अलीगढ़ की सुमन ने पाटी अंग्रेजी-हिंदी माध्यम की खाई, ऐसे किया प्रेरित
दिल में कुछ कर गुजरने का जज्बा और लगन हो तो बड़ी से बड़ी मुश्किलों को भी दरकिनार कर सफलता की इबारत लिखी जा सकती है।
अलीगढ़ (गौरव दुबे)। दिल में कुछ कर गुजरने का जज्बा और लगन हो तो बड़ी से बड़ी मुश्किलों को भी दरकिनार कर सफलता की इबारत लिखी जा सकती है। ऐसी मिसाल इगलास के उच्च प्राथमिक स्कूल माकरौल की इंचार्ज हेड सुमन शर्मा ने पेश की है। उन्होंने अपनी लगन व दृढ़ निश्चय से अंग्रेजी-ङ्क्षहदी मीडियम स्कूल के बीच की खाई पाट दी।
स्कूल में अपनी जेब से कराए काम
प्राइवेट स्कूल में पढऩे वाले विद्यार्थियों ने सरकारी की ओर रुख कर लिया। अपने प्रयासों व जेब से स्कूल की बाउंड्रीवाल, शौचालय, ब्लैकबोर्ड, हरियाली, रंग-रोगन जैसे काम कराए। बच्चों के लिए डांस, म्यूजिक, आर्ट एंड क्राफ्ट की व्यवस्था भी कराई। यूनिसेफ की टीम स्कूल की डॉक्युमेंट्री बना चुकी है।
बच्चों ने प्राइवेट स्कूल छोड़ा
2017 में मोहित, विंशू, योगेश, ईशू, शीतल, रजनी कक्षा सात में प्राइवेट स्कूल छोड़कर आए। कक्षा छह में रवींद्र भी स्कूल आया। सुमन को 11 अक्टूबर 2018 में इगलास ब्लॉक की बेस्ट टीचर का अवार्ड मिला। सुमन स्कूल में पर्सनैलिटी डेवलपमेंट की क्लास भी लगाती हैं।
बच्चे बनाए मॉनिटर
2017 में शिवम का नाम कक्षा छह में था। वो पिता के साथ बुग्गी चलाता था। चंचल की मां नहीं थीं, पापा नशा करते थे। सूरज से उसके पापा भट्ठे पर काम कराते थे। सभी के परिजनों को समझाकर बच्चों को स्कूल बुलवाया, अतिरिक्त समय देकर पढ़ाया। अब तीनों मॉनिटर हैं। एमएससी-बीएड व टेट क्वालीफाइड सुमन ने कक्षा छह से आठ तक के बच्चों की इंग्लिश माध्यम से पढ़ाई शुरू कराई। विज्ञान प्रयोगशाला तैयार कराई।
मॉडल मीना मंच
स्कूल में 24 सितंबर 2017 को मीना मंच की किरदार मीना का जन्मदिन मनाया। प्रदेश के टॉप-20 मीना मंच में यह स्कूल भी चयनित हुआ।
शिवम अब रोज जाता है स्कूल
अभिभावक बीनादेवी ने बताया कि बेटे शिवम का दाखिला नाममात्र का था। सुमन मैडम ने मुझे बुलाया, समझाया और शिवम को वापस स्कूल बुलवाया। अब वो रोज स्कूल जाता है।
स्कूल को किया बेहतर
बीएसए डॉ.एलके पांडेय ने बताया कि सुमन ने एक स्तर से ऊपर जाकर काम किए हैं। स्कूल को बेहतर स्थिति में खड़ा किया है। उम्मीद है कि अन्य शिक्षक भी उनसे सीख लेंगे।