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चुनाव के दौरान रही नेताओं की चहल कदमी, जीतने पर नजर नहीं आए Aligarh news

चुनाव चाहें विधानसभा के हों लोकसभा या पंचायत के हों या फिर वार्ड पार्षदों के प्रचार में लगे नेता आबादी वाले हर इलाके में चहल कदमी करते नजर आते हैं। घर-घर दस्तक देते हैं। मगर जीतने के बाद पार्टी आयोजनों में ही दिखाई देते हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Mon, 21 Jun 2021 11:29 AM (IST)Updated: Mon, 21 Jun 2021 11:45 AM (IST)
चुनाव के दौरान रही नेताओं की चहल कदमी, जीतने पर नजर नहीं आए Aligarh news
लक्ष्‍यनगर कालोनी में जलभराव के चलते घरों से निकलना दूभर है।

अलीगढ़, जेएनएन । चुनाव चाहें विधानसभा के हों, लोकसभा या पंचायत के हों या फिर वार्ड पार्षदों के, प्रचार में लगे नेता आबादी वाले हर इलाके में चहल कदमी करते नजर आते हैं। घर-घर दस्तक देते हैं। मगर जीतने के बाद पार्टी, आयोजनों में ही दिखाई देते हैं। किन-किन क्षेत्रों में घूमे थे, यह तक याद नहीं रहता। ये कहना है कि लक्ष्य नगर कालोनी के निवासियों का। सड़क, सफाई, पथ प्रकाश जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रही इस कालोनी के लोगों ने बताया कि समस्याओं के निस्तारण के लिए कई बार जनप्रतिनिधियों से शिकायत कर चुके हैं। उन्हें वोट देकर जिताने का हवाला भी दिया, लेकिन कोई झांका तक नहीं। क्षेत्रीय पार्षद भी हाल जानने तक नहीं आए। सरकारी महकमे सिर्फ सिफारिशों पर ही विकास करते हैं। अब मुख्यमंत्री से इस संबंध पत्र भेजा गया है।

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कई वर्षों से नहीं हुआ समस्‍या का समाधान

क्वार्सी क्षेत्र में एटा चुंगी बाईपास स्थित लक्ष्य नगर कालोनी में जन समस्याओं को लेकर पिछले कई वर्षों से शिकायतें की जा रही हैं। मुख्यमंत्री को भेजे शिकायती पत्र में अविनाश सिंह ने कहा है कि जनप्रतिनिधि और नगर निगम की अनदेखी के चलते कालोनी बदहाल है। सड़क, नालियां नहीं हैं। सफाई तक नहीं होती। बारिश में तो और बुरा हाल हो जाता है। जलभराव के चलते घरों से निकलना दूभर है। नगर निगम गलियाें में मिट्टी तक नहीं डलवा सका, जिससे निकलने के लिए रास्ता बन जाए। क्षेत्रीय विधायक और पार्षद ने कालोनी में विकास कार्य को लेकर कोई रुचि नहीं दिखाई। जनप्रतिनिधियों के गंभीर न होने से नगर निगम के अधिकारी भी बेपरवाह हो गए हैं। शिकायतों को रद्​दी की टोकरी में डाला जा रहा है। पत्र में कहा है कि कालोनी में सड़कें ही बन जाएं तो काफी राहत मिले। पूर्व में एक बार नाप कराई गई थी, इसके बाद कोई अधिकारी देखने तक नहीं अाया। आरजीआरएस पोर्टल पर शिकायत की गई तो नगर निगम ने शिकायत अपलोड करने का हवाला देकर निस्तारण दिखा दिया। फिर कोई जवाब नहीं आया।


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