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त्वचा रोग विशेषज्ञ ने दिया परामर्श: बीच में बंद न करें दाद का इलाज, स्टेरायड क्त्रीम से बचें

चिलचिलाती धूप व उमस से दाद खाज खुजली छाज मुहासे एलर्जी आदि की परेशानी बढ़ गई है। इलाज से भी फायदा नहीं हो रहा।

By Edited By: Published: Sat, 18 May 2019 08:38 AM (IST)Updated: Wed, 29 May 2019 04:18 PM (IST)
त्वचा रोग विशेषज्ञ ने दिया परामर्श: बीच में बंद न करें दाद का इलाज, स्टेरायड क्त्रीम से बचें
त्वचा रोग विशेषज्ञ ने दिया परामर्श: बीच में बंद न करें दाद का इलाज, स्टेरायड क्त्रीम से बचें
अलीगढ (जेएनएन)। चिलचिलाती धूप व उमस से दाद, खाज, खुजली, छाज, मुहांसे, एलर्जी आदि की परेशानी बढ़ गई है। इलाज से भी फायदा नहीं हो रहा। मरीज परेशान हैं कि करें तो क्या करें? हेलो जागरण में रसलगंज स्थित स्किन केयर एंड कास्मेटिक सेंटर के संचालक व त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. महेश वाष्र्णेय ने इसी पर परामर्श दिया। उन्होंने मरीजों को त्वचा रोगों से बचाव के साथ ही उपचार की पूर्ण जानकारी दी।

13 साल की बेटी के पूरे शरीर पर फोड़े-फुंसी हो गए हैं। चेहरे पर ज्यादा परेशानी है। - कमलेश, सासनी।
- सर्वप्रथम बेटी की शुगर चेक कराएं। नहाने के बाद शरीर पर मॉश्चराइजर न लगाएं। खूब पानी पीएं, हरी सब्जियां और मौसमी फल खाएं। तैलीय चीजों से परहेज करें।

दाद की समस्या है। दवा से फायदा हो जाता है, मगर बंद करते ही फिर परेशानी शुरू हो जाती है। - चंद्रवीर, गभाना।
- दाद का इलाज तीन-चार माह तक चलता है। ठीक होने के बाद भी एक माह तक दवा खानी होती है। बीच में इलाज छोड़ देने से दाद बार-बार उभर आते हैं।

पैर के पंजे पर एड़ी के पीछे तक दाने, खुजली व जख्म से हो गए हैं। - सोनू, हाथरस।
-डॉक्टर की सलाह से पांच दिन एंटीबायोटिक दवा खाएं। क्रीम भी लगाएं।

पूरे परिवार को दाद हो गई है। सभी परेशान हैं। कोई उपचार बताएं। - हसमत अली, जीवनगढ़।
- सही इलाज न होने से दाद पूरे परिवार में फैल जाता है। अब सभी सदस्यों को एक साथ इलाज लेना पड़ेगा। साफ-सफाई का ध्यान रखें। शरीर को सूखा रखने के लिए सूखा रखें। डॉक्टर की सलाह से ही दवा बंद करें। बाजार से खरीदी स्टेरायड क्रीम बिल्कुल ल लगाएं।

गर्मी में मुहांसे हो गए हैं। कोई उपचार बताएं। - धनंजय, रशीदपुर गोरना।
- गर्मी में सीवम प्रोडक्शन बढऩे से रोम छिद्र बंद हो जाते हैं। यही मुहांसे का कारण है। दिन में दो-तीन बार साबुन से चेहरा धोएं। डॉक्टर की सलाह से जैल व अन्य दवा लें।

बालों में न लगाएं खिजाब
कई मरीजों ने माथा व आंखों के नीचे कालापन की शिकायत की। डॉ. वाष्र्णेय ने बताया कि बाल काले करने के लिए इस्तेमाल होने वाली डाइ में केमिकल होते हैं, जिससे माथा व आसपास की त्वचा संवेदनशील हो जाती है। इससे धूप आदि से कालापन आ जाता है। इसलिए बालों में डाइ की बजाय हरी मेहंदी लगाना ठीक है।

 ऐसे करें त्वचा का बचाव
- सुबह और शाम के समय ही घर से बाहर निकले
- दोपहर में बाहर जाएं तो सनस्क्रीन (30 एसपीएफ) जरूर लगाएं।
- फूल आस्तीन के कपड़े पहनकर ही बाहर जाएं। 
- खूब पानी पीएं, बालों में तेल न लगाएं। 
- सनबर्न स्किन के लिए एंटीऑक्सीडेंट वाले हल्के लोशन का इस्तेमाल करें।
इन्होंने लिया परामर्श
अतरौली से कुंवरपाल सिंह, ख्याति, सुशील, पटवारी नगला से कशिश फातिमा, नई बस्ती से नेहा, महावीर गंज से अनिता गर्ग, डिबाई से ललित कुमार, एटा चुंगी से राजकुमारी आदि।

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