Lockdown 4: अस्पताल से लौटाए मरीज का स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने स्ट्रेचर धकेलकर कराया इलाज,जानिए सिस्टम की हकीकत
इमरजेंसी की हकीकत स्वास्थ्य राज्यमंत्री के सामने ही जग जाहिर हो गई। सड़क हादसे में घायल जिस मरीज को डॉक्टरों ने लौटा दिया।
अलीगढ़ [जेएनएन]। स्वास्थ्य महकमे की हकीकत किसी से छिपी नहीं है। ज्यादातर सब जानते हैं कि इमरजेंसी में किस तरह मरीजों का इलाज किया जाता है और कैसे औपचारिकता पूरी करके उन्हें रेफर कर दिया जाता है, लेकिन इमरजेंसी की हकीकत स्वास्थ्य राज्यमंत्री के सामने ही जग जाहिर हो गई। सड़क हादसे में घायल जिस मरीज को डॉक्टरों ने लौटा दिया, उसका इलाज कराने के लिए स्वास्थ्य मंत्री को खुद ही स्ट्रेचर खींचनी पड़ गई।
खुल गई दीनदयाल अस्पताल की इमरजेंसी सेवाओं की कलई
स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग ने शुक्रवार को दीनदयाल अस्पताल का दौरा किया, लेकिन मंत्री को कोई खामी नजर नहीं आई, मगर इमरजेंसी सेवाओं की स्वत: कलई खुल गई। सड़क हादसे में घायल महिला इलाज के लिए तड़पती रही। मंत्री आए तो एक अन्य महिला मंत्री के पैरों मेें गिरकर गिड़गिड़ाई, फिर भी उसकी सुनवाई नहीं हुई। दौरा समाप्त होने के बाद मंत्री ने फिर उसे देखा और सीएमओ व सीएमएस को तत्काल दिशा-निर्देश दिए।
औपचारिकता पूरी कर घायल मरीज को कर दिया वापस
जिस समय मंत्री निरीक्षक कर लौट रहे थे, उसी समय इमरजेंसी से घायल विनेश कुमारी को उसके परिवार वाले स्ट्रेचर पर धकेलते हुए बाहर ले जाते हुए दिखाई दिए। कई स्वजन बिलख रहे थे। मंत्री कार में बैठ गए। ऐसे में मीडिया कर्मियों ने घायल विनेश कुमारी के स्वजनों से पूछताछ शुरू कर दी, पता चला कि मंत्री ने तो भरोसा दे दिया, मगर डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार की औपचारिकता पूरी कर लौटा दिया। यह सुनते ही आसपास खड़े लोगों ने भी हंगामा शुरू कर दिया। स्वजन उत्तेजित होकर सिस्टम को कोसने लगे। यह देख मंत्री ने कार रुकवाई और पैदल ही पीछे लौटे।
स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने खुद धकेली मरीज की स्ट्रेचर
सीएमओ व सीएमएस से कहा भी कि इलाज क्यों नहीं हुआ? अधिकारी कोई जवाब नहीं दे पाए। मंत्री स्वजनों को ढांढस बंधाते हुए खुद ही स्ट्रेचर धकेलते हुए पुन: इमरजेंसी की ओर ले जाने लगे, यह देख अधिकारियों ने उन्हें अलग किया और खुद स्ट्रेचर को संभाला।