सांसद के सवाल पर ऊर्जामंत्री बोले, पराली से पैदा होगी बिजली
सांसद राजेश कुमार दिवाकर ने लोकसभा में विद्युत मंत्रालय से ताप विद्युत संयंत्रों के लिये बायोमास पैलेट से सम्बन्धित जानकारी मांगी।
हाथरस (जेएनएन)। सांसद राजेश कुमार दिवाकर ने लोकसभा में विद्युत मंत्रालय से ताप विद्युत संयंत्रों के लिये बायोमास पैलेट से सम्बन्धित जानकारी मांगी।
पराली का उपयोग होगा महंगा
सांसद ने ऊर्जा मंत्री से पूछा कि क्या सरकार देश के ताप विद्युत संयंत्रों में कोयले के साथ बायोमास पैलेटों (पराली) के उपयोग की योजना बना रही है? यदि हां तो राज्य और संघ राज्य क्षेत्रवार ब्योरा क्या है, जहां बायोमास पैलेट (पराली) कोयले के साथ उपयोग किये जाने हैं? क्या विद्युत उत्पादन के लिये कोयले के साथ बायोमास पैलेट (पराली) का उपयोग महंगा होगा? कोयले के साथ पराली के उपयोग से विद्युत की लागत घटाने के लिये सरकार द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
1.56 एमयू विद्युत का उत्पादन करने की है क्षमता
ऊर्जा मंत्रालय में राज्यमंत्री आर के ङ्क्षसह ने बताया कि केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) ने कोयले के साथ अवषेश आधारित पैलेटों का 5-10 प्रतिशत प्रयोग करने के लिये कोयला आधारित सभी विद्युत संयंत्रों को 17 नवम्बर 2017 को परामर्श जारी की है। सीईए ने पैलेटों/टोरिफाइड पैलेटों के लिये तकनीकी विनिर्दिष्टि भी जारी की है। उपरोक्त परामर्शी के अनुरूप एनटीपीसी ने एनटीपीसी दादरी के लिये 1000 मीट्रिक टन प्रतिदिन (एमटीपीडी) कृषि अवशेष आधारित पैलेटों/टारिफाइड पैलेटों के लिए निविदा जारी की है। 1000 एमटीपीडी की कुल आवश्यकता में से 2 वर्ष की आपूर्ति अवधि के साथ 3 कम्पनियों को 200 मीट्रिक टन प्रतिदिन कृषि अवशेष आधारित पैलेटों/टोरिफाइड पैलेटों के लिये क्रय आदेश दे दिया है। बायोमास पैलेटों को जलाने पर दैनिक आधार पर 65 मेगावाट विद्युत अथवा 1.56 एमयू विद्युत का उत्पादन करने की क्षमता है।