अलीगढ़, जागरण संवाददाता। Aligarh News : राज्यसेवा कर विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा (एसआइबी) ने बुधवार को चार बड़ी फर्म व कंपनियों पर एक साथ छापा मारा। 32 से अधिक अधिकारियों की चार टीम व फोर्स ने सुबह 11 बजे से कार्रवाई शुरू की। यह देर रात तक जारी है। एक्सपोर्ट यूनिटों पर हुई इस सर्वे-छापों से निर्यातकों में भी खलबली मची रही। जांच अधिकारियों को बड़े स्तर पर जीएसटी अदायगी में गड़बड़ी व आइटीसी का फर्जी दावा व क्लेम की भी आशंका है। टीम खरीद व फरोख्त के बिल व विल्टी, कच्चा माल व तैयार व प्रोससिंग में मिले माल की गणना कर रही है।
सुबह ही वाणिज्यकर भवन में एकत्रित हुए अफसर
राज्यसेवा कर के एडिशनल कमिश्नर आरएन शुक्ला व एडिशनल कमिश्नर एसआइबी उदय प्रताप सिंह के निर्देश पर सुबह अफसरों को ताला नगरी स्थित वाणिज्यकर भवन में एकत्रित किया गया। डिप्टी कमिश्नर एसआइबी पंकज सिंह व संजीव कुमार, असिस्टेंट कमिश्नर सुखराम वर्मा व राजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में फोर्स के साथ चार टीमें रवाना की गई। तीन टीमों ने पला रोड स्थित राजीव अग्रवाल प्लस प्वाइंट की एक्सपोर्ट यूनिट व उनकी ताला नगरी सेक्टर वन स्थित प्लस प्वाइंट सिक्योरिटी डिवाइस पर एक साथ छापा मारा।
कर्मचारियों का आवागमन रोका
पलारोड स्थित एक बड़े प्रांगण में प्लस प्वाइंट बिल्ड वेयर प्राइवेट लिमिटेड, प्लस प्वाइंट ब्रास वेयर व प्रखर मार्केटिंग कंपनी की जांच शुरू हुई। शुरूआत में टीम के अधिकारियों ने कर्मचारियों का आवागमन रोक दिया। फर्म मालिक राजीव अग्रवाल प्लस प्वाइंट से सहयोग के लिए कहा। इस पर अग्रवाल ने पूरा सहयोग किया। समाचार लिखे जाने तक टीम खरीद फरोख्त के बिल, विल्टी का मिलान कर रही है। पंकज सिंह ने बताया है कि पहले कुछ फर्मों की जांच हुई थी। जहां आइटीसी में बड़े स्तर पर गड़बड़ी कर फर्जी क्लेम ले लिया था। उन फर्मों पर अग्रवाल की फर्मो के साथ कारोबार होना मिला था। जीएसटी चोरी व आटीसी का फर्जी क्लेम लेने से इन्कार भी नहीं किया जा सकता। जांच चल रही है।
व्यापारी संगठनों के विरोध के दबाव में नहीं आए अफसर
सुबह 11 बजे से शुरू हुई कार्रवाई देर रात तक चलती रही। इस जांच की जानकारी उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के महानगर अध्यक्ष सतीश माहेश्वरी, चेयरमैन ओपी राठी, कोषाध्यक्ष श्रीकिशन गुप्ता, महामंत्री दिनेश कुमार अग्रवाल, संयुक्त व्यापारी संघर्ष समिति के मनीष बूल, अनिल सेंचुरी, हरिकिशन अग्रवाल सहित अन्य व्यापारी नेताओं को हुई। इन्होंने मौके पर जाकर विरोध किया। मगर इनकी एक नहीं चली। जांच स्थल पर यह पहुंचे गुस्से में थे। मगर अफसरों के तर्क व विधिक जानकारी देने पर ठंडे होकर वाहर निकले। विरोध के दौरान तमासवीन लोगों की भीड़ भी लगी रही। मगर अफसर किसी के दबाव में नहीं आए। किसी भी जनप्रतिनिधि के न पहुंचने पर व्यापारियों में गुस्सा दिखा। उनका तर्क था कि संकट की घड़ी में जनप्रतिनिधियों ने पीठ फेर ली है।
इनका कहना है
जीएसटी की कार्रवाई की आड़ में किसी भी उद्यमी का शोषण बर्दाश्त नहीं होगा। अफसरों के किसी भी दबाव में नहीं आएंगे। रहा सवाल जिन फर्मों ने टैक्स अदायगी में गड़बड़ी की है, उनका ठीकरा फोड़ना उचित नहीं है। फर्म के मालिक की शहर में अच्छी छबि है। उन्होंने टीम को पूरा सहयोग किया है। हम चाहते हैं जबरन टैक्स व जुर्माना न थोपा जाए।
- डा. राजीव अग्रवाल, भाजपा के पूर्व महापौर प्रत्याशी