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श्रीकृष्ण ने पढ़ाया था सच्ची मित्रता का पाठ, वर्तमान में बदल गयी परिभाषा

वर्तमान में मित्रता की परिभाषा ही बदल गयी है जबकि मित्रता स्‍वयं में एक परिपूर्ण रिश्‍ता है। भगवान श्रीकृष्‍ण ने संसार को सच्‍ची मित्रता का पाठ पढ़ाया है। मनुष्‍य को अपने कर्म नहीं भूलने चाहिए। सच्‍चे मित्र को श्रीकृष्‍ण और सुदामा की तरह होना चाहिए।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Fri, 27 May 2022 11:00 AM (IST)Updated: Fri, 27 May 2022 11:43 AM (IST)
श्रीकृष्ण ने पढ़ाया था सच्ची मित्रता का पाठ, वर्तमान में बदल गयी परिभाषा
ठठोई में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में प्रवचन देते व्यास पं. मुकेश शास्त्री महाराज।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता।  मित्रता स्वयं में एक परिपूर्ण रिश्ता है। मित्रता से बड़ा कोई संबंध नहीं है, लेकिन वर्तमान में मित्रता की परिभाषा बदल गई है, जबकि भगवान श्रीकृष्ण ने संसार को सच्ची मित्रता का पाठ पढ़ाया है। उक्त प्रवचन क्षेत्र के इगलास के गांव ठठोई में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में व्यास पं. मुकेश शास्त्री महाराज ने कहे।

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मनुष्‍य को अपना कर्म नहीं भूलना चाहिए

उन्होंने कहा कि जब सुदामा भगवान श्रीकृष्ण से मिलने द्वारिका आए तो कृष्ण ने सुदामा के फटे कपड़े नहीं देखे, बल्कि मित्र की भावनाओं को देखा। मनुष्य को अपना कर्म नहीं भूलना चाहिए। अगर सच्चा मित्र है तो श्रीकृष्ण और सुदामा की तरह होना चाहिए। जीवन में मनुष्य को श्रीकृष्ण की तरह अपनी मित्रता निभानी चाहिए। इसी के साथ व्यास जी ने सात दिवस से चल रही भागवत कथा का विश्राम दिया।

ये लोग रहे उपस्‍थित

इस मौके पर परिक्षत अमर सिंह, रामबती देवी, सरोज, मनोरमा, शशी, ममता, ओमबती, सुनीता, रेखा, अनीता, राधिका, प्रीती, चंचल, मधु, राजू, जसवंत, डालचंद, गोविंदा, प्रहलाद, कुलदीप, उमेश, मदन, लक्ष्मण, रवि, हरवंश, बृजेश, जुगेंद्र, गोपाल, कृष्णा, बोबी, बिनोद, धर्मवीर, महेंद्र, श्यामू, राजकुमार, राजू, रामजीलाल, विजय, दीपक, राहुल, सोनू, बंटी, काना, नितिन, ओजस, विपिन वशिष्ठ आदि थे।

बलिदानियों को किया नमन

अलीगढ़ । उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल की महानगर व जिला इकाई की ओर से बुधवार को शहीद दिवस मनाया गया। बलिदानियों को व्यापारियों को श्रृद्धांजलि दी गई। कुर्बानियों को याद कर नमन किया गया। महानगर व्यापार मंडल के रेडियो मार्केट स्थित कार्यालय पर महानगर अध्यक्ष मास्टर ओमप्रकाश ने बताया कि कहा की 26 मई 1979 को सर्वप्रथम हमारे लखनऊ के हरीश चंद्र अग्रवाल ने व्यापारियों के हित में बलिदान दिया गया। इनका नाम हमेशा हमेशा के लिए स्वर्णिम इतिहास में लिखा गया है। इस मौके पर प्रदेश मंत्री विजय गुप्ता, युवा महानगर अध्यक्ष दीपक वार्ष्णेय, विवेक गुप्ता, विष्णु गुप्ता, धर्मेंद्र, रौनक, सौरभ, हरिओम, गौरव,रवि, आशीष बजाज, आशीष राजा, अनुज आदि व्यापारी मौजूद रहे। जिला इकाई की ओर से बारहद्वारी स्थित अमित श्रीवास्तव की प्रतिष्ठान पर युवा प्रदेश चेयरमैन मानव महाजन, जिलाध्यक्ष भूपेंद्र वाष्र्णेय, प्रदेश मंत्री सर्वेश चंद्र वाष्र्णेय, युवा जिलाध्यक्ष हेमंत गर्ग आदि ने बलिदानी व्यापारियों को नमन कर श्रृंद्धजिल अर्पित की। इस मौके पर अमित श्रीवास्तव, दिनेश अग्रवाल, ध्रुर्वेश चंद्र वाष्र्णेय, भगवान दास, सुनील कुमार,अमित गुप्ता, सौरव वार्ष्णेय, सुनील कुमार,सौरभ गुप्ता,आदित्य राज सोनकर, अशोक कुमार, इमरान राजा, आमिर, अंकित अग्रवाल, प्रफुल्ल मल्होत्रा आदि लोग मौजूद रहे।


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