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अलीगढ़ में राशन माफिया को रोक न सका प्रशासन. मामले दर्ज होने के बाद भी लगा है काले धंधे में

राशन की दुकानों से सीधी आपूर्ति अलग से हो जाती है। प्रशासन मुकदमे दर्ज करने के बाद चुप बैठ जाता है। वह जमानत के बाद फिर काम शुरू कर देता है।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Sat, 06 Jun 2020 12:29 AM (IST)Updated: Sat, 06 Jun 2020 01:12 AM (IST)
अलीगढ़ में राशन माफिया को रोक न सका प्रशासन. मामले दर्ज होने के बाद भी लगा है  काले धंधे में
अलीगढ़ में राशन माफिया को रोक न सका प्रशासन. मामले दर्ज होने के बाद भी लगा है काले धंधे में

सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़। ठेल वालों का पूरा नेटवर्क जो घर-घर जाकर अतिरिक्त अनाज को खरीद लाए। राशन की दुकानों से सीधी आपूर्ति अलग से हो जाती है। प्रशासन मुकदमे दर्ज करने के बाद चुप बैठ जाता है। वह जमानत के बाद फिर काम शुरू कर देता है। जिले में राशन माफिया पंकज वाष्र्णेय ने प्रशासन को हिला रखा है। हर माह सैकड़ों कुंतल गेहूं-चावल दिल्ली-नोएडा भेज रहा है। शुक्रवार को पकड़े गए गेहूं-चावल में फिर उसके खिलाफ लोधा थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। सरकारी रिकार्ड के मुताबिक, उससे अब तक 400 कुंतल से ज्यादा राशन का गेहू-चावल बरामद हो चुका है।

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यह है व्यवस्था 

जिले में करीब साढ़े छह लाख राशन कार्डधारक हैं। सरकार सभी को दो रुपये किलो गेहूं व तीन रुपये किलो चावल देती है। लॉकडाउन के समय से मजदूरों को भी मुफ्त राशन दिया जा रहा है, तो साधारण कार्डधारकों को भी पांच किलो चावल प्रति यूनिट मुफ्त भेजा गया है। परंतु इसमें बड़ी मात्रा माफिया के पास पहुंच रही है। राशन माफिया गूलर रोड निवासी पंकज ने इस तरह नेटवर्क बना लिया है कि उसके पास तक खाद्यान्न का आना रुकता नहीं है। राशन की कालाबाजारी में तीन थानों में तीन मुकदमे दर्ज होने के बाद डेढ़ साल पहले प्रशासन ने गूलर रोड निवासी पंकज वाष्र्णेय को राशन माफिया घोषित किया था। इसके बाद  कालाबाजारी के काम से उसके हटने की उम्मीद थी, लेकिन फिर से उसी रास्ते पर चलने लगा। तीन दिन पहले लोधा में राशन का 70 कुंतल चावल पकड़ा गया था। इसमें भी उसका हाथ आने पर ट्रक चालक ने बताया कि यह माल भी पंकज का था। प्रशासन ने पंकज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। परंतु विशेषज्ञों का कहना है कि उसके खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम में ही मुकदमा हुआ है, जिसमें पूर्व की तरह फिर जमानत मिल जाएगी। 

सख्त कार्रवाई से लगेगा अंकुश

प्रशासन राशन की कालाबाजारी में आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 के तहत मुकदमा दर्ज करता है। पंकज पर 2018 में दो मुकदमे और दिसंबर 2019 में भी मुकदमे दर्ज हुए। सब में जमानत हो गई। परंतु माफिया को कोर्ट से जमानत मिल जाती है। ऐसे में प्रशासन राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई पर भी विचार शुरू कर चुका है। 

आढ़त का लाइसेंस निलंबित

पूर्ति विभाग के अफसर बताते हैं कि पंकज पर धनीपुर मंडी में आढ़त का लाइसेंस था। इसकी आड़ में राशन का माल खरीदता था। पिछले दिनों लाइसेंस निलंबित हो चुका है, लेकिन अनाज आना जारी है। डीएसओ चमन शर्मा ने बताया कि पंकज वाष्र्णेय घोषित राशन माफिया है। डीएम के निर्देश पर अब दोबारा  उसके खिलाफ विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर एसएसपी को भेजी रही है। जल्द ही उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। 

सूरतेहाल

- 1351 सरकारी राशन की दुकान जिले में

- 24596 अंत्योदय कार्डधारक जिले में 

- 630024 पात्र गृहस्थी कार्डधारक जिले में


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