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जरा सा पैर फिसला और हो गया फ्रैक्चर

जासं अलीगढ़ बदलती जीवनशैली गलत खानपान व अन्य कारणों से लोग हड्डियों से जुड़ी ऑस्टियोपो

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 02:04 AM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 05:09 AM (IST)
जरा सा पैर फिसला और  हो गया फ्रैक्चर
जरा सा पैर फिसला और हो गया फ्रैक्चर

जासं, अलीगढ़ : बदलती जीवनशैली, गलत खानपान व अन्य कारणों से लोग हड्डियों से जुड़ी ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी से ग्रस्त हो रहे हैं। यह ऐसी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति की हड्डियां इतनी कमजोरी हो जाती हैं कि आसानी से फ्रैक्चर होने लगता है। यह बीमारी इसलिए भी खतरनाक है, क्योंकि इसकी चपेट में आने पर कई बार सिर्फ झुकने, फिसलने, ब्रेकर पर झटका खाने या छींकने भर से ही हड्डियों में फ्रैक्चर हो जाता है। पुरुषों से ज्यादा महिलाएं इसकी चपेट में हैं।

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20 फीसद युवा, 80 फीसद बुजुर्ग

कांता हॉस्पिटल के वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण गर्ग ने बताया कि ऑस्टियोपोरोसिस में हड्डियों की मजबूती व घनत्व कम हो जाता है। खोखली होने लगती हैं। वजह कैल्शियम की कमी ही है। बढ़ता प्रदूषण, बदला खानपान व जीवनशैली से भी बीमारी बढ़ रही है। यह बीमारी 40 वर्ष की आयु के बाद ही होती थी। अब युवाओं में भी दिखने लगी है। मोबाइल, इंटरनेट व अन्य गैजेट्स के प्रचलन से लोग व्यायाम व टहलना भूल गए। फास्ट फूड का चलन बढ़ा है। कुछ हार्मोंस व एंजाइम की बचपन से ही कमी होने के कारण भी समस्या हो जाती है। 20 फीसद युवा व 80 फीसद बुजुर्ग बीमारी की चपेट में हैं। ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव के लिए दूध व दूध से बने पदार्थों का सेवन करें। मल्टीग्रेन आटा भी लाभप्रद होता है। मिलावटी खानपान भी समस्या

सुखसागर हॉस्पिटल के वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. जीके सिंह के अनुसार ऑस्टियोपोरोसिस को लेकर भयावह स्थिति है। महिलाओं में इन्फर्टिलिटी की समस्या बढ़ रही है। हमारी शारीरिक गतिविधियां बिल्कुल कम हो गई हैं। खाने की वस्तुएं मिलावटी व असुरक्षित हैं। डायबिटीज, हाइरपटेंशन व थायराइड जैसी बीमारियों के चलते भी कैल्शियम का क्षरण हो रहा है। धूमपान व नशे की प्रवृत्ति बढ़ने से भी लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं। दो या तीन घरों में इस बीमारी का मरीज मिल जाएगा। ये भी रखें ध्यान

- डायट में प्रोटीन रिच फूड शामिल करें। प्रोटीन हड्डियों के घनत्व को बढ़ाता है।

- वजन को नियंत्रित रखें। ज्यादा दबाव से हड्डियों का क्षरण होने लगता है।

- 18 से 50 साल की महिलाएं व पुरुषों को रोज करीब 1000 मिलीग्राम कैल्शियम और इससे ज्यादा की उम्र के लोगों को 1000 मिलीग्राम कैल्शियम इनटेक रखना चाहिए ताकि हड्डी मजबूत रहें।

- विटमिन डी टेस्ट करवाते रहें। इसकी कमी कैल्शियम को कम नहीं होने देती है।

- रोज व्यायाम करें। हेवी न कर पाएं तो वॉकिग, जॉगिग या फिर योग करें।


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