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किशोरी की संदिग्ध मौत, पुलिस ने चिता से उठवाया शव Aligarh News

एक किशोरी की संदिग्ध हालातों में मौत हो गई। परिजन गुपचुप अंतिम संस्कार करने पहुंचे तो किसी ने पुलिस को खबर दे दी। पुलिस ने शव को चिता से उठवाया और पोस्टमार्टम कराया।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Fri, 20 Dec 2019 01:30 PM (IST)Updated: Fri, 20 Dec 2019 03:55 PM (IST)
किशोरी की संदिग्ध मौत, पुलिस ने चिता से उठवाया शव Aligarh News
किशोरी की संदिग्ध मौत, पुलिस ने चिता से उठवाया शव Aligarh News

अलीगढ़ [जेएनएन]। अतरौली थाना क्षेत्र के राजमार्गपुर गांव में बुधवार को एक किशोरी की संदिग्ध हालातों में मौत हो गई। परिजन गुपचुप अंतिम संस्कार करने पहुंचे तो किसी ने पुलिस को खबर दे दी। पुलिस ने शव को चिता से उठवाया और पोस्टमार्टम कराया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का सही कारण पता नहीं चल सका है और बिसरा संरक्षित कर लिया गया है। किशोरी की मौत को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं।

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ऐसे हुई किशोरी की मौत

मजदूरी करने वाले गांव के चेतराम लोधी के पांच बच्चे हैं। चौथे नंबर की बेटी रेनू (16) बुधवार को खेतों पर गई थी। दोपहर के वक्त वह घर पहुंची तो उसे उल्टियां होने लगी। जानकारी पर उसने विषाक्त पदार्थ खा लेने की जानकारी दी। परिजन उसे निजी अस्पताल ले गए। जहां शाम को उसकी मौत हो गई। आनन- फानन परिजन शव को बिना कार्रवाई किए ही घर ले आए फिर अंतिम संस्कार को श्मसान ले गए। परिजन यहां तैयारी में जुटे थे।

मौत का कारण स्पष्ट नहीं

इसी बीच किसी ने पुलिस कंट्रोल रूम को किशोरी को मार डालने व गुपचुप अंतिम संस्कार करने की जानकारी दे दी। इंस्पेक्टर अतरौली राजीव सिरोही ने पहुंचकर चिता पर रखे किशोरी के शव को उठवा कर उसका पोस्टमार्टम कराया। बकौल इंस्पेक्टर अतरौली, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। बिसरा संरक्षित कर उसे जांच को आगरा फोरेंसिक लैब भेजा जा रहा है। मामले में परिजनों की ओर से कोई शिकायत नहीं मिली है, फिर भी अपने स्तर से जांच की जा रही है।

दो दिन पहले परिजनों ने दिया था डांट

किशोरी की संदिग्ध मौत व प्रेम प्रसंग को लेकर भी तरह-तरह की चर्चाएं हैं। किशोरी के रिश्तेदारों व ग्रामीणों के अनुसार आठवीं तक पढ़ी लिखी किशोरी गलत संगत में पड़ गई थी। वह हमेशा लड़कों के लिबास में रहती थी। दिनभर दूसरों की बाइक चलाना, शाम को नशा करना व अक्सर देर रात तक घर में आना उसका शौक बन चुका था। माता-पिता व रिश्तेदारों ने कई बार उसे समझाया भी। लेकिन उस पर कोई असर नहीं हुआ। उल्टा वह फोन कर पुलिस को बुला लेती थी। डर व समाज में हो रही बदनामी को लेकर परिजन चुप्प रहते थे। दो दिन पहले उसके पास एक मोबाइल फोन मिला था। इसको लेकर माता-पिता ने उसे डांट लगा दी थी। इससे वह नाराज थी और गुस्से में आकर उसने विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया। हादसे के बाद परिजन पूरे मामले में चुप्पी साधे हुए हैं।


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