लिए सरकार ने नौ फरवरी, 2015 को 'मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना' का शुभारंभ किया था। जिला व तहसील स्तर पर मिट्टी की जांच कराकर कार्ड बांटे गए थे। इसी बीच आउटसोर्सिंग को किए गए टेंडर में गड़बड़ी सामने आई। तत्कालीन कृषि उत्पादन आयुक्त प्रभात कुमार ने जांच की तो पता चला कि आला अफसरों ने अपने स्तर से एक ही व्यक्ति के अलग-अलग नामों से बनाई गईं यस साल्यूशन, मेसर्स सरस्वती सेल्स, सिद्धि विनायक, सतीश अग्रवाल नाम की कंपनियों को 2017-2018 में उनके मुफीद शर्तें जोड़कर कार्ड का टेंडर दे दिया। 2018-19 में भी केंद्र सरकार से जारी गाइडलाइन को दरकिनार कर इन्हीं कंपनियों को टेंडर जारी करके 12 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया। जिन कंपनियों को टेंडर दिया गया, उनके पास मृदा स्वास्थ्य की जांच के लिए मशीनें तक नहीं थीं।

इन पर लगे थे आरोप

कृषि निदेशालय में संयुक्त कृषि निदेशक (जांच व मृदा परीक्षण) पंकज त्रिपाठी, बरेली के उप कृषि निदेशक विनोद कुमार, मुरादाबाद के उप कृषि निदेशक डा. अशोक कुमार, अलीगढ़ मंडल की निविदा समिति के अध्यक्ष व संयुक्त कृषि निदेशक जुगेंद्र सिंह राठौर, सहारनपुर के उप कृषि निदेशक राजीव कुमार, झांसी के उप कृषि निदेशक राम प्रताप, मेरठ के उप कृषि निदेशक सुरेश चंद्र चौधरी, अलीगढ़ के उप कृषि निदेशक, प्रभारी सहायक मृदा परीक्षण श्रीदेव शर्मा, सहायक निदेशक मृदा परीक्षण बरेली संजीव कुमार।

अफसरों को आरोप पत्र

जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार के अलावा भूमि संरक्षण अधिकारी निधि राठौर व जिला कृषि रक्षा अधिकारी डा. राजेश कुमार के खिलाफ 2019 में आरोप पत्र जारी किए गए थे। तीनों अधिकारियों ने अपना जबाव दाखिल कर दिया। संयुक्त सचिव यतींद्र कुमार ने जिला कृषि अधिकारी को निर्दोष करार देते हुए अनुशासनिक कार्रवाई समाप्त करने की संस्तुति कर आदेश जारी कर दिए। बाकी दोनों अधिकारियों को बाद में क्लीनचिट दी गई। इनमें विनाेद कुमार और राजेश कुमार का तबादला हो गया है।


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