धुंध से आसमान 'अंधा ', आंखों में जलन टीबी व सांस रोगियों की बढ़ी परेशानी Aligarh News
वायु प्रदूषण से धुंध बढ़ गई है। आसमान ही अंधा दिखने लगा है। आंखों में जलन हो रही। गले में खरांश की शिकायत रही। सांस व टीबी के मरीजों की परेशानी बढऩे लगी है।
अलीगढ़ (जेएनएन)। मौसम के बदले मिजाज व वायु प्रदूषण से धुंध बढ़ गई है। आसमान ही अंधा दिखने लगा है। आंखों में जलन हो रही। गले में खरांश की शिकायत रही। सांस व टीबी के मरीजों की परेशानी बढऩे लगी है। हालांकि, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड वायु प्रदूषण कम होने का दावा कर रहा है। विभाग के मुताबिक, गुरुवार को रेस्परेबल सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर (आरएसपीएम-10) 166.32 प्रतिघन मीटर रहा। यह न्यूनतम 100 प्रतिघन मीटर होना चाहिए। इस आंकड़े के अनुसार वायु प्रदूषण अभी भी बहुत ज्यादा है। यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स मापने के साधन नहीं हैं। इसके चलते वायु प्रदूषण की माप की स्थिति स्पष्ट नहीं है। मेडिकल कॉलेज में टीबी व सांस के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। गुरुवार को 250 मरीज पहुंचे। सामान्य दिनों में यह संख्या 150-200 रहती थी। दिल्ली-एनसीआर में एयर इंडेक्स 483 व पीएम-10 की मात्रा 500 तक पहुंच चुकी है। ऐसे में प्रदूषण विभाग के आंकड़ों पर शंका है।
ठंडक के चलते धुंध बढ़ेगी
अलीगढ़ में 13 नवंबर को पीएम-10 -168.24 व पीएम-2.5- 66.40 प्रति घन मीटर रहा। गुरुवार को पीएम-2.5 बढ़कर 72.14 प्रतिघन मीटर हो गया। मौसम विशेषज्ञ डॉ. सकुन सिंह का कहना है कि हवा में कई तरह की गैस रिएक्शन कर सेकेंडरी पार्टिकल बना रही हैं। इस कारण भी लोगों को परेशानी महसूस हो रही है। आने वाले दिनों में भी यह कम नहीं होगी। ठंडक के चलते धुंध बढ़ेगी।
वायु प्रदूषण घटा
क्षेत्रीय अधिकारी रामगोपाल का कहना है कि आसमान में स्मॉग व फॉग का मिश्रण है। वायु प्रदूषण घटा है। यह बदलते मौसम का असर है। वायु प्रदूषण कम करने के लिए उपाय किए जा रहे हैं।
वायु प्रदूषण का है असर
जेएन मेडिकल में टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट के चेयरमैन प्रो.मोहम्मद शमीम का कहना है कि लोगों में सांस लेने में परेशानी हुई। दमा के मरीजों की संख्या बढ़ी है। नए मरीज भी आए है। गले में खरांश की परेशानी भी बताई। यह वायु प्रदूषण का असर है।
कम है रोकथाम के दावे
मौसम विशेषज्ञ डॉ.शकुन सिंह का कहना है कि आसमान में धुंध बढ़ी है। इसकी रोकथाम के जितने दावे किए जा रहे हैं, वे कम हैं। देहात में पुआल व अन्य फसलों का कचरा जलाने का सिलसिला जारी है।