अलीगढ़ में स्वीडन की कंपनी 850 टन कूड़े से बनाएगी आठ मेगावाट बिजली
कूड़े-कचरे से परेशान स्मार्ट सिटी में शामिल अलीगढ़ के लोगों के लिए अच्छी खबर है। बड़ी समस्या बने 850 मीट्रिक टन कचरे से आठ मेगावाट बिजली बनाई जाएगी।
अलीगढ़ (केसी दरगड़)। कूड़े-कचरे से परेशान स्मार्ट सिटी में शामिल अलीगढ़ के लोगों के लिए अच्छी खबर है। बड़ी समस्या बने 850 मीट्रिक टन कचरे से आठ मेगावाट बिजली बनाई जाएगी। इसमें 256 टन गोबर भी शामिल है। इसके लिए मथुरा रोड पर 7.50 एकड़ जमीन पर प्लांट लगाया जाएगा। जमीन मथुरा रोड पर चिह्नित की गई है। वेस्ट टू एनर्जी योजना के तहत नगर निगम स्वीडन की कंपनी इकराटोस रीसाइकिलिंग टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड को जमीन 29 साल के लिए एक रुपये प्रति वर्ष किराये पर उपलब्ध करा रहा है। बिजली को उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन खरीदेगा। इससे नगर निगम को यह फायदा होगा कि कूड़े-कचरे का निस्तारण हो सकेगा।
तीन माह में शुरू होगा काम
कंपनी प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप मॉडल पर तीन माह में प्लांट लगाने का काम शुरू कर देगी। साल के अंत तक इसके चालू होने की संभावना है। तब शहर में कूड़े-कचरे के ढेर नजर नहीं आएंगे। अलीगढ़ ड्रेन और सीवर लाइन में बहने वाला वेस्ट भी नहीं दिखेगा। यह स्वच्छ भारत अभियान को और मजबूत करेगा।
यह हैं मौजूदा हालात
सीमा विस्तार के बाद शहर की आबादी 13.21 लाख हो गई है। आबादी क्षेत्र में हर रोज 600 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। सैप्टिक टैैंक में 129 किलोलीटर प्रतिदिन के हिसाब से स्लज (गंदगी) होती है। शहर में 182 लाख लीटर पानी की रोज आपूर्ति की जाती है। सीवरेज लाइन में 145 लाख लीटर प्रतिदिन सीवरेज का वेस्ट होता है, जो बेकार चला जाता है। आबादी के बीच डेयरी व घरेलू पशुओं से प्रतिदिन निकलने वाला 256 मीट्रिक टन गोबर भी मुसीबत बढ़ाता है।
अब तक : कूड़ा निस्तारण के लिए मथुरा रोड पर एटूजेड कंपनी का प्लांट है। इसकी क्षमता 220 मीट्रिक टन रोज है। लगभग 60 हजार टन कूड़ा एटूजेड परिसर में पड़ा है। प्लांट में जैविक खाद व ब्रिक्स बनाई जाती हैं। सीवरेज व सेप्टिक वेस्ट का कोई प्रयोग नहीं हो रहा है। अलीगढ़ ड़्रेन के माध्यम से बहा दिया जाता है।
आगे क्या : स्वीडन की कंपनी गोबर, कूड़ा, सेप्टिक व सीवरेज वेस्ट को री-साइकिल कर आठ मेगावाट बिजली बनाएगी, जो आठ लाख यूनिट होती है। अलीगढ़ महानगर में हर रोज 20 लाख यूनिट बिजली की खपत होती है।
ईको स्मार्ट सिटी की पहल
कचरे से बिजली बनने पर गंदगी से मुक्ति मिलेगी। ईको स्मार्ट सिटी में शामिल होने का रास्ता साफ होगा। स्मार्ट सिटी में सोलर एनर्जी का प्रयोग बढ़ाया जाएगा। इसके लिए सरकारी और निजी भवनों पर सोलर रूफटॉप प्लान में पैनल लगाए जाएंगे।
अहम बातें
- तीन माह में मथुरा रोड पर 7.50 एकड़ में प्लांट लगाने पर शुरू होगा काम
- साल के अंत तक बिजली का उत्पादन होने की संभावना
- नगर निगम उपलब्ध कराएगा स्वीडन की कंपनी को जमीन
- 256 टन गोबर हर रोज शहर की सड़कों पर बनता है मुसीबत
-600 टन कूड़े के हर रोज शहर की सड़कों पर लगते हैं ढेर
स्वीडन की कंपनी बनाएगी बिजली
नगर आयुक्त सत्यप्रकाश पटेल का कहना है कि कूड़े, गोबर, सीवरेज व सेप्टिक वेस्ट से स्वीडन की कंपनी बिजली बनाएगी। इसके लिए नगर निगम 15 एकड़ जमीन दे रहा है। पहले चरण में 7.5 एकड़ जमीन दी जा रही है।