Admission In IGNOU : इग्नू में ऑनलाइन दाखिला शुरू, 31 जुलाई तक है मौका
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के स्नातकोत्तर स्नातक स्नातकोत्तर डिप्लोमा डिप्लोमा व सर्टिफिकेट कोर्स में ऑनलाइन दाखिले शुरू हो गए हैं।
अलीगढ़ [जेएनएन]: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के स्नातकोत्तर, स्नातक, स्नातकोत्तर डिप्लोमा, डिप्लोमा व सर्टिफिकेट कोर्स में ऑनलाइन दाखिले शुरू हो गए हैं। अंतिम तिथि 31 जुलाई है। एससी/एसटी अभ्यर्थियों को ऑनलाइन माध्यम से निश्शुल्क प्रवेश दिया जा रहा है। क्षेत्रीय निदेशक डॉ. एम सफदरे आजम ने बताया कि विद्यार्थी इग्नू की वेबसाइट पर जाकर फीस जमा कर ऑनलाइन फार्म जमा कर दाखिला ले सकते हैं।
सेल्फ स्टडी इज द बेस्ट स्टडी: कुणाल
सीबीएसई के टॉपर कुणाल चौहान का चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने का सपना है। यह ब्रिलिएंट पब्लिक स्कूल के छात्र है। सफलता को लेकर कुणाल कहते है कि वे रोज पांच से छह घंटे पढ़ाई करते थे। इसी का नतीजा है कि इंटर में 98 प्रतिशत अंक मिले हैैं। उन्होंंने कभी भी विषयों को रटने की कोशिश नहीं की। फार्मूले को याद करते हैैं। ऑनलाइन वीडियो के माध्यम से भी पढ़ाई की है। कुणाल का मानना है कि सेल्फ स्टडी इज द बेस्ट स्टडी, इसलिए कभी ट््यूशन नहीं पढ़ा। उनके पिता राजकुमार चौहान का स्वर्गवास हो चुका है। मां अंजु ङ्क्षसह शिक्षिका है। बड़ा भाई विशांत चौहान बीएससी कर रहा है।
करना चाहती हूं देश की सेवा : वैशाली
98 प्रतिशत अंक लाने वाली डीपीएस की छात्रा वैशाली तिवारी आइएएस अफसर बनकर देश सेवा करना चाहती हैं। उनका कहना है कि आइएएस बनकर देश को तरक्की की राह पर आगे बढ़ाने में भूमिका निभाएंगी। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाना चाहती हैं। वह औसतन दस से 11 घंटे रोज पढ़ाई करती थीं। उनका मानना है कि रोज छह-सात घंटे पढ़ाई से वांछित लक्ष्य पाया जा सकता है। उनकी सफलता में माता-पिता व गुरुजनों का योगदान रहा है। मां प्रीति गौड़ एटा में स्टेट रिसोर्स पर्सन के पद पर कार्यरत है। पिता डॉ. एसबी तिवारी लेक्चरर हैं।
इंजीनियर बनकर देश के नवनिर्माण में बनेंगे सहायक
डीपीएस के छात्र अश्विनी कुमार कमल का इंजीनियर बनने का सपना है। वे देश के नवनिर्माण में योगदान देना चाहते हैं। उन्होंने जनवरी में आयोजित जेईईमेन में 99.3 फीसद अंक हासिल किए। अब जेईई एडवांस की तैयारी कर रहे हैं। अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रतिदिन सात-आठ घंटे पढ़ाई करते हैं। अश्विनी का कहना है कि छह घंटे की नींद और पढ़ाई के बीच-बीच में ब्रेक भी जरूरी है। मुकाम हासिल करने के लिए उनकी मां गीता भास्कर व पिता राजीव कुमार का भरपूर मिला।
लोगों को सिखाना चाहती है ईमानदारी
आइएएस बनकर देश की सेवा करना चाहती हूं। यह कहना है 98 प्रतिशत अंक के साथ इंटर की टॉपर रिनी भारद्वाज का। वो देश से भ्रष्टाचार खत्म कर लोगों की ईमानदारी की राह पर चलना सिखाना चाहती हैं। परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए वह औसतन आठ से नौ घंटे रोज पढ़ाई करती थीं। उनका मानना है कि मेहनत और लगन से वांछित लक्ष्य पाया जा सकता है। पढ़ाई के साथ फिटनेस भी जरूरी है। पढ़ाई के बीच-बीच में ब्रेक लेना भी जरूरी है। रिनी के अनुसार शिक्षकों के अलावा परिवार का पूरा सपोर्ट मिलने से प्रथम स्थान बनाने में सफलता मिली।