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सीमा पर तैनात सैनिकों के परिजन बोले, पाक को धूल चटा देंगे हमारे लाल

तहसील इगलास में वीरों के गांव के नाम से जिले में पहचाने जाने वाले दौंकाली में शनिवार को गजब का जोश था, आक्रोश भी। नजरें सरहद पर तैनात अपने बेटों पर टिकी हैं। उन्हें फिक्र भले हैं, पर फक्र भी है।

By Edited By: Published: Sun, 17 Feb 2019 10:00 AM (IST)Updated: Sun, 17 Feb 2019 10:59 AM (IST)
सीमा पर तैनात सैनिकों के परिजन बोले, पाक को धूल चटा देंगे हमारे लाल
सीमा पर तैनात सैनिकों के परिजन बोले, पाक को धूल चटा देंगे हमारे लाल
अलीगढ़ (योगेश कौशिक)। तहसील इगलास में वीरों के गांव के नाम से जिले में पहचाने जाने वाले दौंकाली में शनिवार को गजब का जोश था, आक्रोश भी। यहां के लोगों की नजरें सरहद पर तैनात अपने बेटों पर टिकी हैं। उन्हें फिक्र भले हैं, पर फक्र भी है। आतंकी हमले के चलते उनके दिल में आग धधकती महसूस की गई। बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक में पाक को सबक सिखाने का भरोसा दिखा। हमले को लेकर बात करने पर एक बुजुर्ग तो भड़क उठे, बोले, साहब, हमारे लाल पाक को धूल चटा देंगे। वहां तो हमारे कुछ ही बेटे गए हैं, गांव में सभी वीर हैं। जरूरत पड़े तो पूरा गांव सरहद पर जाने को तैयार है।

वीरों का गांव है दौंकाली
जिला मुख्यालय से करीब 22 किलो मीटर दूर इगलास क्षेत्र के इस गांव का माहौल पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद ही बदला हुआ है। दिन की शुरूआत तो जयकारों से हो रही है। देशभक्ति की बातें दिनभर होती है। बातें होती है। सुबह करीब दस बजे चौपाल पर बैठे एक पूर्व फौजी से युवक इशारों में यह जानने की कोशिश करते नजर आए कि सीमा पर क्या हुआ। जवाब था, चिंता की बात नहीं। मौका आने दो। हिसाब बराबर होगा। इससे युवाओं में जोश बढ़ता दिखा।

सरकार 370 हटा दे तो खत्म हो जाएगी पत्थरबाजी
 यह जोश बनाए रखने की बात गांव के एक स्थान पर चल रही पंचायत में रिटायर्ड सूबेदार जीत सिंह कह रहे थे। साथ ही इनकी सरकार से अपेक्षा भी थीं। उनका कहना था कि अब सरकार 370 हटा दे। ऐसा होने पर ही पत्थरबाजी खत्म हो जाएगी। इससे छुट्टी पर गांव आए सैनिक कप्तान सिंह भी सहमत थे। छुïट्टी पूरी होने से पहले ही ड्यूटी पर जाने को तैयार है। उनका कहना था कि अफसरों को बोल दिया है। संदेश आते ही सीमा पर जाऊंगा। लेकिन पाक तो छिप कर बार करता है। एक बार आमना-सामना करे। यह सुन गांव के ही सुनहरी लाल की मुठ्ठी भींच ली। गुस्सा चेहरे पर साफ नजर आने लगा। आक्रोश भरे स्वर में बोले, एक बार मुकाबला आरपार का हो जाए। देश के अंदर छिपे गद्दार पत्थरबाजों को भी माफी देना ठीक नहीं है। उनके साथी रमेश कुमार तो चाहते हैं कि भारत अब पाक पर हमला कर दे और 44 की जगह चार हजार आतंकियों को मार गिराए। गांव के ही अशोक कुमार, लख्मी चंद, रामवीर सिंह भी कुछ इसी तरह भाषा बोल रहे थे। गुस्सा पूरे गांव में था।

इसलिए कहते हैं वीरों का गांव

जिला मुख्यालय से करीब 22 किलो मीटर दूर इगलास क्षेत्र के इस गांव में करीब 150 परिवार हैं, जिनके 40 बेटे फौज में हैं। करीब 20 बेटे सीमा पर तैनात हैं। गांव में 15 पूर्व सैनिक हैं, ये सैनिक अन्य युवाओं को भी सेना के लिए प्रेरित करते रहते हैं।

देश के लिए लडऩे पर गर्व
गांव भटोई के उमेश कुमार का कहना है कि मेरे बड़े भाई दिनेश कुमार जम्मू कश्मीर में तैनात हैं। शुक्रवार को उनसे बात हुई थी। वहां के हालत बहुत खराब बता रहे थे, पर उन्हें देश के लिए लडऩे का गर्व है। मैं भी सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहा हूं। जिससें देश की सेवा कर सकूं।

हम जंग के लिए तैयार
गांव अहल्दा के महावीर का कहना है कि आर्मी से रिटायर्ड हूं। बेटा ओमवीर सिंह जम्मू कश्मीर के नोशेरा क्षेत्र में तैनात है। आज उससे बात हुई, उसका कहना था कि 'किसी भी कीमत पर घबराने वाले नहीं है हम जंग के लिए पूरी तरह तैयार है'।

हमें फिक्र जरूर है, लेकिन फक्र है
इगलास के हाकिम सिंह का कहना है कि मेरा भाई सूबेदार बनवारी सिंह जम्मू कश्मीर में तैनात है। फोन पर बातचीत में उनका कहना था कि वे हर मुकाबले को तैयार हैं। हमें फिक्र जरूर है, लेकिन इस बात का गर्व भी है कि वह देश की रक्षा में तैनात हैं।

लडऩे को तैयार बैठे हैं
गांव राजीपुर के विजय सिंह का कहना है कि मेरा बेटा अमित कुमार श्रीनगर में तैनात है। फोन पर हुई बातचीत में उसका कहना था कि हम हर समय लडऩे के लिए तैयार बैठे हैं। मैं भी सेना से रिटायर्ड हूं। हमारे सैनिक बहुत बहादुर है।


शहादत की खबर सुन आंख भर आईं
गांव मोहनपुर के रहने वाले रामजीलाल (80) 1956 में सेना में भर्ती हुए थे। पाकिस्तान से 1965 व 1971 में हुई लड़ाई में भाग लिया।  उन्होंने बताया कि वह आमर्ड कोर में थे। उस लड़ाई में पाक को धूल चटा दी थी। 1973 में रिटायर्ड हो गया। जब पुलवामा में हुए हमले की घटना के बारे में सुना तो मेरी आंख भर आईं। मैं आज भी देश के लिए लडऩे को तैयार हूं।
 

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