अलीगढ़ में लूट की वारदातः 50 मीटर दूर खड़े थे बदमाश फोन आते ही वैन को बनाया निशाना
पुलिस ने घटना के बाद 50 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले। 12 बजे से शाम तक रेलवे रोड मैरिस रोड समद रोड की हर प्रमुख दुकानों के सीसीटीवी देखे गए।
अलीगढ़ (जेएनएन)। शहर के समद रोड पर लूट की वारदात ने पुलिस के होश उड़ा दिए हैं। घटनाक्रम को देखकर लग रहा था कि बदमाशों ने रेकी की। उन्हें पता था कि कितने बजे कलेक्शन एजेंट बाहर निकलेगा। बदमाश वैन से 50 मीटर दूरी पर खड़े थे। बिना हेलमेट के थे। मास्क भी नहीं पहना था। दोनों ने सफेद गमछे से मुंह ढक रखा था। पीछे वाले बदमाश के पास फोन आया, जिसके कटते ही दोनों वैन की तरफ चल दिए। संभावना है कि कोई तीसरा बदमाश भी था या कोई भेदिया, जिसने बदमाशों को फोन किया।
कई जगह होने के बाद एलआइसी बिल्डिंग आई थी वैन
वैन चालक संतोष कुमार ने बताया कि सुबह आठ बजे वैन लेकर निकले थे। सबसे पहले मसूदाबाद, फिर सारसौल, आसना, रेलवे रोड, बारहद्वारी। एलआइसी दफ्तर आने से पहले सेंटर प्वॉइंट स्थित चोला मंडलम के दफ्तर से कैश लेते हुए समद रोड पहुंचे। दोनों जगहों का कैश वैन में था। बदमाशों ने कब और कहां से वैन का पीछा किया, यह नहीं पता चल पाया। वैन एलआइसी के बाहर खड़ी हुई तो बदमाश भी सड़क किनारे बाइक रोककर खड़े हो गए। एक बदमाश खड़ा हो गया और एक पीछे सीट पर बैठ गया। पीछे बैठे बदमाश ने जेब से फोन निकाला। 10-15 सेकेंड बात की और तेजी से गांधी नेत्र चिकित्सालय तिराहे की ओर चल दिए। वहां से लौटकर रजत से बैग छीना और सीधे भाग निकले।
बिना असलहा के खड़ा था गार्ड
कंपनी के कर्मचारियों ने इतनी बड़ी रकम लाने के दौरान बेपरवाही दिखाई। रजत से बदमाशों ने बैग छीना तो गार्ड अजेंद्रपाल बिना असलहा के बाहर खड़े थे। दूसरा गार्ड वैन में था।
ट्रांसफार्मर के पास क्यों खड़ी की वैन?
बदमाशों को मानो लूट का पूरा मौका दिया गया था। तभी दो जगहों से कैश लेकर आई वैन सड़क पर ही खड़ी की गई, जबकि एलआइसी दफ्तर के झीने तक वैन आसानी से जा सकती थी। वैन को ट्रांसफार्मर के पास खड़ा किया गया था, जिससे बदमाशों को अंदर भी नहीं जाना पड़ा और बैग लूटकर भागने का सीधा रास्ता मिल गया।
मार्केट भी नहीं खुला था
घटना के वक्त वाहन तो गुजर रहे थे, मगर बाजार बंद था। कुछ दुकानें खुली थीं। 11:35 बजे की घटना है, जबकि बाजारों के खुलने का समय 12 बजे से है। इसी समय पर दुकानदार आए तो जाम भी लग गया। पुलिस ने गांधी नेत्र चिकित्सालय तिराहे से ट्रैफिक को रोक दिया था।
गार्ड ने किया पीछा
बदमाश बैग लेकर भागे तो गार्ड गजेंद्र ने पीछा शुरू कर दिया। करीब 50 मीटर भागने के बाद बंदूक से फायर कर दिया। इसके बाद पीछे से ड्राइवर वैन लेकर आया और बाइक का पीछा किया। 200 मीटर तक पीछा किया, मगरपुलिस नहीं थी। उल्टा ड्राइवर ने चौराहे के पास खड़ी पुलिस को सूचना दी थी। सवाल ये भी है कि रजत ने बैग लूटने के बाद बदमाशों का पीछा क्यों नहीं किया? वह एलआइसी दफ्तर में लोगों को बुलाने चला गया।
स्प्लेंडर से क्यों आए बदमाश
अक्सर लूट में अपाचे या पल्सर बाइक का इस्तेमाल किया जाता है। यहां बदमाश इतने आश्वस्त थे कि स्प्लेंडर बाइक लेकर आ गए। उन्हें पता था कि कोई पीछा भी नहीं करेगा। वरना स्प्लेंडर को पकडऩा आसान था। दोनों बदमाश बिना हेलमेट के हरे रंग का सील बैग लेकर भागे थे। कई नाकों से निकलें होंगे, किसी ने नहीं रोका।
50 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले
पुलिस ने घटना के बाद 50 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले। 12 बजे से शाम तक रेलवे रोड, मैरिस रोड, समद रोड की हर प्रमुख दुकानों के सीसीटीवी देखे गए। इनमें बदमाश भागते हुए दिख रहे हैं।
पैरोल पर निकले बदमाशों से पूछताछ
पैरोल पर कई बदमाश जेल से बाहर आए हैं। लूट के बड़ी घटनाओं में शामिल इन्हीं बदमाशों से पुलिस ने पूछताछ कर रही है। सर्विलांस टीम भी एक्टिव हो गई है। एसएसपी ने फिर से पुरानी टीम को लगाया है, जिनमें क्वार्सी थाना प्रभारी छोटेलाल व जवां थाना प्रभारी अभय शर्मा शामिल हैं।
मुनीर गैंग का सदस्य तो सक्रिय नहीं?
