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    ड्यूटी में लापरवाही करने पर SSF के 6 जवान सस्पेंड, जांच में दोषी पाए गए जाने के बाद लिया एक्शन

    Updated: Mon, 10 Nov 2025 07:06 PM (IST)

    ड्यूटी में लापरवाही के आरोप में स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स (SSF) के छह जवानों को निलंबित कर दिया गया है। जांच में दोषी पाए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई। ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्मक फोटो।

    जागरण संवाददाता, अलीगढ़। अलीगढ़ दीवानी परिसर में पिछले दिनों ग्रेटर नोएडा पुलिस के प्रवेश करने पर सुरक्षा में तैनात उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (यूपीएसएसएफ) की लापरवाही सामने आई है। जांच में दोषी पाए गए एसएसएफ के छह जवानों को निलंबित कर दिया है। इस मामले में नोएड़ा के जारचा थाना प्रभारी को लाइन हाजिर और छह पुलिस कर्मियों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है।

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    दीपावली के दिन सैंथली गांव में नाली के पानी की निकासी को लेकर हुए विवाद में चाचा अजयपाल भाटी व भतीजे दीपांशु की गोली मारकर हत्या कर दी थी। स्वजन ने सैंथली गांव के प्रिंस भाटी, जितेंद्र, बोबी तोंगड व मनोज नागर समेत अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। मुख्य आरोपित प्रिंस भाटी ने बुलंदशहर कोर्ट में और उसके साथी सादुल्लापुर गांव निवासी मनोज नागर ने गाजियाबाद कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। ईकोटेक तीन कोतवाली पुलिस मनोज के खिलाफ पूर्व में गैंग्स्टर की कार्रवाई कर चुकी है। दो और हत्यारोपित सचिन व बाबी के दीवानी सरेंडर करने की सूचना पर नोएडा पुलिस पकड़ने के लिए 30 अक्टूबर को अलीगढ़ आई थी। हत्यारोपितों को घेरकर दबोचने की कोशिश की, लेकिन यह दांव भी जारचा पुलिस पर भारी पड़ गया। पुलिस व अधिवक्ताओं के बीच खींचतान हुई थी।

    पुलिस टीम धक्कामुक्की के बीच सचिन को खींचकर साथ ले आई थीं जबकि बाबी ने भागकर गैंग्स्टर कोर्ट में पहुंचकर सरेंडर कर दिया था। पुलिस की इस कार्रवाई से अधिवक्ताओं ने नाराजगी जताई थी। दीवानी में सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाले एसएसएफ के पास है। अधिवक्ताओं ने जवानों पर ड्यूटी में लापरवाही का आरोप लगा था। अधिवक्ताओं ने सवाल किया था कि जब एसएसएफ को सुरक्षा की कमान है तो बाहरी जनपद की पुलिस कैसे प्रवेश कर गई। 4वीं वाहिनी के सेनानायक डा. राम सुरेश यादव ने इस मामले जांच कराई। जिसमें दोषी पाते हुए सिपाही ज्ञानेंद्र, अमरीश, विजय, सचिन, राकेश और अमन प्रकाश
    को निलंबित कर दिया। यह कार्रवाई सहायक सेनानायक धर्मेंद्र यादव की तथ्यात्मक रिपोर्ट के आधार पर की।

    अधिवक्ताओं की नाराजगी के बाद कार्रवाई

    अधिवक्ताओं ने पुलिस कार्रवाई पर नाराजगी जताते हुए जिला जज से शिकायत की थी। कोर्ट के संज्ञान लेने पर नोएडा के अधिकारियों ने जारचा कोतवाली प्रभारी सुमनेश विकल को लाइन हाजिर कर दिया। जारचा कोतवाली में तैनात एसआइ ललित गंगवार, शुभम प्रधान, प्रिंस यादव, गौरव और दादरी कोतवाली के एसआइ भारत एवं हेड कांस्टेबल सोहनवीर के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की है।

    यूपीएसएसएफ एक अनुशासित, जिम्मेदार और उच्च आदर्शों से प्रेरित बल है। जिसकी पहचान उसके अनुशासन, ईमानदारी और सेवा भावना से होती है। ड्यूटी के दौरान किसी भी स्तर पर लापरवाही, उदासीनता या नियमों की अवहेलना को स्वीकार नहीं किया जाएगा। ऐसे मामलों में न केवल कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसी पुनरावृत्ति न हो। -डा. राम सुरेश यादव, सेनानायक 4वीं वाहिनी, यूपीएसएसएफ