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अलीगढ़ के गभाना टोल प्लाजा पर 45.63 करोड़ की स्टांप चोरी तय

कोर्ट ने कंपनी से स्टांप चोरी की धनराशि पर 2010 से अब तक 18 फीसद सालाना ब्याज व 45 लाख रुपये जुर्माना भी वसूलने के निर्देश दिए हैं। कंपनी से करीब सौ करोड़ रुपये वसूली होने की संभावना जताई जा रही हैं।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 01:44 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 01:44 PM (IST)
अलीगढ़ के गभाना टोल प्लाजा पर 45.63 करोड़ की स्टांप चोरी तय
अलीगढ़ जिले में दिल्ली रोड पर स्थित है गभाना टोल प्लाजा

सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़।  राष्ट्रीय राजमार्ग-91 (अलीगढ़-गाजियाबाद) पर अलीगढ़ के गभाना में टोल प्लाजा का संचालन करने वाली दिल्ली की कंपनी गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेस वे प्राइवेट लिमिटेड पर डीएम चंद्रभूषण सिंह की कोर्ट ने 45.63 करोड़ की स्टांप चोरी तय की है। कोर्ट ने कंपनी से स्टांप चोरी की धनराशि पर 2010 से अब तक 18 फीसद सालाना ब्याज व 45 लाख रुपये जुर्माना भी वसूलने के निर्देश दिए हैं। कंपनी से करीब सौ करोड़ रुपये वसूली होने की संभावना जताई जा रही हैं। 

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2010  में हुआ था निर्माण 

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) ने 2010 में अलीगढ़ से गाजियाबाद तक फोरलेन का निर्माण कराया गया था। इसमें नई दिल्ली के बसंत विहार की कंपनी गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेस वे प्राइवेट लिमिटेड को भी निर्माण कार्य की जिम्मेदारी मिली। एनएचएआइ ने कंपनी के साथ करार किया कि वह सड़क निर्माण के बदलने में उसे 24 साल तक गभाना टोल प्लाजा पर टोल टैक्स वसूलने का अधिकार मिलेगा। दोनों के बीच सौ रुपये के स्टांप पर अनुबंध हो गया। अनुबंध के आधार पर कंपनी ने गभाना टोल प्लाजा पर वसूली शुरू कर दी, लेकिन 2016 में स्टांप व निबंधन विभाग ने दोनों के बीच हुए करार को अवैध ठहराते हुए जांच शुरू कर दी। दावा किया कि इस अनुबंध पर संबंधित कंपनी को स्टांप ड्यूटी भी अदा करनी चाहिए, लेकिन नहीं की। तत्कालीन एआइजी (स्टांप) जीएस त्रिपाठी ने जांच की तो 1141 करोड़ रुपये की डीड के आधार पर चार फीसद शुल्क (दो फीसद स्टांप शुल्क व दो फीसद विकास शुल्क) यानी 45 करोड़ की स्टांप चोरी सामने आई। 

डीएम कोर्ट में वाद दायर

जांच के आधार पर डीएम कोर्ट में वाद दायर किया गया। कंपनी ने शासन में शिकायत की। तर्क दिया कि उसे टोल वसूलने का लाइसेंस मिला है। शासन स्तर पर मुख्य सचिव व स्टांप-निबंधन विभाग के प्रमुख सचिव के बीच बैठक में हुई। इसमें स्टांप शुल्क को लेकर डीएम को स्वयं फैसला लेने के निर्देश दिए गए। डीएम कोर्ट में सरकार व कंपनी के पैरोकारों को सुना गया। मामले से जुड़े दस्तावेज भी मांगे गए। डीएम कोर्ट ने स्टांप-निबंधन विभाग के पक्ष में फैसला सुनाया।

मडराक प्लाजा का मामला लंबित

गभाना की तरह आगरा-अलीगढ़ मार्ग पर मडराक टोल प्लाजा का मामला भी लंबित है। इस पर करीब दस करोड़ की स्टांप चोरी का आरोप है। आगरा के कमला नगर की कंपनी ब्रजभूमि एक्सप्रेस वे प्राइवेट लिमिटेड यहां प्लाजा का संचालन कर रही है। इस प्रकरण पर हाईकोर्ट से स्टे है। डीएम चंद्रभूषण सिंह का कहना है कि गभाना टोल प्लाजा में स्टांप चोरी के मामले में फैसला दे दिया गया है। दिल्ली की कंपनी पर 45 करोड़ स्टांप चोरी तय हुई है। राजस्व विभाग को वसूली के निर्देश दिए गए हैं। 


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