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वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगवाने पर लगेगा दस हजार का जुर्माना, जानिए विस्‍तार से

एक अप्रैल 2019 से पहले खरीेदे गए वाहनों पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट और कलर कोडेड स्टीकर लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके बाद भी वाहन स्वामी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने में रुचि नहीं ले रहे हैं।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 11:37 AM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 11:37 AM (IST)
वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगवाने पर लगेगा दस हजार का जुर्माना, जानिए विस्‍तार से
आरटीओ स्तर से बिना नंबर प्लेट वाले वाहनों से जुर्माना वसूलने का अभियान चलाया जाएगा।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। एक अप्रैल 2019 से पहले खरीेदे गए वाहनों पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट और कलर कोडेड स्टीकर लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके बाद भी वाहन स्वामी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने में रुचि नहीं ले रहे हैं। इससे वाहन चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। जल्द ही आरटीओ स्तर से बिना नंबर प्लेट वाले वाहनों से जुर्माना वसूलने का अभियान चलाया जाएगा।

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यह हैं निर्देश

प्रदेश में सबसे पहले व्यावसायिक वाहनों के लिए उनके क्रमांक के अनुसार अलग-अलग तारीखों तक हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाना अनिवार्य किया गया है। आरटीओ प्रवर्तन फरीदउद्दीन ने बताया कि 15 नवंबर तक दिल्ली-एनसीआर में पंजीकृत सभी जिलों के निजी वाहनों व उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के व्यावसायिक वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना अनिवार्य किया गया था। सभी जिलों में निजी वाहनों पर वाहन रजिस्ट्रेशन के इकाई नंबर के अनुसार हाई सिक्योरिटी प्लेट लगाने की तारीखें तय की गई हैं। इसके तहत जिन वाहनों के नंबर के अंत में 0 या 1 है, उन्हें 15 नवंबर तक हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट एवं कलर कोडेड स्टीकर लगवाना अनिवार्य किया गया था। जिन निजी वाहनों के पंजीकरण नंबर के अंत में 2 और 3 हैं, उन पर 15 फरवरी 2022 तक। जिनका इकाई नंबर 4 या 5 है, उन पर 15 मई 2022 तक। वाहनों के नंबर के अंत में 6 या 7 हैं, उन्हें 15 अगस्त 2022 तक और जिनके वाहनों के पंजीकरण की इकाई का नंबर 8 या 9 है, उन्हें 15 नबंबर 2022 तक प्लेट लगवानी होगी। निर्धारित तारीखों के बाद हाई सिक्योरिटी प्लेट न लगवाने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। व्यावसायिक के बाद अब प्राइवेट वाहनों पर भी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट अनिवार्य हो गई है।

यहां जरूरी है नंबर प्लेट

हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट मुख्य रूप से एल्युमिनिय से बनी होती है। इसमें एक क्रोमियम बेस्ट होलोग्राम होता है। इस नंबर प्लेट पर एक अशोक चक्र बना होता है, जो प्लेट के बाएं कोने पर नीले रंग से बना होता है। एक अप्रैल 2019 से पूर्व के पंजीकृत वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाना जरूरी है। नई नंबर प्लेट के बिना परिवहन विभाग में फिटनेस, पुन: पंजीयन और परमिट के साथ ही सभी तरह के कार्यों पर भी रोक लग जाएगी ।

