सपा-बसपा मिलकर भी नहीं ले पाए थे भाजपा के बराबर वोट
बात लोकसभा चुनाव-2014 की है। यूपीए की लगातार दस साल की सरकार के बाद अचानक ऐसी लहर चली कि सपा और बसपा के प्रत्याशी मिलकर भाजपा प्रत्याशी के बराबर वोट नहीं ले पाए।
अलीगढ़ (जेएनएन)। बात लोकसभा चुनाव-2014 की है। यूपीए की लगातार दस साल की सरकार के बाद अचानक ऐसी लहर चली कि सपा और बसपा के प्रत्याशी मिलकर भाजपा प्रत्याशी के बराबर वोट नहीं ले पाए। मगर इस बार इस बार तीन दलों के गठबंधन में रालोद भी शामिल है। पांच साल बाद परिस्थिति बदली हैं, इसलिए इस बार सबकी नजर लगी हुई है।
सांसद सतीश गौतम को मिले पांच लाख 14 हजार 622 वोट
भाजपा से प्रत्याशी सतीश कुमार गौतम को पांच लाख 14 हजार 622 वोट लेकर नंबर एक पर रहे थे। दूसरे नंबर पर रहे बसपा के अरविंद कुमार सिंह को दो लाख 27 हजार 888 मिले थे। सपा के प्रत्याशी जफर आलम को दो लाख 26 हजार 284 वोट मिले थे। सपा और बसपा के प्रत्याशी के वोट मिलाए जाएं को चार लाख 54 हजार 172 वोट मिले। सपा और बसपा के वोट मिलाकर भाजपा के 60 हजार 450 वोट अधिक मिले है। कांग्र्रेस प्रत्याशी 62 हजार 674 वोट लेकर चौथे नंबर पर रहे।
भाजपा से तय नहीं हुआ अभी प्रत्याशी
इस बार सपा, बसपा और रालोद ने मिलकर संयुक्त प्रत्याशी उतारा है। वह पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। हांलाकि भाजपा की ओर से अभी कोई नाम तय नहीं हुआ है। सभी की निगाहें भाजपा के प्रत्याशी पर टिकी हुई हैं। यदि प्रत्याशी असरदार होगा तो निश्चित ही इसके परिणाम चौकाने वाले होंगे। अहम बात यह है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के सामने दावेदार खुद को असरदार बता रहे हैं।