अफसरों की मनमानी : अलीगढ़ में मुआवजा दिए बगैर तोड़ डाले मकान
अफसरों ने इन मकानों को तोड़कर भूमि अधिग्रहण तो शुरू कर दिया है, लेकिन मुआवजा नहीं दिया। परेशान भवन स्वामी कलक्ट्रेट से तहसीलों तक के चक्कर काट रहे हैं।
अलीगढ़ (जेएनएन)। कानपुर की ओर जीटी रोड का विस्तारीकरण तेजी से हो रहा है। बौनेर से गोपी तक 25 किमी के दायरे में 33 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होना है। इनमें 15 गांवों के 545 मकानों की जमीन भी है। अफसरों ने इन मकानों को तोड़कर भूमि अधिग्रहण तो शुरू कर दिया है, लेकिन मुआवजा नहीं दिया। परेशान भवन स्वामी कलक्ट्रेट से तहसीलों तक के चक्कर काट रहे हैं।
कानपुर तक होना है मार्ग चौड़ा
अलीगढ़ से कानपुर तक मार्ग की लंबाई 280 किमी है। यह सड़क कई साल से जर्जर है। सरकार ने 2015 में इसे फोरलेन बनाने की घोषणा की थी, तभी से प्रक्रिया चल रही है। फोरलेन करने के लिए सर्वाधिक जमीन एटा व फर्रुखाबाद जिले में ली गई है। अलीगढ़ में 15 गांवों में 1400 किसानों की 33 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होना है। इसके लिए सरकार से 149 करोड़ का बजट जारी किया है। प्रशासन ने गांवों के बाहर की जमीन का अधिग्रहण कर लिया था। अंदर मकानों के चलते नहीं हो पाया था।
545 मकान दायरे में
अब गांवों के अंदर जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। 15 गांवों के 545 मकान विस्तारीकरण के दायरे में हैं। सबसे अधिक 108 मकान अकराबाद के हैं। प्रशासन ने इन्हें तोड़कर जमीन पर कब्जा लेना शुरू कर दिया है। करीब 510 मकान टूट चुके हैं, लेकिन अधिकांश भवन स्वामियों को मुआवजा नहीं मिला।
कुछ के मामले तहसील में हैं लंबित
विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी रतन वर्मा का कहना है कि15 गांवों में 545 मकानों की जमीन का अधिग्रहण होना है। इनमें से अधिकांश को मुआवजा मिल गया है। कुछ की रिपोर्ट तहसील स्तर पर लंबित है। वहां से आते ही इसे भी जारी कर दिया जाएगा। जिन लोगों ने ग्राम समाज की जमीन पर मकान बनाए हैं, उन्हें मुआवजा नहीं मिलेगा।