अलीगढ़ में लूट की कहानी रचने वाले ने चार राहगीरों का हुलिया बताकर पुलिस को 10 घटे किया गुमराह
बैंक से रुपये निकालकर लूट की कहानी रचने वाले मुनीम व उसके बेटे को भेजा जेल।
जासं, अलीगढ़ : गाधीपार्क थाने के सामने 22 लाख की लूट की कहानी रचने वाले मुनीम अजय ने पुलिस को करीब 10 घटे गुमराह किया था। बदमाशों की पहचान के नाम पर चार राहगीरों का हुलिया बताता रहा, जिसके आधार पर पुलिस भी तलाश में जुटी थी। मुनीम ने घटनास्थल भी रैकी भी की थी। उसे लग रहा था कि जो घटनास्थल वह बता रहा है, वहा पुलिस को सीसीटीवी कैमरा नहीं मिलेगा। लेकिन, ढाबे के अंदर लगे एक कैमरे ने उसका पूरी कहानी खोल दी। बेटे को बैग थमाते हुए की तस्वीर ने चौंका दिया। शुक्रवार को दोनों जेल भेज दिए गए।
वारदात गुरुवार की सुबह 11 बजकर 23 मिनट की बताई गई थी। मुनीम ने पुलिस को बताया था कि दो बाइक पर चार लोग आए थे, जो कि बैग छीनकर ले गए। इनमें से दो ने लाल गमछा और दो ने सफेद गमछा डाल रखा था। पुलिस ने बैंक के सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो चार लोग नजर आए। लेकिन, उन पर बाइक नहीं थी। तब पुलिस ने एटा चुंगी से मंडी से आगे तक के कैमरे देखे। लेकिन, बाइक नहीं दिखी। यहीं से पुलिस को मुनीम की कहानी पर शक हुआ। घटनास्थल के पास ढाबे के बाहर लगे कैमरे में भी मुनीम नजर नहीं आया। लेकिन, इसके अंदर लगे एक कैमरे में वह अपने बेटे अंकुर को बैग देता नजर आ गया। यहीं से पुलिस को अपनी तफ्तीश का रास्ता बदल दिया।
मुकदमे में बदलेंगी धाराएं
शुक्रवार को एसपी सिटी कुलदीप सिंह गुनावत व सीओ द्वितीय मोहसिन खान ने प्रेसवार्ता करके घटना का पर्दाफाश किया। एसपी सिटी ने बताया कि मुनीम ने ही बेटे अंकुर को बैग थमाकर लूट की कहानी रची थी। अब यह लूट का मामला नहीं है। ऐसे में मुकदमे को गबन व धोखाधड़ी की धारा में तरमीम किया जाएगा। कासगंज व आगरा की घटना को लेकर फूंक-फूंककर रखा कदम
हाल ही में आगरा व कासगंज में हिरासत में मौत के प्रकरण ने पुलिस के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। इसे देखते हुए यहा भी पुलिस ने मुनीम के साथ कोई सख्ती नहीं की। जब सुबूत मिल गए, तब जाकर पुलिस ने उससे सारी बातें पूंछीं। वहीं अजय पुलिस के सभी पैंतरे जानता था। पुलिस कोई सवाल पूछ भी लेती तो रोने लगता था।
बेटे ने कहा, बैग दे दूंगा,
मुझे जेल मत भेजना
अंकुर नोएडा से ग्रेजुएशन कर चुका है। पुलिस ने जब बेटे अंकुर को दबोचा तो उसने भी गुमराह किया। कहा कि बैग में खाद लेने आया था। सख्ती से पूछताछ में वह टूट गया। बोला कि बैग में दिला दूंगा। लेकिन, मुझे छोड़ देना। पिता को चाहें जेल भेज देना। इधर, सीसीटीवी कैमरे में बैग देने की तस्वीर सामने आने पर अजय का कहना था कि पैसे दिला दूंगा। लेकिन, ये मत पूंछो कि कहा से दिलाऊंगा। इससे पहले भरोसे का गुणगान करता रहा। कहा कि लाला जी कह देंगे तो अपनी जमीन बेचकर पैसे दे दूंगा।
एक दिन पहले की रैकी
दीपावली पर गिफ्ट को लेकर अजय की आढ़ती से कहासुनी हो गई थी। तभी से अजय घटना करने की फिराक में था। एक दिन पहले ही अजय ने रैकी भी की थी। गुरुवार को बैंक जाने से पहले मंडी के गेट पर रुककर अजय ने बेटे को फोन करके बुलाया था। चूंकि बेटा वहा खाद लेने रोज आता था तो आसानी से घटनास्थल पर पिता को देखते ही बैग लेकर निकल गया।
अजय ने तब शव भी नहीं कराया था बरामद
हत्या में जेल जा चुका अजय बेहद शातिर अपराधी है। 2003 में अजय ने अतरौली के युवक के साथ मिलकर एक ट्रक चालक की हत्या की थी। उसमें भी अजय ने जुर्म नहीं कबूला था। जबकि दूसरे आरोपित ने हत्या की बात बताई थी। शव बरामद न होने के चलते उसे जमानत मिल गई। इसीलिए उसके हौसले बुलंद हो गए। उसे लगा कि इस बार भी पुलिस रकम को बरामद नहीं कर पाएगी और वह साफ निकल जाएगा। इसके अलावा कुछ साल पहले अजय ने अपने घर में ही डकैती भी डवलाई थी। उसमें दूसरे लोगों को फंसा दिया था।
एडीजी ने दिया 50 हजार का इनाम
एसएसपी कलानिधि नैथानी ने पूरी टीम पीठ थपथपाते हुए 25 हजार का इनाम दिया। वहीं एडीजी आगरा जोन राजीव कृष्ण ने 50 हजार रुपये के इनाम की घोषणा की। टीम में महुआखेड़ा थाना के क्राइम इंस्पेक्टर सुनील कुमार, गाधीपार्क इंस्पेक्टर बीडी पाडेय, एसआइ हरिभान सिंह, ऋषिपाल सिंह, चरन सिंह, सर्विलास प्रभारी संजीव कुमार, स्वाट प्रभारी संदीप कुमार, इंटीग्रेटेड कमाड एंड कंट्रोल सेंटर के प्रभारी धीरेंद्र सिंह, सर्विलास टीम से सिपाही मनोज, अभिषेक, कुलदीप, टेकराम, देव दीक्षित, मुरारीलाल, ज्ञानवीर, अजय शामिल थे।
अजय बोला, जेल जल्दी ले चलो
घटना का पर्दाफाश होने के बाद अजय व उसके बेटे के चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी। पुलिस जब अजय व उसके बेटे को जेल ले जाने लगी, तो आरोपित जल्दबाजी करने लगी। पुलिस से कहा कि जल्दी जेल ले चलो। शाम हो जाएगी तो वहा नहाना और खाना नहीं हो पाएगा। चूंकि जेल में सब जल्दी-जल्दी होता है। इसे सुनकर पुलिसकर्मी भी हैरान थे।
पुलिस का धन्यवाद किया
आढ़ती सौरभ ने अलीगढ़ पुलिस का धन्यवाद किया है। उन्होंने कहा कि घटना में हर एक पुलिसकर्मी ने अहम भूमिका निभाई। अधिकारी खुद डटे रहे। इसी का नतीजा है कि पूरी रकम मिल गई।