आजम खांं की सेहत को लेकर एएमयू में गरमाई छात्र राजनीति, जानिए मामला Aligarh news
अलीगढ़ जेएनएन। पूर्व कैबिनेट मंत्री व सपा के कद्दावर नेता आजम खां की सेहत को लेकर एएमयू में छात्र राजनीति गरमा गई है। छात्र नेताओं ने एलान किया है कि आजम को न्याय दिलाने के लिए जल्द ही आंदोलन किया जाएगा।
अलीगढ़, जेएनएन। पूर्व कैबिनेट मंत्री व सपा के कद्दावर नेता आजम खां की सेहत को लेकर एएमयू में छात्र राजनीति गरमा गई है। छात्र नेताओं ने एलान किया है कि आजम को न्याय दिलाने के लिए जल्द ही आंदोलन किया जाएगा।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी आजम के साथ
छात्र नेता फरहान जुबैरी ने कहा है कि कोई राजनीतिक दल आजम खान के लिए आवाज उठाए या नहीं लेकिन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र अपने पूर्व छात्र के लिए आवाज उठाएंगे। बहुत जल्द एक आंदोलन एएमयू से शुरू किया जाएगा। पूर्व छात्र नेता हुजैफा आमिर ने इंटरनेट मीडिया पर आजम खान की एक तस्वीर शेयर की है। जिसके बारे में लिखा है कि सपा के मुस्लिम नेताओं को इस तस्वीर को एक बार ग़ौर से देखना चाहिए। इस तस्वीर में उन्हें या तो अपना भविष्य दिखाई देगा या अपना ज़मीर। जो दल आज़म खान के जख्मों पर मरहम न रख सका वो कल को उनके या कौम के जख्म पर क्या मरहम देगा? आज़म ख़ान हार मानने वालों में से नहीं हैं। क्योंकि उनकी सियासत का ताल्लुक अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से रहा है। अलीगढ़ कभी झुकना नहीं सिखाता। वो बीमारी को मात देकर जरूर लौटेंगे।
एएमयू से है गहरा नाता
आजम खान का एएमयू से गहरा नाता रहा है। 1975 में उन्होंने एएमयू से एलएलएम की पढ़ाई पूरी थी। 1975 में ही इमरजेंसी के दौरान आजम को पुलिस ने यूनिवर्सिटी से गिरफ्तार कर लिया। तब वे छात्र संघ के सचिव थे। आजम पर वीमेंस कॉलेज में दिल्ली से आई टीम पर अभद्रता का आरोप लगा था। हालांकि आजम खान इसके पीछे अलग कारण बताते हैं। उन्होंने पूर्व में दिए बयानों में कहा कि छात्र संघ का नियम था कि कोई भी पदाधिकारी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं होगा। कांग्रेस से जुड़े वसीम उपाध्यक्ष बन गए। उन्होंने कह दिया कि वसीम कांग्रेस छोड़ें, वर्ना हम शपथ नहीं लेंगे। वसीम ने कांग्रेस छोड़ दी। छात्र संघ की पहली मीटिंग में आजम ने प्रस्ताव रखा कि कांग्रेस का कोई नेता कैंपस में प्रवेश नहीं करेगा। इस कारण कांग्रेस के नेता उनसे खफा हो गए और उन्हें गिरफ्तार करा दिया।