पड़ोसी को सबक सिखाने के लिए ऐसे हमलों की जरूरत
भारतीय वायुसेना के पाकिस्तान में आतंकीकैंपों पर किए गए हमले से जश्न का माहौल है। इसी पर दैनिक जागरण कार्यालय में पूर्व सैनिकों व प्रबुद्धजनों के साथ पाठक पैनल में चर्चा हुई।
By Edited By: Published: Fri, 01 Mar 2019 09:00 AM (IST)Updated: Fri, 01 Mar 2019 09:30 AM (IST)
अलीगढ़ (जेएनएन)। भारतीय वायुसेना के पाकिस्तान में आतंकीकैंपों पर किए गए हमले से जश्न का माहौल है। ढोल-नगाड़ों के साथ लोग पटाखे फोड़कर दीवाली-सी मना रहे हैं। इसी पर दैनिक जागरण कार्यालय में पूर्व सैनिकों व प्रबुद्धजनों के साथ पाठक पैनल में चर्चा हुई। शुरुआत दैनिक जागरण के संपादकीय प्रभारी अवधेश माहेश्वरी ने सभी को बधाई देकर की। सभी ने भारत की कार्रवाई को सराहनीय बताया। कहा,, यह कार्रवाई काफी नहीं है। इससे पाकिस्तान महज सहमा है। उसे काबू में रखने के लिए डर कायम करना होगा। ऐसे हमले होते रहने चाहिए।
सरकार का सहयोग करें राजनीतिक दल
चर्चा की शुरुआत करते हुए पूर्व सैनिक मनोज चौहान ने कहा कि भारत ने पुलवामा हमला का जवाब देकर ताकत दिखाई है। यह सराहनीय है। आगे भी इसे जारी रखना होगा। राजनीतिक दलों को भी इसमें सरकार का सहयोग करना चाहिए। सेंटर प्वॉइंट व्यापार मंडल के अध्यक्ष विवेक बगाई ने कहा कि जब सिर से पानी ऊपर चला गया है, तब कार्रवाई की गई। पूरा देश सरकार के साथ खड़ा है। ऐसे हमलों से आर्थिक रूप पर भारत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। महामंत्री दीपक गर्ग ने कहा कि सेना की कार्रवाई पर नकारात्मक बातें नहीं होनी चाहिए।
कार्रवाई पर्याप्त नहीं
सेवानिवृत्त फौजी भूपेंद्र सिंह ने कहा कि यह कार्रवाई पर्याप्त नहीं है। वहां ऐसे बहुत कैंप हैं। सबको नेस्तानाबूत करना होगा। हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा वापस लेकर भी सरकार ने अच्छा निर्णय लिया है। सूबेदार महीपाल सिंह ने कहा कि भारतीय सेना ने कभी भी पीठ नहीं दिखाई, लेकिन कश्मीर में पत्थरबाजों के सामने दिक्कत होती है। सरकार को उन पर कार्रवाई के लिए मानवाधिकार आयोग को खत्म करना चाहिए। पहली बार सरकार ने सेना को छूट दी है।
कश्मीर से हटे 370
सेना से जुड़े रहे अरविंद सिंह ने कहा कि कश्मीर से 370 धारा को भी हटाना चाहिए। इससे वहां के युवाओं को रोजगार मिलेेंगे। छात्र नेता सौरभ चौधरी ने कहा कि सरकार बाहरी गद्दारों के साथ ही देश के आतंरिक दुश्मनों पर भी कार्रवाई करनी चाहिए। फिर कहीं देवबंद की तरह आतंकवादी नहीं मिलेंगे। अमित गोस्वामी ने कहा कि दमदार कार्रवाई है। इससे पाकिस्तान सहम गया है।
पाक ने हमेशा मुंह की खाई
कैप्टन रणवीर सिंह ने कहा कि देश का जवान बहुत बहादुर है। कैप्टन सुलेमान ने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा मुंह की खाई है। अब भी यही हुआ। भारत को ऐसे हमलों के साथ ही कूटनीतिक दबाव भी बढ़ाना चाहिए। कैप्टन आसिम खान ने कहा कि पाकिस्तान में भेजे जाने वाले आलू, टमाटर, प्याज समेत अन्य सामान पर रोक लगनी चाहिए। चीन में बना सामान इस्तेमाल नहीं करने चाहिए। जिला केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह टिल्लू ने कहा कि अब तक जवानों की शहादत पर दुख होता था। अब आतंकियों के मौत के घाट उतारने पर खुशी हो रही है।
ये भी रहे मौजूद : प्रभात शर्मा, वी सिंह, योगेंद्र सिंह, मृगवीर सिंह, कैप्टन रनवीर सिंह, एमके चौहान, चंद्र शेखर आजाद, दिनेश सिंह, रामकुमार आर्य, आशीष शर्मा आदि।
तब भी घर में घुसकर मारा था पाकिस्तान : वीके गुप्ता
