भाजयुमो ने दी चेतावनी, एएमयू में लगाएंगे मां सरस्वती की प्रतिमा
भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष मुकेश लोधी ने कहा है कि एएमयू में 14 दिन में मंदिर निर्माण शुरू नहीं हुआ तो वे मोर्चा के कार्यकर्ताओं के सरस्वती मां की प्रतिमा स्थापित कर देंगे।
अलीगढ़ (जेएनएन)। एएमयू में अब मंदिर निर्माण की मांग तेज होने लगी है। भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष मुकेश लोधी ने कहा है कि एएमयू प्रशासन ने यदि 14 दिन में मंदिर निर्माण शुरू नहीं कराया तो वे मोर्चा के कार्यकर्ताओं के साथ जाकर सरस्वती मां की प्रतिमा स्थापित कर देंगे। इसके बाद मंदिर का भी निर्माण शुरू करा दिया जाएगा। इस संबंध में उन्होंने वीसी को पत्र भेजा है। इससे एएमयू के समुदाय विशेष के छात्रों में भले रोष है, लेकिन इंतजामिया इस मामले पर चुप्पी साधे हुई है। भाजयुमो के मंडल अध्यक्षों की बैठक में शनिवार को बुलाई गई है, जिसमें रणनीति बनाई जाएगी।
हिंदूवादी मदद को तैयार
मोर्चा के जिलाध्यक्ष का कहना है कि एएमयू में काफी संख्या में ङ्क्षहदू छात्र भी पढ़ते हैं। वहां कोई मंदिर नहीं है। इसलिए छात्रों ने मंदिर निर्माण की मांग की है। एएमयू चूंकि शिक्षा का मंदिर है, इसलिए सरस्वती मां की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इसके लिए ङ्क्षहदूवादी लोग मदद को तैयार हैं। प्रतिमा स्थापित करने व मंदिर निर्माण में धन की कमी नहीं आएगी। एएमयू केंद्र सरकार की मदद से चलने वाले शिक्षण संस्थान है। इसलिए वहां सभी धर्मों का सम्मान होना चाहिए।
अयोध्या जैसा विवाद पैदा करने की कोशिश
सपा के पूर्व छात्रसभा अध्यक्ष मनीश शर्मा ने कहा कि भाजयुमो जिलाध्यक्ष मुकेश लोधी एएमयू में मंदिर निर्माण की घोषणा करके देश में अयोध्या जैसा एक नया विवाद खड़ा करना चाहते हैं। वह जानते हैं कि एएमयू में इस तरह की हरकत से उनकी राजनीति चमकेगी। इसलिए उन्होंने एएमयू इंतजामिया को चेतावनी दी है।
समाज में पैदा होगी वैमनस्यता
भाजयुमो की यह सोच संर्कीण मानसिकता को प्रदर्शित करती है। इससे समाज में वैमनस्यता पैदा होगा। शांत फिजा में अस्थिरता पैदा होगी। मनीष ने कहा कि इससे पता चलता है कि भाजपा सरकार विकास के नाम पर विफल है, इसलिए चुनाव के समय ऐसे मुद्दे उठाए जा रहे हैं। यह देश धर्मनिरपेक्षता वाला है, हम कतई मंदिर का निर्माण नहीं होने देंगे।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी नहीं मानेंगे क्या?
एएमयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष फैजुल हसन ने कहा कि भाजयुमो मोर्चा सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी नहीं मानेंगे क्या? सुप्रीम कोर्ट का 2015 का आदेश है कि किसी भी शिक्षण संस्थान में यदि मंदिर, गुरुद्वारा और मस्जिद है तो उसे तोड़ा नहीं जाएगा। यह भी आदेश है कि नया कोई धार्मिक स्थल बनाया भी नहीं जाएगा। जिलाध्यक्ष यह भी जान लें कि एएमयू में पुरानी चुंगी गेट के पास मंदिर को मुस्लिम छात्रों ने बचाया था। 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचा ध्वस्त किया गया तो एएमयू के मुस्लिम छात्रों ने मंदिर को चारों तरफ से घेरकर उसकी सुरक्षा की थी, जिससे मंदिर बचा रहे।
जेएनयू और डीयू में नहीं कोई मस्जिद
काशी विश्वविद्यालय, जेएनयू और डीयू में कोई मस्जिद नहीं है, मगर हमारे लोगों ने कभी मस्जिद के लिए आंदोलन नहीं किया। भाजपा 2019 का चुनाव ङ्क्षहदू-मुस्लिम, मंदिर-मस्जिद के नाम पर कराना चाहती है, जिससे देश में विवाद उत्पन्न हो। इसलिए इस तरह के मुद्दे उठाए जा रहे हैं।