कोरोना का असर थाइलैंड की इमली व आस्ट्रेलिया का आलू बुखारा भी गायब Aligarh news
कोरोना वायरस के प्रकोप से अन्य देशों से आने वाले फलों का आयात भी बाधित है। इससे विदेशी फल बाजार धड़ाम हो गया है। ऐसे में देशी मौसमी फलों की जरूर बल्ले-बल्ले हो गई है।
अलीगढ़ [ जेएनएन ] : कोरोना वायरस के प्रकोप से अन्य देशों से आने वाले फलों का आयात भी बाधित है। इससे विदेशी फल बाजार धड़ाम हो गया है। शहर में विदेशी फल खाने के शौकीन कम नहीं है, मगर जब से कोरोना वायरस के मरीज बढ़े हैं तब से इनके प्रति लोगों का मोह भंग हो गया है। ऐसे में देशी मौसमी फलों की जरूर बल्ले-बल्ले हो गई है।
महंगे होने के बावजूद इनकी मांग बढ़ती जा रही
शहर में कुछ समय पहले तक दुकानों पर आस्ट्रेलियन सेब, न्यूजीलैंड की कीवी, चाइना व अमेरिका के लाल अंगूर, चाइना की नाशपाती, थाईलैंड की मीठी इमली, अमेरिका का आलू बुखारा जैसे विदेशी फल दिख रहे थे। भारतीय फलों के मुकाबले महंगे होने के बावजूद इनकी मांग बढ़ती जा रही थी। शादी के दौरान विदेशी फलों की टोकरी पांच हजार या उससे भी ज्यादा में बिक रही थी। अब ज्यादातर विदेशी फल बाजार से गायब हैं। मॉल में भी नजर नहीं आ रहे। रेलवे रोड स्थित फल विक्रेता नियाज ने बताया कि लोगों में कोरोना का डर इस कद्र हावी हो चुका है कि कोई विदेशी फल नहीं मांग रहा। हमने पिछले माह ही विदेशी फलों की बिक्री बंद कर दी। देशी फलों की बिक्री में इजाफा हुआ है। शिमला का सेब खूब बिक रहा है।
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देशी फलों की बिक्री खूब
रामघाट रोड- अंकुश, फल विक्रेता मंडियों में विदेशी फलों की आवक बंद हो चुकी है। केवल आस्ट्रेलिया का सेब ही बाजार में है, जिसकी कीमत 200-220 रुपये प्रति किलो है। शिमला का अच्छा सेब बाजार में है, इससे आस्टे्रलियन सेब के खरीददार गायब हैं। केला नगर चौराहा राजू, फल विक्रेता, हमारे यहां विदेशी सेब, इमली, अंगूर, आलू बुखारा, बबूगोसा, नाशपाती, कीवी आदि फलों की बिक्री होती है, मगर अब ये फल मंडियों में ही नहीं हैं। देशी फलों की बिक्री खूब हो रही है।
देशी फलों के दाम
(भाव रुपये प्रति किलो में)
काले अंगूर, 80
हरे अंगूर, 40-60
संतरे, 40-50
आम, 100
सेब, 80-100
अनार, 80-100
पपीता, 25-30
केला, 30-40