1962, 1965 व 1971 के युद्धों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके फ्लाइट इंजीनियर वीके गुप्ता ने भारतीय सेना की जमकर तारीफ की। कहा, आजादी के बाद भारत की स्थिति इतनी मजबूती नहीं थी। सेना के पास सुविधाएं भी कम थीं। 1962 के युद्ध में सेना ने इसे महसूस भी किया। तमाम जवान मारे गए, लेकिन 1965 व 1971 के युद्ध में सुविधाएं बढ़ीं तो जवानों ने पीठ नहीं दिखाई। तब भी कई किमी अंदर तक पाकिस्तानी सेना को खदेड़ा था। दुश्मन के छक्के छुड़ा दिए। अब देश में बड़ा बदलाव आ गया है। भारत के पास मिराज, सुखाई व तेजस जैसे विमान हैं। पाकिस्तान हमारा दसवां हिस्सा भी नहीं है। भारत को आगे भी पाकिस्तान पर करारा प्रहार करते रहना चाहिए।
सरकार का सहयोग करें राजनीतिक दल
चर्चा की शुरुआत करते हुए पूर्व सैनिक मनोज चौहान ने कहा कि भारत ने पुलवामा हमला का जवाब देकर ताकत दिखाई है। यह सराहनीय है। आगे भी इसे जारी रखना होगा। राजनीतिक दलों को भी इसमें सरकार का सहयोग करना चाहिए। सेंटर प्वॉइंट व्यापार मंडल के अध्यक्ष विवेक बगाई ने कहा कि जब सिर से पानी ऊपर चला गया है, तब कार्रवाई की गई। पूरा देश सरकार के साथ खड़ा है। ऐसे हमलों से आर्थिक रूप पर भारत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। महामंत्री दीपक गर्ग ने कहा कि सेना की कार्रवाई पर नकारात्मक बातें नहीं होनी चाहिए।
कार्रवाई पर्याप्त नहीं
सेवानिवृत्त फौजी भूपेंद्र सिंह ने कहा कि यह कार्रवाई पर्याप्त नहीं है। वहां ऐसे बहुत कैंप हैं। सबको नेस्तानाबूत करना होगा। हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा वापस लेकर भी सरकार ने अच्छा निर्णय लिया है। सूबेदार महीपाल सिंह ने कहा कि भारतीय सेना ने कभी भी पीठ नहीं दिखाई, लेकिन कश्मीर में पत्थरबाजों के सामने दिक्कत होती है। सरकार को उन पर कार्रवाई के लिए मानवाधिकार आयोग को खत्म करना चाहिए। पहली बार सरकार ने सेना को छूट दी है।
कश्मीर से हटे 370
सेना से जुड़े रहे अरविंद सिंह ने कहा कि कश्मीर से 370 धारा को भी हटाना चाहिए। इससे वहां के युवाओं को रोजगार मिलेेंगे। छात्र नेता सौरभ चौधरी ने कहा कि सरकार बाहरी गद्दारों के साथ ही देश के आतंरिक दुश्मनों पर भी कार्रवाई करनी चाहिए। फिर कहीं देवबंद की तरह आतंकवादी नहीं मिलेंगे। अमित गोस्वामी ने कहा कि दमदार कार्रवाई है। इससे पाकिस्तान सहम गया है।
पाक ने हमेशा मुंह की खाई
कैप्टन रणवीर सिंह ने कहा कि देश का जवान बहुत बहादुर है। कैप्टन सुलेमान ने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा मुंह की खाई है। अब भी यही हुआ। भारत को ऐसे हमलों के साथ ही कूटनीतिक दबाव भी बढ़ाना चाहिए। कैप्टन आसिम खान ने कहा कि पाकिस्तान में भेजे जाने वाले आलू, टमाटर, प्याज समेत अन्य सामान पर रोक लगनी चाहिए। चीन में बना सामान इस्तेमाल नहीं करने चाहिए। जिला केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह टिल्लू ने कहा कि अब तक जवानों की शहादत पर दुख होता था। अब आतंकियों के मौत के घाट उतारने पर खुशी हो रही है।
ये भी रहे मौजूद : प्रभात शर्मा, वी सिंह, योगेंद्र सिंह, मृगवीर सिंह, कैप्टन रनवीर सिंह, एमके चौहान, चंद्र शेखर आजाद, दिनेश सिंह, रामकुमार आर्य, आशीष शर्मा आदि।
तब भी घर में घुसकर मारा था पाकिस्तान : वीके गुप्ता
1962, 1965 व 1971 के युद्धों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके फ्लाइट इंजीनियर वीके गुप्ता ने भारतीय सेना की जमकर तारीफ की। कहा, आजादी के बाद भारत की स्थिति इतनी मजबूती नहीं थी। सेना के पास सुविधाएं भी कम थीं। 1962 के युद्ध में सेना ने इसे महसूस भी किया। तमाम जवान मारे गए, लेकिन 1965 व 1971 के युद्ध में सुविधाएं बढ़ीं तो जवानों ने पीठ नहीं दिखाई। तब भी कई किमी अंदर तक पाकिस्तानी सेना को खदेड़ा था। दुश्मन के छक्के छुड़ा दिए। अब देश में बड़ा बदलाव आ गया है। भारत के पास मिराज, सुखाई व तेजस जैसे विमान हैं। पाकिस्तान हमारा दसवां हिस्सा भी नहीं है। भारत को आगे भी पाकिस्तान पर करारा प्रहार करते रहना चाहिए।
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