Aligarh News: दोहरी चुनौती को लेकर बेसिक शिक्षा के शिक्षकों-प्रधानाचार्यों को टेंशन
यूपी के अलीगढ़ में अभी माध्यमिक व बेसिक शिक्षा विभाग में विद्यार्थियों का ग्रीष्मावकाश चल रहा है। मगर जब अवकाश के बाद विद्यालय खुलेंगे तो विद्यार्थियों की पढ़ाई के साथ शिक्षकों व प्रधानाचार्यों पर उनकी सुरक्षा की दोहरी जिम्मेदारी भी होगी।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर बीत गई मगर अब एक बार फिर से कोराेना संक्रमण अपने पैर पसार रहा है। जिले में कुल सक्रिय केस नौ हैं, जबकि स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 17 मई को जिले में तीन नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। फिलहाल कोरोना संक्रमण के प्रसार की रफ्तार भी धीमी है और इसका संक्रमण की ज्यादा घातक नहीं है। मगर जब बात विद्यार्थियों की हो तो सावधानी व सतर्कता बरतनी जरूरी रहती है। अभी माध्यमिक व बेसिक शिक्षा विभाग में विद्यार्थियों का ग्रीष्मावकाश चल रहा है। मगर जब अवकाश के बाद विद्यालय खुलेंगे तो विद्यार्थियों की पढ़ाई के साथ शिक्षकों व प्रधानाचार्यों पर उनकी सुरक्षा की दोहरी जिम्मेदारी भी होगी।
कोरोना संक्रमण की गति धीमी
अभी 17 फरवरी से अग्रिम आदेश तक सभी बोर्ड से संबद्ध विद्यालयों को भीषण गर्मी के चलते बंद रखने के निर्देश प्रशासन की ओर से जारी किए गए हैं। इसी दौरान विद्यालयों में ग्रीष्मावकाश भी होता है। जो कि अब लागू हो गया है। अब कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी है और यूपी समेत अन्य राज्यों में विद्यालयों को विधिवत खोला भी जाता रहा। ऐसे में जब विद्यालय फिर से खुलेंगे तो शिक्षण कार्य के बजाय अफसरों की निगाहें नियम पालन पर ज्यादा होगी। यूपी बोर्ड, सीबीएसई, आइसीएसई से संबद्ध स्कूल-कालेजों में कोविड-19 के सुरक्षा मानकों के पालन न किए जाने की रिपोर्ट अफसरों के पास पहुंची हैं। इस पर सभी बोर्ड के स्कूल-कालेजों को नोटिस जारी किया गया है। डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि निरीक्षण टीमों ने कई स्कूल-कालेजों का गोपनीय ढंग से निरीक्षण किया था। जिसकी रिपोर्ट में तथ्य सामने आया है कि ज्यादातर जगहों पर कोविड-19 संक्रमण से बचने के सुरक्षा मानकों को ताक पर रख स्कूल संचालित किया जा रहा था। इस संबंध में सभी संस्थानों के प्रधानाचार्यों व प्रबंधकों को नोटिस जारी किया गया है कि विद्यालयों में कोरोना वायरस से सुरक्षा के सभी उपायों को अपनाया जाए। अगर वे इन उपायों का पालन नहीं करा पा रहे हैं तो उनको विद्यालय संचालित करने की अनुमति नहीं है। ऐसे में भले ही शासनस्तर से विद्यालयों को खोलने की अनुमति मिल जाए लेकिन कोरोना गाइडलाइंस के पालन के बिना किसी भी संस्थान को संचालित नहीं करने दिया जाएगा।
कोरोना से बचाव जरूरी
विद्यार्थियों की सुरक्षा से किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बताया कि चार-चार सदस्यीय टीमों का गठन किया गया है। ये टीमें विद्यालय खुलने पर वहां जाकर काेरोना गाइडलाइंस के पालन की सच्चाई को देखेंगे। अगर किसी विद्यालय में नियमों का पालन न किया जाता पाया गया तो उसको तत्काल बंद कराने की कार्रवाई की जाएगी। फिर सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने का प्रमाणपत्र देने के बाद ही विद्यालय संचालन की अनुमति दी जाएगी। कोराेना संक्रमण का प्रकोप फिलहाल टला है लेकिन कुछ केस अभी भी निकल रहे हैं। इसका प्रसार फिर से न हो और विद्यार्थी संक्रमित न हों, इसलिए अनिवार्य रूप से कोरोना से बचाव के उपाय संस्थानों में कराए जाएंगे। लापरवाही करने वालों के खिलाफ मान्यता प्रत्याहरण की संस्तुति कर रिपोर्ट संबंधित बोर्ड को भेजी जाएगी।