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आधुनिकता की ट्रैक पर शिक्षकों ने बढ़ाए कदम फिर क्‍यों ठिठके विद्यार्थियों के कदम

कोरोना के चलते 31 जनवरी तक सभी स्‍कूल कालेज बंद हैं। ऐसे में सरकार की ओर से आनलाइन शिक्षा पर जोर दिया जा रहा हैै। हालांकि आन लाइन तैयारी के लिए शिक्षक तो तैयार हैं लेकिन विद्यार्थियों की संख्‍या बहुत कम है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 10:00 AM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 12:41 PM (IST)
आधुनिकता की ट्रैक पर शिक्षकों ने बढ़ाए कदम फिर क्‍यों ठिठके विद्यार्थियों के कदम
कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार ने एक बार फिर शिक्षा व्यवस्था को आनलाइन माध्यम पर ला खड़ा किया है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार ने एक बार फिर शिक्षा व्यवस्था को आनलाइन माध्यम पर ला खड़ा किया है। शासन ने विद्यार्थियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए विद्यालयों को 30 जनवरी तक बंद रखने के आदेश जारी कर दिए हैं। मगर आधुनिकता के ट्रैक पर दौड़ने वालों की फेहरिस्त लंबी नहीं हो पा रही है। शिक्षक-शिक्षिकाएं तो नई प्रणाली पर काम करने को तैयार हैं। साथ ही कदम भी बढ़ा दिए हैं लेकिन उनका साथ देने के लिए विद्यार्थियों की फौज पर्याप्त संख्या में नहीं जुट पा रही है। स्थिति ये है कि 10 से 15 फीसद विद्यार्थी ही इस समय आनलाइन कक्षाओं में रुचि दिखा रहे हैं। 

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आनलाइन कक्षाओं में विद्यार्थियों की रूचि कम 

जिले के माध्यमिक विद्यालय भले ही आधुनिकता के ट्रैक पर दौड़ पड़े हों लेकिन इस ट्रैक पर विद्यार्थियों की दौड़ धीमी ही है। कोरोना संक्रमण के समय में विद्यार्थियों को पढ़ाई आनलाइन माध्यम से कराई जा रही है। माध्यमिक कालेजों में आनलाइन पढ़ाई शुरू करा दी गई। हालांकि माध्यमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राएं आधुनिक संसाधनों से लैस नहीं होते मगर जो जिसके पास जैसी सुविधा है उसको उस स्तर से पढ़ाने का खाका तैयार किया गया है। जो विद्यार्थी आनलाइन कक्षाओं से जुड़ने में अक्षम हैं उनको कालेज खुलने पर अतिरिक्त कक्षाएं लगाकर कोर्स पूरा कराया जाएगा।

तीन कैटेगरी मे बांटे गए विद्यार्थी

डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि, विद्यार्थियों को तीन कैटेगरी में बांटा गया है। कंप्यूटर व इंटरनेट की सुविधा वाले विद्यार्थी, मोबाइल पर वाट्सएप सुविधा वाले विद्यार्थी और तीसरे वो जिनके पास बटन वाले फोन हैं व इंटरनेट भी उपयोग नहीं कर सकते। प्रधानाचार्यों संग बैठक कर निर्देशित किया गया है कि, छात्र-छात्राओं को आनलाइन माध्यम से पढ़ाने का काम किया जाए। अभी शुरुआत में अगर कम विद्यार्थी जुड़े हैं तो शिक्षकों को प्रयास कर ये संख्या बढ़ानी है। टीआर इंटर कालेज, बाबूलाल जैन इंटर कालेज, डीएवी कालेज आदि कालेजों में गूगल क्लासरूम के जरिए कक्षाएं लगाने की व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। इनके अलावा जिन छात्र-छात्राओं की गूगल क्लासरूम से पढ़ाई नहीं हो रही उनको वाट्सएप ग्रुप से जोड़कर पढ़ाई कराने का काम किया जा रहा है। कई राजकीय इंटर कालेज के छात्रों को आनलाइन कक्षाओं का लाभ मिलना शुरू भी हो गया है। शिक्षक पाठ के साथ लेक्चर के वीडियो व होमवर्क भी विद्यार्थियों को आनलाइन दे रहे हैं। जिले में 94 एडेड, 35 राजकीय व करीब 680 वित्तविहीन कालेज हैं। यहां के विद्यार्थियों को आनलाइन कक्षाएं मुहैया करानी हैं।


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