इटावा के जंगल में छोड़े जाएंगे हाथरस के उत्पाती बंदर, जानिए वजह
हाथरस शहर के 60 हजार उत्पाती बंदरों को इटावा के रापड़ी जंगल में छोड़ा जाएगा। वन विभाग की एनओसी नगर पालिका को मिल गई है।
हाथरस (जेएनएन)। शहर में उत्पाती बंदरों के आतंक से आम जनमानस को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। बंदरों के बढ़ते आतंक के कारण लोगों ने इन्हें पकड़वाने के लिए नगर पालिका के अधिकारियों व चेयरमैन से गुहार लगाई थी। अब बंदरों को पकडऩे के लिए वन विभाग की एनओसी नगर पालिका को मिल गई है। जल्द ही शहर के 60 हजार उत्पाती बंदरों को इटावा के रापड़ी जंगल में छोड़ा जाएगा।
आए दिन होते थे हादसे
बंदरों की संख्या में इजाफा हो जाने के बाद लगातार हादसे बढ़ रहे थे। कई बच्चे तो बंदरों की घुड़की से चोटिल हो गए थे। बंदरों का आतंक के कारण जिला अस्पताल में एआरवी लगवाने वालों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। बंदरों के बढ़ते आतंक को देखते हुए लोगों ने अपने घरों तक को भी चारों तरफ से लोहे के जाल से कवर कराया है। शहर के आवास विकास, स्टेट बैंक कॉलोनी, इंद्रा नगर कॉलोनी, डाकघर गली, पुराना मिल कंपाउंड आदि कई ऐसे उदाहरण हैं। जहां बंदरों का आतंक काफी है। लोगों ने सुरक्षा की ²ष्टि से लोहे के जाल आदि से अपने-आपने घरों को चारों ओर से कवर कराना पड़ा।
दर्ज कराई थी आपत्ति
बंदरों के बढ़ते उत्पात को रोकने के लिए लोगों ने तथा सामाजिक संगठनों ने नगर पालिका परिषद हाथरस और वन विभाग के अधिकारियों के समक्ष गुहार लगाई थी। लोगों ने बंदरों को किसी जंगल में छोड़े जाने के लिए कई बार शिकायती पत्र तक अधिकारियों को दिया था। लेकिन बंदरों को पकडऩे के लिए नगर पालिका व वन विभाग ने सुध नहीं ली।
हाथरस में हैं 80 हजार बंदर
बंदरों की समस्या को देखते हुए चेयरमैन आशीष शर्मा ने चुनावी वादों में बंदरों को पकड़वाने की बात कही थी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में शहर में करीब 80 हजार बंदर हैं, जिसमें से 60 हजार बंदर उत्पाती है। बंदरों को पकडऩे के लिए नगर पालिका हाथरस के चेयरमैन आशीष शर्मा ने वन विभाग से एनओसी मांगी थी। वन विभाग के द्वारा अब एनओसी जारी हो गई है। अब जल्द ही करीब 60 हजार उत्पाती बंदरों को पकड़वाकर इटावा के रापड़ी जंगल में छोड़ा जाएगा।