अलीगढ़ में बिजली गुड्स की जैम पोर्टल ने कर दी बत्ती गुल
बिजली गुड्स ( फिटिंग्स उत्पादन) कारोबार की जैम पोर्टल की अनिवार्यता ने बत्ती गुल कर दी है। अबतक शहर के बिजली फिटिंग निर्माताओं ने प्रोडक्ट के पंजीकरण के लिए लाख जतन किए, मगर सफलता नहीं मिली।
अलीगढ़ (मनोज जादोन) । बिजली गुड्स ( फिटिंग्स उत्पादन) कारोबार की जैम पोर्टल की अनिवार्यता ने बत्ती गुल कर दी है। अबतक शहर के बिजली फिटिंग निर्माताओं ने प्रोडक्ट के पंजीकरण के लिए लाख जतन किए, मगर सफलता नहीं मिली। नतीजतन कारोबार ठप है।
अलीगढ़ में बनता है बिजली का यह सामान
अपने शहर में ताला-हार्डवेयर के साथ बिजली फिटिंग में प्रयोग होने वाले जंक्शन बॉक्स, फैन बॉक्स, आयरन पाइप, स्विच बोर्ड, होल्डर बोर्ड (इन डोर फिटिंग्स), ग्लास ब्रेकिट, स्ट्रीट लाइट, स्ट्रीट एलईडी के आयरन फ्रेम आदि का निर्माण किया जाता है। यहां के दो दर्जन कारोबारी पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) व सीपीडब्ल्यू (केंद्रीय लोक निर्माण विभाग) में सीधे सप्लाई देते थे। इन उत्पादकों के उत्पादन आइएसओ व आइएसआइ में भी पंजीकृत हैं।
नहीं हुआ जैम पोर्टल पर पंजीकरण
नई व्यवस्था के तहत बिजली फिटिंग्स के इन उत्पादनों में एक भी प्रोडक्ट का जैम पोर्टल पर पंजीकरण नहीं हुआ है। कारोबारियों ने पंजीकरण के तमाम प्रयास किए, मगर सफलता नहीं मिली। 100 बड़े निर्माताओं के कारोबार पर घोर संकट है।
छह बड़ी कंपनियों का बाजार पर कब्जा
सरकारी विभागों में सप्लाई करने वाले कारोबारी प्रमोद भारद्वाज ने कहा कि 55 साल पुराना कारोबार खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है। सरकार अति सूक्ष्म,लघु कुटीर उद्योग को उजाडऩे पर आमदा है। मल्टीनेशनल कंपनियां फिलिप्स, बजाज, सूर्या, बिप्रो, क्रॉमटन, हैबिल्स जैसी कंपनियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इन कंपनियों के 200-200 उत्पादनों का पंजीकरण किया है। वहीं, हम भी उसी गुणवत्ता के उत्पादन बनाते हैं, एक का भी अफसर पंजीकरण नहीं कर रहे। यह दो करोड़ लोगों को रोजगार देते हैं, जबकि हम 22.5 करोड़ लोगों को रोजगार देते हैं।
उजड़ रहा है कारोबार
दी अलीगढ़ इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष पवन कुमार ने बताया कि जैम पोर्टल पर अलीगढ़ के प्रोडक्ट का पंजीकरण हो। इसके लिए सरकारी विभाग से लेकर सांसद, विधायकों के दर पर गए। किसी ने नहीं सुनी। देखते ही देखते कारोबार उजड़ रहा है।
हर बार रिजेक्ट हुआ आवेदन
उद्यमी मयंक भारद्वाज का कहना है कि मैंने अपनी कंपनी के उत्पादन के पंजीकरण के लिए जैम पोर्टल पर छह बार ऑन लाइन आवेदन किया है। हर बार रिजेक्ट किया जा रहा है। कारण बताने को तैयार नहीं। कारोबारी विमल वाष्र्णेय का कहना है कि बिजली फिटिंग्स मैन्युफैक्चङ्क्षरग यूनिटों में कारीगरों की छंटनी की जा रही है। पहले जीएसटी ने मल्टीनेशनल कंपनियों की बराबरी पर खड़ा किया, जैम पोर्टल ने उजाड़ दिया।