अनलॉक-1 के पहले ही दिन बड़ी लूट को देखते हुए लग रहा है कि इसमें किसी बड़े गैंग का हाथ हो सकता है। इस ङ्क्षबदु पर भी जांच हो रही है कि कहीं कुख्यात मुनीर गैंग फिर से सक्रिय तो नहीं हो गया? लूट का यह तरीका मुनीर गैंग का नहीं होता है। जितनी भी घटनाएं मुनीर गैंग ने की थीं, उनमें बीच में आने वाले शख्स पर गोली चला दी जाती थी।
...तो हो जाती अनहोनी
गार्ड की फायङ्क्षरग के जवाब में बदमाशों ने भी फायङ्क्षरग की। गनीमत रही कि उनकी गोली किसी को लगी नहीं, अन्यथा अनहोनी हो सकती थी। पुलिस ने बदमाशों की फायङ्क्षरग से इन्कार किया है। गार्ड ने गोली चलाई थी, जिसके छर्रे से लोग घायल हुए।
लूट ने लखनऊ तक मचाई गूंज
अनलॉक-1 के पहले ही दिन अलीगढ़ में हुई बड़ी लूट लखनऊ तक गूंजी। लॉकडाउन में अपराध थम गए थे। प्रदेश भर में कहीं इतनी बड़ी लूट नहीं हुई। शासन, डीजीपी, व आगरा स्तर के अधिकारियों के लगातार फोन आते रहे। डीआइजी व एसएसपी सक्रिय हुए।
डीआइजी भी छानबीन पहुंचे
सूचना मिलते ही एसएसपी मुनिराज जी के बाद डीआइजी डॉ. प्रीङ्क्षतदर ङ्क्षसह भी घटनास्थल पर पहुंच गए। उन्होंने सीसीटीवी जांच करने को कहा। एसपी सिटी अभिषेक कुमार, एसपी क्राइम डॉ. अरङ्क्षवद कुमार, सीओ तृतीय अनिल समानिया, सीओ द्वितीय पंकज कुमार श्रीवास्तव छानबीन में जुटे रहे।
समद रोड पर काम से आए थे, चल गई गोली
फायरिंग में घायल लोग जरूरी काम से घर से बाहर निकले थे। अचानक क्या हुआ, पता नहीं चला। गोलियां चलीं और अफरा-तफरी मच गई। गार्ड की ओर से किए गए फायर से मां-बेटी समेत पांच लोगों को छर्रे लगे हैं, जिन्हें पुलिस ने जेएन मेडिकल कॉलेज पहुंचाया। अस्पताल में इलाज न मिलने से घायलों ने पीड़ा भी व्यक्त की।
छर्रे तक नहीं निकाले, कोई नहीं सुन रहा
कृष्णा देवी निवासी बेगमबाग 14 साल की बेटी मनीषा शर्मा के साथ मैरिस रोड स्थित इलाहाबाद बैंक रुपये निकालने जा रहे थीं। हाथ-पैर से खून निकला तो पता चला कि छर्रा लग गए हैैं। पुलिस ने अस्पताल तो पहुंचा दिया, मगर इलाज नहीं मिला। कृष्णा ने बताया कि शाम सात बजे तक छर्रे तक नहीं निकाले गए थे। कोई सुनने वाला नहीं है। हम गरीब परिवार से हैं। पति मजदूरी करते हैं। लॉकडाउन में सब पहले ही बर्बाद हो गया था। मेरे पास 50 रुपये थे, इसीलिए बेटी के खाते से पैसे निकालने गए थे। रिश्तेदार आकर रुपये देकर जा रहे हैं...।
प्राइवेट अस्पताल में कराएंगे इलाज
गांधी नेत्र चिकित्सालय के सामने ऑप्टिकल शॉप में काम करने वाले रोहित फोटोस्टेट कराने के लिए पैदल ही समद रोड गए थे। रोहित को हाथ-पैर में छर्रे में लगे हैं। रोहित बताया कि वैन खड़ी थी। बाइक पर दो लोग आए और बैग लेकर भाग गए। गार्ड ने गोली चला दी। बदमाशों ने गोली चलाई या नहीं, ये नहीं पता। रोहित ने अस्पताल की लापरवाही बताई। कहा कि वहां इलाज नहीं हो रहा था, इसीलिए निकल आए। प्राइवेट में इलाज कराएंगे।
