अलीगढ़ में भाजपा की पदयात्रा के जोश को प्रभावित नहीं कर सका पांच राज्यों का चुनाव परिणाम
भाजपा की कमल संदेश पदयात्रा जिस उत्साह के साथ शुरू हुई वह नौ दिसंबर के बाद से ही सुस्त हो गई थी। रविवार को हुए समापन में भी उत्साह नहीं दिखा।
अलीगढ़ (जेएनएन)। भाजपा की कमल संदेश पदयात्रा जिस उत्साह के साथ शुरू हुई वह नौ दिसंबर के बाद से ही सुस्त हो गई थी। रविवार को हुए समापन में भी उत्साह नहीं दिखा। कार्यकर्ता दूर-दूर तक नहीं दिखे। रामलीला मैदान में बमुश्किल 200 कार्यकर्ता भी नहीं जुटे थे। कार्यकर्ताओं के इस उत्साह को हाल ही में मध्यप्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ में हुए चुनाव परिणाम से जोड़कर देखा जा रहा है।
शुरूआत में शामिल हुए थे दिग्गज नेता
भाजपा ने एक दिसंबर से 15 दिसंबर तक कमल संदेश पदयात्रा निकाली। अलीगढ़ महानगर ने नौ दिसंबर को दिल्ली में रैली होने के चलते यात्रा एक दिन और बढ़ा दी थी। रविवार को रामलीला मैदान में समापन होना था। एसएमबी कॉलेज से पदयात्रा प्रारंभ हुई तो जिले के दिग्गज नेता शामिल हुए। रामलीला मैदान में भाजपा प्रदेश मंत्री धर्मवीर प्रजापति समेत कई बड़े नेता थे। मंच पर तो नेताओं की संख्या खूब थी मगर सामने भाजपाइयों की संख्या कम रही। जबकि यहां पर शहर और कोल दोनों विधानसभा क्षेत्रों का एकत्रीकरण था।
जनप्रतिनिधियों की भाषणबाजी में नहीं रही कमी
प्रदेश मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कार्यकर्ताओं में भरसक उत्साह भरने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि 2019 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनेगी। सांसद सतीश गौतम ने कहा कि भाजपा के सामने कोई दल नहीं टिकने वाला है। शहर विधायक संजीव राजा ने कहा कि पदयात्रा के माध्यम से शहर की तमाम समस्याओं के बारे में जानकारी मिली, जिसका निस्तारण कराएंगे। कोल विधायक अनिल पाराशर ने कार्यकर्ताओं का आभार जताया। महानगर अध्यक्ष डॉ. विवेक सारस्वत ने कहा कि पदयात्रा में कार्यकर्ताओं का सराहनीय सहयोग मिला। सुनील पांडेय, डॉ. मानवेंद्र प्रताप सिंह, राम सखी कठेरिया, ठा. श्यौराज सिंह, हेमंत राजपूत, पूर्व महापौर शकुंतला भारती आदि मौजूद थे।