घर बैठे लगवा सकते हैं हाई सिक्योरिटी नंबर

वाहन स्वामी माइ बुक एचएसआरपी डोट काम की आफिशियल वेबसाइट पर आनलाइन बुकिंग कर घर बैठे भी अतिरिक्त शुल्क वहन करके प्लेट लगवा सकते हैं। अगर आप सिक्योरिटी प्लेट नहीं लगवाते हैं तो 10 हजार रुपये तक का जुर्माना वसूला जा सकेगा। पहले वाली नंबर प्लेटों को वाहन के साथ नट बोल्ट की मदद से कनेक्ट किया जाता था, जिसे कोई भी आसानी से खोल सकता था। लेकिन, हाई सिक्योरिटी प्लेट वन टाइम लाक से जुड़ी होती है। जिसे अगर कोई व्यक्ति खोलना भी चाहे तो वह नहीं खुलेगी। इसे तोड़ना ही पड़ेगा। इससे हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट ख़राब हो सकती है। अावेदन करने के बाद आपको कुल तीन प्लेट दी जाती हैं। एक गाड़ी के आगे, दूसरी पीछे व तीसरी स्टीकर के रूप में दी जाती है, जिसे गाड़ी के पीछे शीशे पर लगाना जरूरी है।इसमें चेसिस नंबर, इंजन नंबर की जानकारी होती है।

बिना नंबर प्लेट राज्यों में प्रवेश पर रोक

- बिना हाई सिक्योरिटी लगे पुराने वाहनों काे एनसीआर, दिल्ली, पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों में नहीं मिलेगा प्रवेश।

- वर्ष 2019 से पहले खरीदे वाहनों में लगनी है नंबर प्लेट, नए वाहनों में डीलर्स ही लगवाकर दे रहे हैं हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट।

- आरटीओ के रिकार्ड के अनुसार अलीगढ़ जिले में 2019 से पहले खरीदे एक 12,64,418 वाहनों पर नंबर प्लेट लगनी हैं। इस पर 60 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

नए वाहनों में डीलर्स लगाकर दे रहे

आरटीओ प्रवर्तन फरीदउद्दीन ने बताया कि नया वाहन खरीदने पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर संबंधित बिक्री डीलर खुद ही वाहन में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट चस्पा करके दे रहे हैं। पुराने वाहनों के लिए यह व्यवस्था है कि वह जिस डीलर्स से गाड़ी खरीदी है, उससे संपर्क कर नई नंबर प्लेट लगवा सकते हैं। दो पहिया वाहन के लिए 300 रुपये व उससे अधिक पहिया वाले वाहन की नंबर प्लेट के लिए डीलर को 600 रुपये देने होंगे। इसके बाद डीलर्स आनलाइन आवेदन करेगा। स्लिप जारी होने के बाद में बार कोड जारी होगा। इस बार कोड समेत हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को डीलर्स वाहन में चस्पा करेंगे। इसमें मौजूद रजिस्ट्रेशन मार्क, क्रोमियम बेस्ड होलोग्राम स्टिकर ऐसे हैं, जिन्हें निकालने या सिर्फ कोशिश करने पर ही यह खराब हो जाएंगे। वाहन चोर किसी भी वाहन में लगी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को निकालने या उससे छेड़छाड़ कर नंबर बदलने की कोशिश ही नहीं कर सकेंगे। आरटीओ ने बताया कि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने के लिए वाहन स्वामियों को लगातार जागरूक बनाया जा रहा है। चूंकि नंबर प्लेट लगवाने का काम संबंधित वाहन निर्माता कंपनी व डीलर्स के स्तर से हो रहा है, ऐसे में तय किया गया है कि आरटीओ में बिना नंबर प्लेट वाले वाहनाें के नंबर प्लेट न लगने तक फिटनेस आदि पर रोक लगा दी गई है।

जिले में वाहनों पर एक नजर

वर्ष 2019 से पहले खरीदे गए वाहनों का आंकड़ा

वाहन का प्रकार - संख्या, नंबर प्लेट पर आने वाला खर्च

दोपहिया वाहन - 5,39,354, 16 करोड़ 18 लाख, छह हजार रुपये

चार पहिया वाहन - 7,03,442, 19 करोड़, 24 लाख, 20 हजार रुपये से अधिक

व्यावसयिक वाहन - 12,03,001, 12 करोड़, 26 लाख रुपये से अधिक

इन पर लग चुकी सिक्योरिटी नंबर प्लेट

दोपहिया वाहन- 1,68, 676

चार पहिया वाहन - 32,344

व्यावसयिक वाहन - 13,291


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