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स्वच्छ भारत मिशन : अलीगढ़ में विकास के नाम पर घपला, 12 पंचायत सचिवों को चार्जशीट

गांव-देहात में विकास के नाम पर घपला करने वाले 12 पंचायत सचिवों व ग्राम विकास अधिकारियों को पहली बार पंचायती राज विभाग ने चार्जशीट दी है।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Wed, 22 May 2019 01:47 PM (IST)Updated: Fri, 24 May 2019 08:03 PM (IST)
स्वच्छ भारत मिशन : अलीगढ़ में विकास के नाम पर घपला, 12 पंचायत सचिवों को चार्जशीट
स्वच्छ भारत मिशन : अलीगढ़ में विकास के नाम पर घपला, 12 पंचायत सचिवों को चार्जशीट

अलीगढ़ (जेएनएन)। गांव-देहात में विकास के नाम पर घपला करने वाले 12 पंचायत सचिवों व ग्राम विकास अधिकारियों को पहली बार पंचायती राज विभाग ने चार्जशीट दी है। 15 दिन में जवाब मांगा है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर विभागीय कार्रवाई शुरू की जाएगी, तब तक इन्हें वेतन भी नहीं मिलेगा। सचिवों को मूल वेतन पर भी भेजने की बात कही जा रही है। स्वच्छ भारत मिशन में शौचालय निर्माण व 14वें राज्य वित्त के बजट के दुरुपयोग पर यह कार्रवाई की जा रही है।

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यह है मामला
केंद्र व राज्य सरकार ने गांवों के विकास के लिए कुछ सालों से खजाने के मुंह खोल दिया है। जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत के बजट से कटौती कर सीधे ग्राम पंचायतों को पैसा दिया जा रहा है। शौचालय निर्माण के लिए अलग से बजट मिल रहा है। इसके बाद भी कुछ पंचायतों में शौचालय नहीं बने हैं। राज्य वित्त आयोग व 14वें वित्त आयोग का बजट तो खर्च हुआ, लेकिन पंचायत सचिवों व ग्राम विकास अधिकारियों ने काम नहीं कराए। ऐसे 12 कर्मचारियों के खिलाफ अब कार्रवाई शुरू हो गई है। सीडीओ अनुनय झा के निर्देश पर इन सभी को चार्जशीट दी गई। छह और सचिवों पर भी कार्रवाई हो सकती है। 

इन सचिवों की चार्जशीट
गंगीरी ब्लॉक के राजकुमार व सत्येंद्र कुमार आजाद, टप्पल ब्लॉक के रामेश्वर दयाल गुप्ता व डोरीलाल, खैर के दिनेश कुमार शर्मा, गौंडा के राजीव दीक्षित व अवधेश कुमार, जवां के राम बहादुर सिंह, अतरौली के देवेंद्र उपाध्याय व जितेंद्र कुमार व बिजौली के अतिन वाष्र्णेय व गोपाल प्रसाद।

पंचायत सचिवों पर ये हैं प्रमुख आरोप
- पैसा खर्च होने के बाद पंचायतों में शौचालय निर्माण न होना। फोटो अपलोडिंग आधी-अधूरी।
- दो सालों में कराए गए विकास कार्यों के प्रमाणपत्र उपलब्ध न कराना।
- 2019-20 के लिए साफ्टवेयर पर पंचायतों की कार्ययोजना अपलोड न करना।
- जीपीडीपी में पंचायतों की परिसंपत्तियों की जियो टैगिंग का काम न होना।
- वित्तीय वर्ष 2018-19 में हुए विकास कार्यों की प्रिया सॉफ्ट पर फीडिंग न कराना।
- उच्च अफसरों के आदेशों की अवेहलना व मोबाइल बंद होना।

वेतन रोका 
जिला पंचायत राज अधिकारी पारुल सिसौदिया ने बताया कि12 सचिवों को चार्जशीट दी गई है। जवाब आने पर आगे की कार्रवाई होगी। सभी का वेतन भी रोक दिया गया है।

पैसा निकाल लिया, शौचालय बने नहीं
गंगीरी ब्लॉक के अजमाइन ढेर गांव के लोगों ने डीएम चंद्रभूषण सिंह से शिकायत कर आरोप लगाया था कि विकास कार्यों के नाम पर प्रधान ने घालमेल किया है। सोमवार को डीएम के निर्देश पर जिला प्रोबेशन अधिकारी स्मिता सिंह ने गांव में पहुंचकर जांच की तो पता चला कि इसी पंचायत के एक मजरे में कई साल पहले 13 शौचालयों के लिए 12 हजार के हिसाब से बजट जारी हुआ था, शौचालय नहीं बने। मनरेगा के जॉब कार्ड में भी फर्जीवाड़ा मिला। डीएम को रिपोर्ट दी जाएगी।

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