मदरसों में पढ़े छात्र अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में ले रहे गीता का ज्ञान aligarh news
छात्रों को हिंदुओं के हर त्योहार का महत्व और उसके मनाने के तरीके बताए जाते हैं। दीपावली होली दशहरा के अलावा अयोध्या मथुरा जैसे धार्मिक स्थलों की भी जानकारी दी जाती है।
संतोष शर्मा, अलीगढ़। दारुल उलूम देवबंद, नदवातुल उलेमा लखनऊ, रामपुर और आजमगढ़ के मदरसों में पढ़े छात्रों के मुंह से गीता के श्लोक, गायत्री मंत्र और ओम के उच्चारण निकलें तो बात हैरानी भरी लगती है। यह नजारा अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के धर्मशास्त्र संकाय में है। देश के विभिन्न मदरसों से तालीम पाने वाले 22 छात्र-छात्राएं ऐसा ही पाठ पढ़ रहे हैं। हिंदू, मुस्लिम, सिख व ईसाई धर्म क्या हैं, इनका महत्व क्या है? सब उन्हें पढ़ाया जा रहा है।
खाई पाटने की कोशिश
हर धर्म यही सिखाता है कि सब एक हैं। कोई भी धर्म हिंसा की इजाजत नहीं देता। फिर भी लोग धर्म के नाम पर एक-दूसरे के दुश्मन बन जाते हैं। अपने धर्म को श्रेष्ठ बताते हुए अन्य धर्म की आलोचना करते हैं। ऐसा तब होता है जब दूसरे धर्म की जानकारी नहीं होती। एएमयू का धर्मशास्त्र संकाय पिछले 50 साल से इसी खाई को पाटने की कोशिश कर रहा है। संकाय के सुन्नी थियोलोजी विभाग में एमए के छात्रों को हर धर्म की शिक्षा दी जा रही है। प्रथम वर्ष में छात्रों को मोहम्मद साहब की जीवनी व सनातन धर्म के बारे में बताया जाता है। अंतिम वर्ष में बौद्ध और जैन धर्म पढ़ाया जाता है।
परमेश्वर का सबसे बड़ा नाम ओम
असिस्टेंट प्रोफेसर रेहान अख्तर बताते हैं कि छात्रों को बताया जाता है कि ओम परमेश्वर का सबसे बड़ा नाम है। ओम किन शब्दों से बना है, इसकी भी जानकारी दी जाती है।
ताल्लुकात के बिना समाज अधूरा
छात्रों को हिंदुओं के हर त्योहार का महत्व और उसके मनाने के तरीके बताए जाते हैं। दीपावली, होली, दशहरा के अलावा अयोध्या, मथुरा जैसे धार्मिक स्थलों की भी जानकारी दी जाती है। छात्रों को पढ़ाया जाता है कि त्योहार लोगों को किस तरह नजदीक लाते हैं। साथ ही छात्रों को वेद, उपनिषद, गीता, महाभारत के महत्व, संदेश, इतिहास के बारे में भी पढ़ाया जाता है।
कुरान, वेद व मनु स्मृति में एक शिक्षा
डॉ. रेहान अख्तर के अनुसार कोई धर्म हिंसा की इजाजत नहीं देता, हर धर्म बुराई बचने का संदेश देता है। कुरान में यतीम बच्चों व गरीबों की मदद की बात कही गई है। वेद में कहा गया है कि भूखों की मदद करो। नहीं करने वाले से भगवान रूठ जाएगा।