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अलीगढ़ मुठभेड़ में एसएसपी ने डीजीपी को बताई सच्चाई, पेश किए ये तथ्य

मुठभेड़ में नौशाद व मुस्तकीम को ढेर कर विवादों में घिरी अलीगढ़ पुलिस को डीजीपी के समक्ष सफाई देनी पड़ गई।

By Edited By: Published: Wed, 26 Sep 2018 04:00 PM (IST)Updated: Wed, 26 Sep 2018 05:04 PM (IST)
अलीगढ़ मुठभेड़ में एसएसपी ने डीजीपी को बताई सच्चाई, पेश किए ये तथ्य
अलीगढ़ मुठभेड़ में एसएसपी ने डीजीपी को बताई सच्चाई, पेश किए ये तथ्य

अलीगढ़ (जेएनएन)। मुठभेड़ में नौशाद व मुस्तकीम को ढेर कर विवादों में घिरी अलीगढ़ पुलिस अपना पक्ष मजबूत करने के लिए साक्ष्य जुटा रही है। मुठभेड़ को लेकर जनप्रतिनिधियों के लगातार विरोध और सोशल मीडिया पर हो रही टिप्पणियों का संज्ञान लेकर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने एसएसपी अजय साहनी को तलब कर लिया। एसएसपी ने डीजीपी के सामने मुठभेड़ से जुड़े तथ्य, पत्रावलियां, मारे गए बदमाशों का आपराधिक इतिहास पेश किया।

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मुस्तकीम और नौशाद को किया था ढेर
राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के रिश्तेदार दंपती व तीन साधुओं समेत छह की हत्या में वांछित 25-25 हजार के इनामी मुस्तकीम व नौशाद को पुलिस ने 20 सितंबर को हरदुआगंज में मुठभेड़ के दौरान ढेर किया था। मुठभेड़ को फर्जी बताकर जब सवाल उठने लगे तो पुलिस इनका आपराधिक इतिहास जुटाने लगी।

हापुड़ में रोड होल्डअप की घटना को दिया था अंजाम
पुलिस का दावा है कि 2007 में मुस्तकीम, नौशाद और इनके गैंग ने हापुड़ में बरखा रोड रेलवे क्रासिंग पर रोड होल्डअप की वारदात को अंजाम दिया था। इसमें मुस्तकीम उर्फ अफसर, शौकीन उर्फ नौशाद, इसका भाई नफीस, रमजानी उर्फ नत्थू के नाम सामने आए। इनसे .32 बोर की लाइसेंसी पिस्टल बरामद हुई, जो जिला रामपुर के थाना शाहबाद थाना क्षेत्र में 2007 में ही हुई ब्लॉक प्रमुख जगवीर जाट की हत्या कर लूटी गई थी। जमानत पर छूटे थे दोनों शातिर रोड होल्डअप की वारदात में इन्हें 31 मई-11 को 10 साल की सजा हुई थी। सात साल डासना जेल में बिताकर 2016 में हाईकोर्ट में अपील पर जमानत पर छूटे थे। मुस्तकीम, नौशाद के अतरौली स्थित किराए पर लिए कमरे से पुलिस की चार वर्दियां भी बरामद हुई।

फर्जीवाड़ा कर हाईकोर्ट से कराई जमानत
साक्ष्य जुटा रही पुलिस कासगंज में उस महिला तक पहुंची, जिसके दस्तावेज लगाकर 2016 में हाईकोर्ट से मुस्तकीम की जमानत कराई गई थी। पुलिस के मुताबिक कासगंज के कोतवाली क्षेत्र की शकीना पत्‍‌नी यामीन की आइडी पर मुस्तकीम की जमानत कराई गई थी। महिला ने पुलिस को बताया कि वह कभी इलाहाबाद ही नहीं गई तो जमानत कैसे कराएगी? नियम ये है कि जमानतदार को हाईकोर्ट में पेश होना पड़ता है। अब ये देखा जा रहा है कि इस फर्जीवाड़े में कौन लोग शामिल थे। मुजफ्फनगर जेल में रमजानी से मिलने गया था मुस्तकीम पुलिस को जानकारी मिली है कि इस गैंग का कुख्यात रमजानी जब मुजफ्फनगर जेल में था, तब मुस्तकीम उससे मिलने वहां गया था। ये जानकारी जेल के रिकार्ड से मिली। पुलिस ने नौशाद और मुस्तकीम की कुंडली निकालने के लिए कई जेलों के जानकारी जुटाई थी।

एक ही मकान से 18 वोटर कार्ड
कस्बा छर्रा के जिस मकान नंबर 205 के पते पर नौशाद, मुस्तकीम समेत 18 लोगों के वोटर कार्ड बने हैं, जो फर्जी बताए जा रहे हैं। जिनके वोटर कार्ड बने हैं, उनमें हसीना, सलीम खां, गुलशन, शाहीन, समीना, इस्लाम, फरजाना, शब्बो, मुस्कान, शाहबाज, अनवरी, शहवान, सद्दाम हुसैन, रुबीना, हिना, सलमान भी हैं।

सोशल मीडिया पर पुलिस का समर्थन
मुठभेड़ करने पर पुलिस की सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ हो रही है। विशाल देशभक्त ने अलीगढ़ पुलिस को समर्थन कर अपनी ट्वीटर वॉल से प्रदेश सरकार को टैग कर धन्यवाद किया है। कहा है कि कुछ लोग इस पर निजी स्वार्थ के चलते राजनीति कर पुलिस को बदनाम कर रहे हैं। वाट्सएप, फेसबुक पर भी लोग पुलिस के समर्थन में टिप्पणी कर रहे हैं।

रालोद अल्पसंख्यक प्रदेश अध्यक्ष ने मुठभेड़ पर उठाए सवा
रालोद अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के पश्चिमी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष शोहराब ग्यास ने प्रदेश में हो रहे एनकाउंटरों पर योगी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ एनकाउंटर फर्जी भी हैं। अगर ऐसा नहीं तो नौशाद व मुस्तकीम के एनकाउंटर की सीबीआइ जांच से परहेज क्यों है? पार्टी अल्पसंख्यक महासम्मेलन करने जा रही है, जिनमें कैराना सांसद तबुस्सम बेगम सहित कई दिग्गज जुटेंगे।

रालोद ने की है धर्मनिरपेक्षता की राजनीति
यहां आए शोहराब ने मीडिया से बातचीत में कहा कि रालोद ने धर्मनिरपेक्षता की राजनीति की है। रालोद प्रमुख चौ. अजित सिंह ने भाईचारे को बढ़ाया। तबुस्सम बेगम का सांसद बनाना इसका प्रमाण है। इस मौके पर जिलाध्यक्ष रामबहादुर चौधरी, महानगर अध्यक्ष अब्दुल्ला शेरवानी, प्रदेश सचिव नीरज शर्मा आदि मौजूद थे।


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