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मृतकाश्रित कोटे में नौकरी के लिए भटक रहा बाबू का बेटा

सरकारी विभागों में सेवाकाल के दौरान कर्मचारी के आश्रित को योग्यतानुसार नौकरी दिए जाने का प्राविधान है ताकि परिवार के भरण-पोषण में कोई परेशानी न हो।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 02:04 AM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 02:04 AM (IST)
मृतकाश्रित कोटे में नौकरी के  लिए भटक रहा बाबू का बेटा
मृतकाश्रित कोटे में नौकरी के लिए भटक रहा बाबू का बेटा

जासं, अलीगढ़ : सरकारी विभागों में सेवाकाल के दौरान कर्मचारी के आश्रित को योग्यतानुसार नौकरी दिए जाने का प्राविधान है, ताकि परिवार के भरण-पोषण में कोई परेशानी न हो। स्वास्थ्य विभाग में अपने ही कायदे-कानून हो गए। सीएमओ के अधीन मृतकाश्रित कोटे में युवक को ज्वॉइनिग न कराने का मामला सामने आया है। जबकि, सप्ताहभर पूर्व निदेशालय से भी आदेश आ चुके हैं। पीड़ित ने सीएमओ को पत्र भी लिखा है।

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सीएमओ के अधीन लिपिक नरेंद्र कुमार सिन्हा का सालभर पूर्व निधन हो गया था। योग्यता व नियमानुसार उनके बेटे आदित्य कुमार सिन्हा ने मृतक आश्रित के रूप में नौकरी के लिए दरख्वास्त की। निदेशालय ने बेसिक हेल्थ वर्कर के पद पर नियुक्ति दे दी। आदित्य ने अयोध्या जाकर एक वर्ष का प्रशिक्षण प्राप्त किया। निदेशालय ने उन्हें अलीगढ़ में तैनाती दे दी। 19 अक्टूबर को इस आशय का पत्र भी जारी कर दिया। इसमें सीएमओ को अभ्यर्थी के सभी प्रमाणपत्रों की जांच कर नियुक्ति पत्र जारी कर महानिदेशालय को अवगत कराने के निर्देश दिए गए। 22 अक्टूबर को आदित्य ने प्रमाणपत्र सीएमओ कार्यालय में प्रस्तुत किए। इसके बाद भी ज्वाइनिग नहीं हुई है।


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