प्रिंटर ठीक कराने निकले थे शाहनवाज व अभिषेक
शाहनवाज और अभिषेक निवासी विष्णुपुरी निजी अस्पताल में काम करते हैं। दोनों बाइक से ङ्क्षप्रटर ठीक कराने के लिए समद रोड आए थे। अभिषेक बाइक चला रहे थे, शाहनवाज पीछे बैठे थे। प्रभात प्लाजा के पास बाइक रोककर उतरे ही थे कि फायरिंग होने लगी। शाहनवाज के हाथ, पैर, सिर में छर्रे लगे हैं। अभिषेक को छाती से छूकर छर्रा निकल गया।
बदमाशों ने नहीं की फायरिंग
रजत के मुताबिक बदमाशों ने उसे बट मारी थी। जबकि उसे कोई गंभीर चोट नहीं आई। सीसीटीवी में भी बदमाश धक्का देते दिख रहे हैं। बट मारते नजर नहीं आए। पुलिस के मुताबिक गार्ड की ओर चली गोली 12 बोर की थी। इससे एक ही फायर हुआ था। बदमाशों ने कोई फायर नहीं किया।
अज्ञात के खिलाफ मुकदमा
सिविल लाइंस थाने में रजत की तहरीर पर अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। घायल शाहनवाज की ओर से भी तहरीर दी गई है, जिसे इसी मुकदमे में शामिल किया गया है।
यह था मामला
निजी एजेंसी कैश मैनेजमेंट सर्विसेज (सीएमएस) की ईको वैन सुबह 11:15 बजे एलआइसी दफ्तर कैश लेने पहुंची। कैश को रामघाट रोड स्थित एक्सिस बैंक में पहुंचाना था। वैन में कलेक्शन एजेंट अकराबाद निवासी रजत शर्मा, ड्राइवर बीठना (गौंडा) केसंतोष कुमार, गार्ड अकराबाद निवासी गजेंद्र और बसई काजी गांव निवासी अजेंद्रपाल थे। रजत दफ्तर में कैश लेने चले गए। 15 मिनट बाद 22.48 लाख रुपयों से भरा बैग लेकर लौटे। अजेंद्रपाल वैन के आगे खड़े थे। संतोष व गजेंद्र वैन में अंदर थे। वैन का दरवाजा खोलने से पहले ही बाइक पर आए दो बदमाशों ने तमंचे की बट रजत के सिर पर दे मारी और बैग लूटकर भागने लगे। रजत ने शोर मचाया और अन्य लोगों को बुलाने एलआइसी दफ्तर में चले गए। इतने में ड्राइवर ने वैन मोड़कर बदमाशों के पीछे लगा दी। गजेंद्र बदमाशों के पीछे भागे और फायर कर दिया। जवाब में बाइक पर पीछे बैठे बदमाश ने भी फायरिंग कर दी। ड्राइवर और दोनों गार्डों ने वैन से बदमाशों का पीछा किया, मगर बदमाश रेलवे स्टेशन की तरफ भाग गए।
पहले भी हो चुकी हैं वारदातें
एटीएम में रुपये डालने के साथ ही विभिन्न प्रतिष्ठान और निजी कंपनियों का कैश लेकर उन्हें बैंक में जमा कराने आदि के काम में जुटी सीएमएस इन्फो सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड ने पिछली घटना से सबक नहीं लिया। 17 जुलाई 2017 को इसी कंपनी की कैश वैन गांधीपार्क क्षेत्र में एटीएम बूथों में कैश डाल रही थी। तभी थाने से चंद कदमों की दूरी पर धनीपुर अनाज मंडी के पास बाइक सवार बदमाशों ने गार्ड राकेश मिश्रा व कस्टोडियन कलीमुद्दीन को गोली मारकर 34.50 लाख रुपये लूट लिए थे। सोमवार की लूट के समय एक गार्ड का गाड़ी में ही बैठे रहना और बदमाशों को रोकने का प्रयास न करना संदेह पैदा कर रहा है। हालांकि पुलिस गहनता से जांच कर रही है।