अलीगढ़ ऊपरकोट बवाल की जांच करेगी एसआइटी,कोतवाली में अब तक नौ मुकदमे दर्ज Aligarh News
ऊपरकोट बवाल के बाद से कोतवाली नगर देहलीगेट क्वार्सी व सिविल लाइन थाने में दर्ज मुकदमों की जांच एसआइटी (विशेष जांच टीम) करेगी। बवाल से अब तक 13 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।
अलीगढ़ [जेएनएन]: ऊपरकोट बवाल के बाद से कोतवाली नगर, देहलीगेट, क्वार्सी व सिविल लाइन थाने में दर्ज मुकदमों की जांच एसआइटी (विशेष जांच टीम) करेगी। बवाल से अब तक 13 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।
यह है मामला
बवाल के बाद ऊपरकोट कोतवाली में अलग-अलग नौ मुकदमे दर्ज कराए गए। देहलीगेट, क्वार्सी में एक-एक व सिविल लाइन में दो मुकदमे दर्ज हुए। इन मुकदमों की जांच व विवेचना के साथ कार्रवाई का जिम्मा एसआइटी को सौंपा गया है।
एसपी क्राइम के नेतृत्व में बनी टीम
एसएसपी मुनिराज ने बताया कि एसपी क्राइम डॉ. अरविंद कुमार के नेतृत्व में नेतृत्व में बनी एसआइटी में सीओ प्रथम विशाल पांडेय, क्राइम ब्रांच में इंस्पेक्टर रामकेश, सुरेश बाबू, सुरेंद्र कुमार, रफीक परवेज, छत्रपाल सिंह, विनोद मिश्रा व चार दारोगाओं को शामिल किया गया है। एसआइटी रविवार को हुए बवाल के बाद कोतवाली समेत अन्य थानों मेें दर्ज मुकदमों की जांच करेगी। मुकदमों से संबंधित वादी, साक्ष्य संकलन, बयान, सीसीटीवी फुटेज व वीडियो आदि का परीक्षण व आकलन भी यह टीम करेगी। टीम विभिन्न बिंदुओं पर जांच कर उपद्रव में भूमिका अदा करने वालों को चिह्नित करने के साथ कारणों की जांच भी करेगी। पुलिस इन मुकदमों में नामजद व पहचाने गए उपद्रवियों की धरपकड़ के लिए गोपनीय योजना बना रही है।
शाहजमाल व पुरानी चुंगी पर धरना जारी
शाहजमाल ईदगाह पर चल रहा धरना गुरुवार को 31वें दिन जारी रहा। देर रात तक नारेबाजी होती रही। दोपहर के वक्त महिलाओं की संख्या कम रही। नमाज भी यहीं अदा की। शाम को भीड़ बढ़ी। प्रदर्शनकारी शाहीनबाग की तरह धरने पर बैठे हैं। उनका एलान है कि जब तक शाहीनबाग में धरना चलेगा, हम भी जमे रहेंंगे। धरने को समाप्त कराने के अफसरों के प्रयास सफल नहीं हो रहे हैैं। खुफिया विभाग की मानें तो एएमयू की कुछ छात्राएं घर-घर जाकर लोगों से धरने में शामिल होने की अपील कर रही हैं। पुलिस भी ऐसे लोगों को चिह्नित कर उनके नाम मुकदमों में बढ़ा रही है। सिविल लाइन क्षेत्र के पुरानी चुंगी पर चल रहा धरना भी चौथे दिन जारी रहा। यहां एएमयू छात्रों के साथ स्थानीय महिला-पुरुष जमे हैैं। वे सरकार विरोधी नारेबाजी कर सीएए को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं।