हिंदू जागरण मंच के नेता का विवादित बयान : सड़क पर पढ़ेंगे हनुमान चालीसा, रोका तो DM को कर देंगे भस्म
अलीगढ़ में सड़क पर हनुमान चालीसा पढ़ने पर डीएम ने रोक लगा दी है जिसका हिंदू जागरण मंच विरोध कर रहा है .
अलीगढ़ (जेएनएन)। सड़क पर हनुमान चालीसा व नमाज पर प्रतिबंध संबंधी डीएम के आदेश को लेकर प्रशासन भले अलर्ट है, पर हिंदू जागरण मंच ने इसे ठुकरा दिया है। शुक्रवार की देर शाम एक कार्यक्रम के बाद मंच के प्रदेश महासिचव सुरेंद्र सिंह भगौर ने अलीगढ़ डीएम को लेकर विवादित बयान दिया है। सड़क पर हनुमान चालीसा और आरती पर रोक लगाने के डीएम के आदेश पर नाराजगी जताते हुए कहा कि डीएम कौन होते हैं रोक लगाने वाले। रावण ने भी राम भक्त हनुमान को रोकने के लिए पूंछ में आग लगाने की चेष्टा की थी। हनुमान जी ने लंका को भस्म कर दिया था। डीएम ने ऐसा किया तो जलाकर भस्म कर देंगे। पूरे ब्रज प्रांत में सड़क पर आरती होगी, देखें कहां-कहां डीएम रोकते हैं। इस पर डीएम चंद्रभूषण सिंह ने हिंदू जागरण मंच के प्रदेश महासचिव भगौर के खिलाफ मामला दर्ज कराने के आदेश सीओ को दिए हैं।
कई क्षेत्रों में हो रहा है हिंदुओं का पलायन
भगोर ने सवाल उठाया कि क्या हिंदुओं के दमन के लिए सारे नियम-कायदे बनाए गए हैं। हम ऐसे नियमों को नहीं मानेंगे। उन्होंने दावा किया कि अलीगढ़ में शुक्रवार को भी कई जगहों पर सड़कों पर नमाज अदा की गई। डीएम रोक नहीं पाए। मदरसों में हथियार मिल रहे हैं। कई क्षेत्रों में हिंदुओं का पलायन हो रहा है, यह खतरे की घंटी है। आंतरिक खतरों से निपटने के लिए हिंदू समाज को तैयार रहना चाहिए।
श्रीराम भक्त ग्रुप भी नाराज
श्री राम भक्त ग्र्रुप के संस्थापक योगेश वाष्र्णेय ने कहा है कि मंदिर में आरती करते हैैं। यदि पीछे तक लाइन लग जाती है तो उसमें हम क्या कर सकते हैं? हमारे यहां तो प्राचीन समय से धार्मिक आयोजन होते आ रहे हैं। रोकना तो उन्हें चाहिए, जो जहां चाहें नमाज अदा करने लगते हैं।
प्रशासन की नमाज पर नजर रही नजर, शनिवार के लिए अलर्ट
शुक्रवार को जुमे की नमाज को लेकर प्रशासनिक अधिकारी चौकन्ने रहे। क्षेत्रों में मजिस्ट्रेट भी तैनात रहे। प्रशासन का दावा है कि कहीं भी सड़क पर नमाज पढऩे की जानकारी नहीं मिली। शनिवार को हनुमान चालीसा पाठ को लेकर भी अफसर सतर्क हैं।
चार दिन पहले दिए रोक के आदेश
डीएम चंद्रभूषण सिंह ने सड़क पर नमाज व हनुमान चालीसा पढऩे पर रोक चार दिन पहले लगाई है। ऐसा शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए किया गाय है। १९ जून को सासनीगेट क्षेत्र में सड़क पर हनुमान चालीसा का पाठ किया गया था, जिससे जाम लग गया था। डीएम का कहना है कि शांति व्यवस्था बनाए रखना प्रशासन की प्राथमिकता है। सड़क पर नमाज व हनुमान चालीस से यातायात प्रभावित होता है। पारंपरिक धार्मिक कार्यक्रमों पर कोई रोक नहीं है। प्रशासन लोगों के सहयोग के लिए है।
रोक के आदेश से विहिप सहमत
विहिप के विभाग मंत्री रामकुमार शर्मा ने कहा है कि हम इस निर्णय का समर्थन करेंगे। मंदिरों में हनुमान चालीसा, सत्संग पहले से करते आए हैं तो करते रहेंगे। सड़क पर नमाज भी नहीं होनी चाहिए। यदि वे नहीं माने तो जगह-जगह आरती शुरू हो जाएगी।
सड़क पर नमाज सही नहीं
डिपार्टमेंट ऑफ सुन्नी थियोलॉजी के पूर्व चेयरमैन डॉ. मुफ्ती जाहिद अली खां का कहना है कि सड़क पर नमाज पढऩा कभी भी सही नहीं रहा है। भीड़ ज्यादा होती है तो लोग बाहर तक आ जाते हैं। किसी भी नए चलन की शुरुआत नहीं होनी चाहिए। मैं डीएम के फैसले के साथ हूं। पारंपरिक कार्यक्रमों पर रोक नहीं लगे। एएमयू के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रेहान अख्तर का कहना है कि इस्लाम कभी भी सड़क पर नमाज पढऩे की इजाजत नहीं देता है। यह पूरी तरह से गलत है और वैसे भी इबादत शहर में अमन चैन और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए होती है। मैं डीएम के फैसले का समर्थन करता हूं। आपसी सौहार्द कायम रहना चाहिए।
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