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अलीगढ़ के अस्पताल में स्टिंग आॅपरेशन, डॉक्टर और जांच टीम में हाथापाई

अल्ट्रासाउंड का कोई फार्म भी नहीं भरवाया गया डॉ. दिव्या चौधरी मौके पर ही मिल गईं, अल्ट्रासाउंड मशीन को सीज कर दिया गया।

By Amal ChowdhuryEdited By: Published: Tue, 17 Oct 2017 08:48 AM (IST)Updated: Tue, 17 Oct 2017 08:48 AM (IST)
अलीगढ़ के अस्पताल में स्टिंग आॅपरेशन, डॉक्टर और जांच टीम में हाथापाई
अलीगढ़ के अस्पताल में स्टिंग आॅपरेशन, डॉक्टर और जांच टीम में हाथापाई

अलीगढ़ (जागरण संवाददाता)। लिंग परीक्षण की सूचना पर मिथ्या ग्राहक के साथ आई राजस्थान की टीम ने सोमवार को विष्णुपुरी स्थित जीवन सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल एंड टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर पर छापेमारी की। टीम ने हॉस्पिटल में लिंग परीक्षण होने का दावा किया। खबर मिलते ही डॉक्टर हॉस्पिटल पहुंच गए और हंगामा काटा।
हॉस्पिटल संचालक डॉ. जयंत शर्मा को हिरासत में लेकर पुलिस क्वार्सी थाने आ गई, जहां रात डेढ़ बजे विधायकों के हस्तक्षेप पर पुलिस ने डॉ. जयंत शर्मा को छोड़ दिया।

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जिला झुंझुनू (राजस्थान) के पीसीपीएनडीटी को-ऑर्डिनेटर दिनेश कुमार ने बताया कि उन्हें मुखबिर से सूचना मिली कि यहां की महिलाओं को लिंग परीक्षण के लिए अलीगढ़ भेजा जा रहा है। साढ़े ती माह की गर्भवती अन्नपूर्णा को मिथ्या ग्राहक के रूप में तैयार किया गया। उसने झुंझुनू के ही महेश नामक दलाल से संपर्क साधा। 30 हजार में सौदा तय हुआ।

पीसीपीएनडीटी सेल जयपुर को सूचना दी गई। पुलिस निरीक्षक श्रीराम परसरा, झुंझुनू के पीसीपीएनडीटी प्रभारी दिनेश कुमार सिकर के प्रभारी नन्दलाल पुनिया, हेड कांस्टेबल सावरमल, कांस्टेबल शंकर लाल, विजयपाल व आशा कोऑर्डिनेटर संजीव महला की संयुक्त टीम ने मिथ्या ग्राहक को दलाल के साथ अलीगढ़ भेज दिया।

दोपहर करीब ढाई बजे दलाल ने फोन करके एक स्थानीय दलाल को बुलाया। उसे 30 हजार रुपये दे दिए गए। उक्त दलाल ने तीसरे दलाल को बुलाया, जो महिला को लिंग परीक्षण के लिए जीवन हॉस्पिटल ले गया। डीएम हृषिकेश भास्कर यशोद को पूर्व में ही सूचना दे दी गई। एसीएम प्रथम रामसूरत पांडेय, पीसीपीएनडीटी के प्रभारी डॉ. पीके शर्मा व नोडल अधिकारी डॉ. राहुल कुलश्रेष्ठ के साथ टीम हॉस्पिटल पहुंच गई, जहां पर साढ़े तीन माह की गर्भवती महिला का अल्ट्रासाउंड किया जा चुका था और उसे लड़की बताई गई।

अल्ट्रासाउंड का कोई फार्म भी नहीं भरवाया गया। डॉ. दिव्या चौधरी मौके पर ही मिल गईं। अल्ट्रासाउंड मशीन को सीज कर दिया गया। मिथ्या ग्राहक राजस्थान का होने के कारण वहीं परिवाद दर्ज कराया जाएगा।

हॉस्पिटल में डॉक्टरों का हंगामा: खबर मिलते ही शहर के डॉक्टर हॉस्पिटल में जुट गए। दोनों ओर से खूब नोकझोंक हुई। नौबत हाथापाई पर पहुंच गई। डॉक्टरों ने टीम पर बिना आई कार्ड दिखाए और स्थानीय पुलिस को साथ लिए छापेमारी का विरोध किया। टीम पर अभद्रता का भी आरोप है। सूचना मिलने पर एडीएम सिटी श्याम बहादुर सिंह समेत पुलिस पहुंच गई। पुलिस डॉ. जयंत को क्वार्सी थाने आ गई। टीम ने डॉ. दिव्या चौधरी को पूछताछ के लिए बुलाया, मगर वह नहीं आईं।

विधायक भी मौके पर पहुंचे: इस दौरान शहर विधायक संजीव राजा व कोल विधायक अनिल पाराशर भी पैरोकारी में पहुंचे। एसपी सिटी अतुल श्रीवास्तव का कहना है कि इस मामले में सात साल से कम सजा का प्रावधान है, इसलिए डॉ. जयंत शर्मा की गिरफ्तारी नहीं की गई। राजस्थान की टीम ने उन्हें नोटिस देकर छोड़ दिया। वहीं सीएमओ डा. एमएल अग्रवाल कहते हैं, राजस्थान की टीम ने आकर छापेमारी की। लिंग परीक्षण का आरोप लगाया है। रिपोर्ट मिलने के बाद ही हम अपनी कार्रवाई करेंगे।

सियासी साजिश के तहत फंसाने की कोशिश: डॉ. जयंत शर्मा ने बताया कि निकाय चुनाव की तैयारी में जुटा हूं। एक पार्टी में प्रत्याशी के रूप में मेरा नाम सबसे आगे चल रहा है। विरोधियों ने मुझे फंसाने के लिए यह साजिश रची। जब मैं हॉस्पिटल पहुंचा तो टीम के लोग दो कर्मचारियों को पीट रहे थे। पत्नी डॉ. दिव्या एक महिला मरीज का अल्ट्रासाउंड कर रही थीं।

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लगाया अभद्रता का आरोप: उन्होंने कहा कि टीम के लोग अंधाधुंध कक्ष में घुसे चले गए और मशीन को निकालने लगे। विरोध करने पर अभद्रता की। इससे पहले सीसीटीवी कैमरे को भी खराब कर दिया। डॉ. जयंत ने बताया कि एक माह पूर्व भी एक लड़का-लड़की को लिंग परीक्षण के लिए भेजा गया। उन्होंने काफी दबाव बनाया, मगर उन्हें लौटा दिया गया।

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