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SP City ने मानवाधिकार आयोग को बताया इसलिए AMU कैंपस में घुसी पुलिस Aligarh News

एएमयू बवाल में शुक्रवार को एसएसपी की ओर से एसपी सिटी अभिषेक कुमार ने नई दिल्ली पहुंचकर मानवाधिकार आयोग में पुलिस का पक्ष रखा।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Sun, 12 Jan 2020 07:48 AM (IST)Updated: Sun, 12 Jan 2020 07:48 AM (IST)
SP City ने मानवाधिकार आयोग को बताया इसलिए AMU कैंपस में घुसी पुलिस Aligarh News
SP City ने मानवाधिकार आयोग को बताया इसलिए AMU कैंपस में घुसी पुलिस Aligarh News

अलीगढ़ [जेएनएन]।  एएमयू बवाल में शुक्रवार को एसएसपी की ओर से एसपी सिटी अभिषेक कुमार ने नई दिल्ली पहुंचकर मानवाधिकार आयोग में पुलिस का पक्ष रखा। हाईकोर्ट में पेश की गईं सीसीटीवी फुटेज व बवाल के दिन के साक्ष्य प्रस्तुत किए। बताया कि पुलिस किन हालातों में यूनिवर्सिटी कैंपस में घुसी।

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अगली सुनवाई 17 फरवरी को

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एएमयू में छात्रों पर कथित लाठीचार्ज के मामले में मोहम्मद अमन खान की याचिका पर सात जनवरी को सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को सौंपी है। कोर्ट ने एक महीने में रिपोर्ट पेश करने को कहा है। अगली सुनवाई 17 फरवरी को होनी है। इसी क्रम में शुक्रवार को एसएसपी आकाश कुलहरि की ओर से एसपी सिटी ने नई दिल्ली पहुंचकर पुलिस का पक्ष रखा। पुलिस की ओर से हाईकोर्ट में छात्रों के गेट तोडऩे, पुलिस की ओर से चेतावनी देने की फुटेज पेश की गई हैं। प्रशासन की अनुमति पर यूनिवर्सिटी कैंपस में घुसने का पत्र भी प्रस्तुत किया है।

एसपी सिटी ने सीसीटीवी फुटेज के साथ अन्य साक्ष्य भी आयोग में रखे। साथ ही हाईकोर्ट में पेश की गईं सीसीटीवी फुटेज व बवाल के दिन के साक्ष्य प्रस्तुत किए। बताया कि पुलिस किन हालातों में यूनिवर्सिटी कैंपस में घुसी।

ऐसे सौंपी थी मानवाधिकार को जांच

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी में हुए बवाल के मामले में मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को जांच सौंप दी है। अदालत ने आयोग को पांच हफ्ते में जांच रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी।

छात्रोंं स्वयं ही तोड़ा था एएमयू बॉबे सैयद गेट

15 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून को लेकर एएमयू में बवाल हो गया था। पूर्व छात्र मोहम्मद अमन खान ने हाईककोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सुनवाई चीफ जस्टिस गोविंद माथुर की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच में हुई सुनवाई। दो जनवरी को सुनवाई  हुई थी। राज्य सरकार  की तरफ से हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया गया कि छात्रों ने स्वयं ही विश्वविद्यालय का गेट तोड़ा था। विश्वविद्यालय प्रशासन के बुलाने पर परिसर में पुलिस गई थी। परिसर के भीतर पुलिस ने कोई फायरिंग नहीं की, न ही आवश्यकता से अधिक बल का प्रयोग किया।

एसएसपी ने दी थी सफाई

सरकार की तरफ से घटना के समय की सीसीटीवी फुटेज भी सीडी के माध्यम से कोर्ट में दाखिल की गई है। सारी बातों को एसएसपी आकाश कुलहरि पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं। वहीं, याची की तरफ से घटना की एसआइटी से जांच कराने की मांग करते हुए कुछ अधिकारियों के नाम भी सुझाए गए थें। याचिका की सुनवाई कर रही इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर व न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की खंडपीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। इसको लेकर अलीगढ़ के शहरवासी एवं एएमयू बिरादरी में बेहद उत्सुकता रही।


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