कभी मदद के नाम पर तो कभी हमदर्द बनकर बुजुर्गों को टारगेट बना रहे बदमाश Alligarh news
यह तो मात्र चंद उदाहरण हैं। जिले में इन दिनों कार सवार लुटेरे सक्रिय हैं और बुजुर्ग और पेंशनर को सॉफ्ट टारगेट बना रहे हैं। बुजुर्गों को चाचा व बाबा कहने वाले बदमाश मदद के नाम पर तो कभी लिफ्ट देने के नाम पर नकदी लूटकर फरार हो जाते हैं।
रिंकू शर्मा, अलीगढ़ : यह तो मात्र चंद उदाहरण हैं। जिले में इन दिनों कार सवार लुटेरे सक्रिय हैं और बुजुर्ग और पेंशनर को सॉफ्ट टारगेट बना रहे हैं। बुजुर्गों को चाचा व बाबा कहने वाले बदमाश मदद के नाम पर तो कभी लिफ्ट देने के नाम पर उन्हें डरा-धमका कर नकदी लूटकर फरार हो जाते हैं। ज्यादातर बदमाशों के निशाने पर बैंक व डाकघर के आस-पास रुपयों का लेन-देन करने वाले बुजुर्ग होते हैं। बदमाशों को खूब पता है कि बुजुर्ग न तो उनका पीछा कर सकते हैं और न ही तेज आवाज में शोर मचा सकते हैं। इससे वारदात के बाद भागने में आसानी भी होती है। पुलिस भी ऐसे मामलों में गंभीरता नहीं बरतती है, जिससे बदमाशों के हौसले बढ़े हुए हैं।
केस -एक
देहलीगेट इलाके के नीवरी निवासी हरवीर ङ्क्षसह राजस्व विभाग से रिटायर हो चुके हैं। 21 सितंबर को बारहद्वारी स्थित बैंक शाखा से पेंशन के रुपये निकालकर पैदल ही घर जा रहे थे। उसी दौरान कार सवार तीन बदमाशों ने मदद के नाम पर लिफ्ट देकर रास्ते में धमका कर जेब में रखे 15 हजार रुपये लूट लिए।
केस -2
खैर क्षेत्र के गौमत के रहने वाले श्यामबाबू किसान हैं। किसी काम के लिए 25 सितंबर को बैंक से रुपये निकाल कर आ रहे थे। तभी कार सवारों ने पता पूछने के लिए उन्हें रोक लिया और चाकू दिखाकर दस हजार रुपये छीन ले गए।
केस - 3
पिसावा के मढ़ा हबीबपुर निवासी बुजुर्ग राजेंद्र कुमार पांच अक्टूबर को पिसावा की एसबीआइ शाखा से पांच हजार रुपये निकाल कर आ रहे थे। रास्ते में उन्हें कार सवार चार बदमाशों ने गांव तक छोडऩे की कहकर बैठा लिया। रास्ते में पोस्तिका बंबा के पास रुपये छीनकर भाग गए।
पुलिस के सुझाव
बिना जांच-पड़ताल व पहचान के किसी वाहन में लिफ्ट न लें और न ही किसी के बहकावे में आएं। जब भी किसी संकट में आएं तो घबराएं नहीं और सूझबूझ का परिचय दें। कोशिश करें कि रुपयों का लेन-देन करने के लिए अकेले बैंक या डाकघर न जाएं। संभव हो तो घर के किसी सदस्य या अपने करीबी को साथ लेकर जाएं। जब भी बदमाशों के चंगुल में फंस जाएं तो जोर-जोर से शोर मचाएं। घटना की सूचना पुलिस को जरूर दें, ताकि ऐसे बदमाशों को आसानी से पकड़ा जा सके।
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इनका कहना है
बैंक व डाकघर के आस-पास पुलिस फोर्स मुस्तैद रहती है। बैंक ग्राहकों को भी सुरक्षित लेन-देन की जानकारी दी जाती है। थानों में भी पेंशनर को लेकर हरेक तीन माह पर बैठक होती है, जहां पेंशनर की सुरक्षा व उनकी समस्याओं का समाधान किया जाता है। फिर भी लूटपाट की वारदातों को अंजाम दे रहे गैंग को चिन्हित कर जल्द कार्रवाई की जाएगी।
शुभम पटेल, एसपी देहात